
◆ 87 हजार क्यूसेक तक पहुंचा जल, डीएम बोले- अभी स्थिति ठीक है।
◆ कहा- 2.50 लाख क्यूसेक से अधिक होने पर बढ़ सकता है खतरा।
प्रवाह ब्यूरो
संभल। पहाड़ों पर निरंतर हो रही बारिश के कारण गंगा के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में किनारे बसे गांव और कस्बों में भी जल आने की संभावना को देखते हुए सोमवार को डीएम राजेंद्र पैंसिंया व एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई संबंधित अधिकारियों के साथ स्वयं निरीक्षण करने गंगा तट पहुंचे और अधिकारियों को निर्देशित किया। उनके साथ एडीएम प्रदीप वर्मा, एसडीएम गुन्नौर डॉ. वंदना मिश्रा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस बार प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। जनपद में 16 बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है। साथ ही गंगा नदी में बेरिकेडिंग कर सुरक्षा व्यवस्था के लिए गोताखोर भी नियुक्त किए गए हैं।

वर्तमान में गंगा नदी से 87 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। पानी खेतों तक पहुंच गया है। प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में पिछली बार 2010 में 5 गावों में पानी आया था। जहां उस समय कोई जनहानि आदि नहीं हुई थी और न ही किसी को आश्रय लेने की आवश्यकता पड़ी थी। उन्होंने बताया कि ईसमपुर डांडा का तटबंध लगभग 11.7 किलोमीटर लंबा है। यह तटबंध 2.5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी आने पर भी ढाई हेक्टेयर से अधिक भूमि को जलमग्न होने से बचाता है। जिसमें भी मुख्य रूप से आस पड़ोस के 5-6 गांव प्रभावित होते हैं। किन्तु पूरे 11.7 किलोमीटर क्षेत्र में कुल 22 गांव आते हैं।
जहां उन्होंने बताया कि जनपद में हरि बाबा बांध तटबंध भी है। प्रशासन ने इसका भी अनुसरण किया है। साथ ही सिंचाई विभाग संभल के साथ-साथ बदायूं खंड के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं।
जहां डीएम राजेंद्र पेंसिया ने आस्वस्थ किया कि अभी तो स्थिति सामान्य है। कोई विपरीत स्थिति उत्पन्न होती है तो पिछले साल की तरह इस बकर भी ठोकरें निर्मित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की जनहानि और पशु हानि होने दी जाएगी। जिसके लिए प्रशासन बेहद सतर्क एवं मुस्तैद है।