
◆ मेला कमेटी के साथ डीएम, एसपी कर चुके हैं संयुक्त वार्षिक सभा का आयोजन।
◆ 25 अगस्त से 14 सितंबर तक चलेगा उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध गणेश चौथ मेला।
◆ भव्य रूप से तैयार की जा रही गणपति बाबा की प्रतिमा।
प्रवाह ब्यूरो
संभल। मिनी वृंदावन के नाम से प्रसिद्ध संभल के चंदौसी नगर में गणेश चौथ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। जिला प्रशासन द्वारा भी तैयारियों को लेकर मेला कमेटी के साथ बैठक आयोजित कर आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक गणेश चौथ मेला इस बार और भी भव्य रूप में मनाया जाएगा। मुंबई के प्रसिद्ध गणेश महोत्सव की तर्ज पर आयोजित होने वाले इस मेले में रथ यात्रा की मुख्य झांकी को इस बार कृत्रिम सीप से सजाया जा रहा है। कलाकार दिन-रात इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं। आगामी 25 अगस्त से प्रारंभ होने वाले गणेश चौथ मेला 14 सितंबर तक चलेगा।
बीते दिनों मेला कमेटी के साथ वार्षिक सभा के आयोजन के दौरान उप जिलाधिकारी चंदौसी द्वारा मेला से संबंधित विषय में जिलाधिकारी को अवगत कराया गया था। मेला टेंडर प्रक्रिया और मेल विद्युत कनेक्शन को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई थी। विद्युत विभाग और टेलीफोन विभाग को विद्युत पोल और टेलीफोन पोल से संबंधित जानकारी दी। जल निगम शहरी को मेला स्थल पर हेड पंपों की मरम्मत कराने तथा आवश्यकता होने पर हेडपंप लगाने के निर्देश दिए।

रोडवेज विभाग से मेला के समय चंदौसी में अस्थाई बस स्टॉप तैयार करने के निर्देश दिए गए। गणेश मूर्ति विसर्जन के अंतर्गत मिट्टी या गोबर से तैयार मूर्ति ही विसर्जित करने के लिए जागरूक करने को कहा। अग्निशमन विभाग को मेला स्थल के पास छोटे अग्निशमन वाहन प्रयोग करने के लिए भी निर्देश दिए। पुलिस एवं यातायात व्यवस्था को लेकर भी आवश्यक निर्देश दिए गए। 27 अगस्त को होने वाली रथ यात्रा दिवस पर पार्किंग की उचित व्यवस्था को लेकर निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि मेला स्थल प्लास्टिक मुक्त होना चाहिए। जहां पेयजल और साफ सफाई की व्यवस्था रहनी चाहिए। मेला में दुकानों के लिए जो स्थान निर्धारित किया गया है, उससे आगे दुकान नहीं बढ़नी चाहिए। जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि एक जूनियर इंजीनियर प्रतिदिन मेला स्थल का निरीक्षण करेंगे जिससे कि विद्युत सुचारु रूप से संचालित रहे। स्वास्थ्य विभाग को भी शिविर लगाने की निर्देश दिए गए। इसके अलावा शिविर में आयुर्वेद तथा योग एवं होम्योपैथी का भी व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। सीसीटीवी कैमरों को लेकर भी आवश्यक निर्देश दिए गए। मेला कमेटी के सदस्यों से भी सुझाव प्राप्त किए गए।

बता दें कि मेला गणेश चौथ का मुख्य आकर्षण स्वचालित रथ यात्रा रहती है। इस दिन जनपद में स्थानीय अवकाश घोषित किया जाता है। इसे देखने के लिए प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों से भी लोग आते हैं। जिसे डा. गिरीराज किशोर ने 1961 में पहली बार अपने हाथ से भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति बनाकर चन्दौसी नगर में भ्रमण कराया। उस दौरान मंदिर के पास में पूजा-अर्चना के लिए एक-दो प्रसाद की दुकानें ही लगा करती थीं। झांकी तैयार करने वाले कलाकारों का कहना है कि एक दिन पहले झांकी तैयार कर ली जाएगी। मेला गणेश चौथ पहले 7 दिवसीय होता था, लेकिन अब यह 21 दिन तक चलता है। पहले यह मेला मंदिर के आसपास में लगता था, लेकिन लोगों को हो रही दिक्कत के चलते डॉ. गिरीराज किशोर ने मेले के लिए अलग से जमीन ली और अब हर साल उसी में मेले का आयोजन किया जाता है।
◆ अस्थाई बस स्टॉप भी तैयार किया जाएगा, गणपति बाबा की मूर्ति को दिया जा रहा भव्य रूप।
चंदौसी में लगने वाले प्रसिद्ध गणेश चौथ मेले के आयोजन को लेकर जिलाधिकारी द्वारा सख्त निर्देश दिए गए हैं। मेले को प्लास्टिक मुक्त रखने के निर्देश दिए गए हैं तो वहीं गणेश चौथ मेले में सीसीटीवी कैमरा से निगरानी होगी तथा अस्थाई बस स्टॉप तैयार करने को कहा गया है।
मेला परिसर में साफ सफाई रखने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इसके अलावा मेला परिसर से बाहर दुकान लगाने पर भी रोक लगाई गई है। मेला परिसर में रास्तों को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
जहां अब की बार स्वर्ग छवि के स्थान पर गणपति बाबा की मूर्ति सिल्वर छवि अर्थात चांदी धातु के तौर पर बनाई जा रही है। जिसमें रंग-बिरंगे मोती लगाए जा रहे हैं।
वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी एसपी द्वारा पुलिस प्रशासन को शख्त निर्देशित किया गया है। साथ ही मार्गो तथा पार्किंग व्यवस्था को लेकर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।