इंश्योरेंस कार्यप्रणाली में अभी और सुधार की जरूरत।

● ग्रीन टी में आयोजित सेमिनार में संभल पुलिस की कार्रवाई के आधार पर बीमा क्षेत्र की खांमियों पर हुआ मंथन।

● 100 करोड रुपए से अधिक रकम हड़पने का मामला पकड़ने वाली टीम भी सम्मानित।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। सोमवार को संभल के चंदौसी स्थित लेमन ट्री होटल में बीमा क्षेत्र के सुधारों से संबंधित एक दिवसीय सेमिनार आयोजित की गई। जिसमें प्रतिभागियों को चार समूह में बांटा गया था। जिनको 40 मिनट आपस में गोष्ठी कर, प्रत्येक समूह को 10 मिनट की प्रस्तुति देनी थी जिसके निर्धारित 5 ऑवर्स में नीतिगत सुधारों को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
जहां वक्ताओं ने बीमा क्षेत्र की कार्य प्रणाली में आधारभूत सुधार लाने पर विचार विमर्श किया। जिससे भविष्य में इस तरह के संगठित गिरोह पुनः सक्रिय हो बीमा के नाम पर धोखाधड़ी आदि न कर सकें। इस सेमिनार में बीमा क्षेत्र की चार दर्जन से अधिक कंपनियां, जांच अधिकारियों और पुलिस कर्मियों आदि ने भाग लेकर मौजूद खामियों, नीतिगत सुधारों व तकनीक समाधान पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। जिसमें एएसपी संभल अनुकृति शर्मा ने अपनी प्रेजेंटेशन देकर बताया कि बीते एक दशक में किस प्रकार इस बीमा हड़प गैंग ने गरीब, अल्प शिक्षित व भोले-भाले व्यक्तियों के नाम पर बीमा कराकर करोड़ों की बीमा राशि हड़प ली। इस शातिर गैंग ने न सिर्फ मरणासन्न व मृत व्यक्तियों का बीमा कराया बल्कि चार ऐसी हत्याएं भी की जिन्हें सड़क दुर्घटना दर्शाकर बीमा क्लेम ही हड़प लिया। जिसमें संभल, अमरोहा, मुरादाबाद व बदायूं में अब तक 17 एफआईआर दर्ज कर 50 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा चुका है। इसमें न सिर्फ गिरोह के आम सदस्य बल्कि इनके अलावा ग्राम आशा, ग्राम सचिव, ग्राम प्रधान, पीओएस एजेंट, बीमा एजेंट, बैंक प्रबंधक, जांचकर्ता अधिकारी, जांच एजेंसी के मालिक आदि भी शामिल पाए गए। जिसके चलते ईडी ने भी उपरोक्त केस दर्ज किया। 
सेमिनार में इस अवसर पर धोखाधड़ी रोकने के लिए कंपनियों के बीच डेटा साझा करने, जांच एजेंसियों के मानक निर्धारण व फील्ड में प्रमाणीकरण के लिए तकनीकी टूल्स का प्रयोग आदि जैसे सुझाव अभिव्यक्ति किए गए।

सम्मेलन में पैनल के माध्यम से भी विचार विमर्श किया गया। इसमें बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा क्षेत्रों में विनियामक और परिचालन संबंधी खामिंयों की पहचान और अपेक्षित सुधार को लेकर चर्चा हुई। जिसमें एसपी कृष्ण कुमार, कोटक लाइफ के चीफ रिस्क ऑफिसर सारंग चीमा, एसबीआई लाइफ के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर रजनीश मधुकर, आईएचआईआरएम के निदेशक रमेश खरे और टाटा एआईजी के ईवीपी वरेंद्र पाल सिंह आदि शामिल हुए।
इस विचार गोष्ठी से कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रकाश में आए जैसे बीमा कंपनियों में समन्वय की आवश्यकता, बीमा क्षेत्र में नए कानून की आवश्यकता, सेक्शन 45 पर पुनः विचार, इन्वेस्टिगेटर की सुरक्षा, इन्वेस्टिगेशन कंपनियों के लिए मानक निर्धारित करना, विभिन्न एपीआई से रेड फ्लैग को पहचानना, पुलिस और बीमा कंपनियों के बीच परस्पर संवाद और सहयोग के तरीके आदि।

वहीं दूसरी ओर बीमा क्लेम हड़पने वाले गिरोह का खुलासा करने वाली टीम को एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया और कहा पुलिस हर तरह के वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई तो करेगी ही साथ ही वित्तीय क्षेत्र में संस्थागत सुधारों के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी। मुझे उम्मीद है कि इससे धोखाधड़ी को रोकने में काफी हद तक मदद होगी।
इस सेमिनार में जहां बीमा क्षेत्र की लगभग सभी कंपनी के प्रतिनिधि, जांच अधिकारी व पुलिस कर्मी आदि शामिल हुए।

संभल से हिमालय शर्मा की रिपोर्ट…

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