यूपी में अब 50 छात्र संख्या वाले प्राइमरी स्कूल नहीं होंगे मर्ज।

शिक्षा मंत्री बोले- मर्ज हो चुके स्कूलों में शुरू की जाएगी बाल वाटिका, पढ़ेंगे 3 से 6 साल के बच्चे।

शिक्षा मंत्री ने कहा एक भी टीचर का पद नहीं किया जाएगा समाप्त।

प्रवाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित प्राथमिक और प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज करने के आदेश के बाद शिक्षा मंत्री ने 50 की छात्र संख्या वाले प्राइमरी स्कूलों को मर्ज नहीं करने को कहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि 50 छात्र संख्या वाले किसी भी स्कूल को बंद नहीं किया जाएगा और न ही किसी भी टीचर का एक भी पद समाप्त होगा।
उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों के मर्जर पर सरकार द्वारा फैसला लिया गया है। जहां सर्वप्रथम सरकार ने 100 छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने का आदेश दिया था।
इसके बाद 50 छात्र संख्या वाले स्कूलों की बात सामने आई।
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शिक्षकों द्वारा इसका विरोध भी किया गया। हाई कोर्ट में भी याचिका डाली गई।
जहां बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर किसी भी स्कूल को मर्ज नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही 50 या इससे अधिक छात्र संख्या वाले किसी भी स्कूल को मर्ज नहीं किया जाएगा। इसके अंतर्गत जो भी स्कूल मर्ज हो चुके हैं उन्हें रद्द करते हुए पुनः संचालित किया जाएगा।
50 से कम संख्या वाले मर्ज हुए स्कूलों में बाल कल्याण विभाग के सहयोग से बाल वाटिका शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मर्ज हो चुके स्कूलों में बाल वाटिका की शुरुआत करते हुए उसमें 3 से 6 साल तक के बच्चों को पढ़ाया जाएगा।
कोई भी स्कूल बंद नहीं होगा। साथ ही किसी भी शिक्षक का पद भी समाप्त नहीं किया जाएगा।
जून 2025 में प्राइमरी स्कूलों के मर्ज करने के सरकार के आदेश के अनुसार अब तक 10 हजार से अधिक स्कूलों का मर्जर हुआ है।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि सरकार शिक्षा भारती के खिलाफ नहीं है। छात्र और शिक्षक अनुपात के अनुसार 50 छात्र संख्या वाले स्कूलों में एक विषय अध्यापक के साथ दो सहायक अध्यापक भी नियुक्त किए जाएंगे।
मर्जर किए गए स्कूलों में महिला और बाल कल्याण विभाग के सहयोग से बाल वाटिका चलाई जाएगी, जिसमें 3 से 6 साल तक के बच्चों को पढ़ाया जाएगा।

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