
● दोनों सगी बहनों का एक साथ चयन होने से परिवार में छायीं खुशियां।
● दोनों बहनों का इकलौता भाई दस साल पहले हो गया था लापता।
प्रवाह ब्यूरो
बदायूं। एक पिता जिसने तंग हालत में भी गुजर बसर कर अपनी अपनी बेटियों को शिक्षित बनाया। हालात जब अधिक बदतर हुए तब भी उसने बेटियों की शिक्षा नहीं रोकी बल्कि बदायूं के कादरचौक में साइकिल पंचर की दुकान खोल दी।
आज पंचर की दुकान चलाने वाले देव सिंह के घर में खुशियों का माहौल है क्योंकि देव सिंह की दोनों बेटियां उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही बन गई हैं। बीते 15 जून को दोनों को नियुक्त पत्र मिला तो परिवार में खुशियां छा गईं। देव सिंह का इकलौता बेटा है, जो दो साल पहले लापता हो गया था। दोनों बेटियों के सिपाही बनने पर घर में वापस खुशी लौट आईं। ट्रेनिंग पर जाने से पहले दोनों बहनों का भव्य स्वागत किया गया। गांव के लोगों ने उनको शुभकामनाएं दीं और क्षेत्र में दोनों बेटियों का एक साथ उत्तर प्रदेश पुलिस में चयन होना चर्चा का विषय बन गया लोग कहते नजर आए कि ईश्वर जिसे देता है छप्पर फाड़ कर देता है।
दोनों बेटियों को गांव वासीयों ने धूमधाम से ट्रेनिंग के लिए किया रवाना।
कादरचौक ग्राम पंचायत का नाम रोशन करने वाली दोनों बहनों को गांववालों ने सम्मान सहित व धूमधाम से ट्रेनिंग के लिए रवाना किया। सिपाही में चयन होने से पूर्व सुजाता गौतम ने ब्लॉक में पंचायत सहायक के रूप में काम भी किया था। इन बहनों का इकलौता भाई अभिनव था, जो दो साल पहले लापता हो गया। परिजनों ने उसकी तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिला।
पिता देव सिंह आंखों में खुशी के आंसू छलाकते हुए बोले कि एक लंबे अरसे बाद आज मैं बहुत खुश हूं। हमने झोपड़ी में रहकर दिन गुजारे, लेकिन बच्चों की पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बेटियों ने नाम रोशन किया है। एक बेटी और है, उसे भी खूब पढ़ाऊंगा, जिससे वह भी अपनी बहनों की तरह काबिल बन सकें।
इस मौके पर प्रधान दिनेश कुमार, एडीओ पंचायत शिवकुमार के अलावा गांव के सैकडों लोग मौजूद रहे।