
◆ बोलीं- कल्कि अवतार के स्थान का नाम हो ‘संभल’ यह शोभा नहीं देता।
◆ कहा- जैसे अंधे को लकड़ी का सहारा वैसे ही विपक्षियों को है मुगलों का सहारा।
प्रवाह ब्यूरो
संभल। उत्तर प्रदेश में लगातार शहरों के नाम बदलने की चर्चा के बीच अब संभल का नाम भी बदलने की मांग भी जोर पकड़ रही है। जिसके चलते प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि संभल का नाम बदलकर ‘कल्कि नगर’ रखा जाए।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरी संभल में भविष्य में भगवान श्री कल्कि अवतार होने की मान्यता है, ऐसे में इस शहर का मौजूदा नाम इसकी गरिमा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि संभल धार्मिक तीर्थ है, इसका नाम कल्कि नगर या किसी अन्य महान व्यक्तित्व के नाम पर रखा जाना चाहिए जिसे मुख्यमंत्री स्वयं उचित समझते हों। वहीं नाम बदलने का विरोध करनें पर भी उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष शहरों के मुगलिया नामों को ही महत्व देता है क्योंकि जैसे अंधे को लकड़ी का सहारा वैसे ही विपक्षियों को सिर्फ और सिर्फ मुगलों का सहारा है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि नाम बदलने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है जिसके चलते ही और उन्होंने सीएम योगी से इस मांग पर गंभीरता से पुन: विचार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि गांव आनंदपुर में जिला मुख्यालय का शिलान्यास करने मुख्यमंत्री जी आए थे, तो हमने जनता की अपील पर उनसे अनुरोध भी किया था। जैसे और शहरों का नाम बदला जा रहा है उसी प्रकार संभल का नाम भी बदलकर कल्कि नगर रख दिया जाए।
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 28 सितंबर 2011 को जनपद भीम नगर के नाम से गठन किया था। जनपद मुरादाबाद की संभल और चंदौसी तहसील के अलावा जनपद बदायूं की गुन्नौर तहसील को मिलाकर के जिला बनाया गया था। 2012 में सपा सरकार आने के बाद जनपद का नाम बदलकर संभल कर दिया गया। तब से आज तक निरंतर यही नाम प्रचलित है। प्रदेश में आठ वर्ष से अधिक बीजेपी की सरकार रहने के बावजूद भी जनपद का नाम नहीं बदल गया। अब बीजेपी सरकार की शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने स्वयं जनपद का नाम बदलने की मांग को उठाकर प्रदेश में एक नयी राजनीतिक चर्चा को हवा दे दी है।