संभल में गंगा का जल स्तर बढ़ा, 87 हजार क्यूसेक तक पहुंचा, अभी खतरा नहीं।

जिलाधिकारी बोले – अभी स्थिति सामान्य और अधिक बढ़ा तो करेंगे इंतजाम।

87 हजार क्यूसेक तक पहुंचा जलस्तर, 2.50 लाख क्यूसेक से अधिक जाने पर बढ़ सकता है खतरा।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल के गुन्नौर तहसील क्षेत्र के राजघाट गंगा घाट पर गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन अभी भी खतरा के निशान से ऊपर नहीं है। 87 हजार क्यूसेक तक जलस्तर पहुंच चुका है। अधिक जलस्तर बढ़ने से आसपास के दर्जनों गांव चपेट में आने की संभावना रहती है। लेकिन 2.50 लाख क्यूसेक तक जलस्तर पहुंचने पर जाकर खतरा उत्पन्न हो जाता है। बीते सोमवार को गंगा के जलस्तर बढ़ने की सूचना पर जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण बिश्नोई निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। जहां उनके साथ सिंचाई विभाग के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। वर्तमान में 87 हजार क्यूसेक तक जलस्तर पहुंच चुका है।
राजघाट गंगा घाट पर बढ़ रहे जलस्तर की सूचना पर जिलाधिकारी ने सोमवार को गंगा घाट का निरीक्षण किया था। लगभग एक फुट गंगा बैराज पर जलस्तर बढ़ गया था, मंदिरों तक पानी पहुंचने लगा था।  वहीं दूसरी तरफ नरौरा बैराज पर भी गंगा का जलस्तर बढ़ गया है।
जलस्तर बढ़ने से दुकानदारों ने भी अपने ठेले हटा लिए हैं।

जलस्तर बढ़ने की सूचना पर जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया तथा एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई व सिंचाई विभाग के अधिकारी तथा गुन्नौर उप जिलाधिकारी वंदना मिश्रा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचे थे।
जिलाधिकारी ने बताया कि जल स्तर बढ़ा है, लेकिन अभी स्थिति ठीक है। ईसमपुर डांडा निकट बने बांध लाखों हेक्टर भूमि तथा आसपास के गांव को बाढ़ की चपेट से बचने का कार्य कर रहा है।
अभी हमारे यहां गंगा का जलस्तर 87 हजार क्यूसेक तक पहुंचा है। यदि ढाई लाख क्यूसेक से अधिक पहुंचता है तो खतरा उत्पन्न हो जाता है।

जिलाधिकारी ने कहा कि अभी स्थिति ठीक है यदि खतरा बढ़ता है, जलस्तर बढ़ता है तो इंतजाम किए जाएंगे।
जहां गुन्नौर तहसील प्रशासन भी बाढ़ से बचाव हेतु चौकियां बनाने की तैयारी में जुटने लगा है। ईसमपुर डांडा के नजदीक स्नान करने के लिए बने कच्चे घाट और वहीं मंदिर को जाने वाली सड़क भी लगातार हुई बारिश के चलते कटान से कट गई है। इतना ही नहीं आसपास खड़ी धान की फसल पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है।
बाढ़ के प्रबंध से बचने के लिए प्रशासन द्वारा 16 बाढ़ चौकियां बनाई जा रही हैं। जिस पर राजस्व कर्मियों की तैनाती व बाढ़ से बचाव हेतु निर्देशित किया गया है। इसके अलावा प्रबंधन दल और शरण स्थल  भी बनाए गए हैं।
बाढ़ की संभावना होने पर बाढ़ की चपेट में आसपास के 42 गांव बाढ़ से प्रभावित होने की संभावना रहती है। राजघाट गंगा घाट पर लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।

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