
● गैर आबाद गांव की 326 बीघा भूमि को 58 फर्जी लाभार्थियों में बांटा था।
● वर्ष 2018 का था मामला, चकबंदी लेखपाल सहित 7 हुए थे निलंबित।
● संभल के जुनावई थाना क्षेत्र के गैर आबाद गांव सुखैला की भूमि को किया था आवंटन।
प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल जनपद में चकबंदी विभाग द्वारा एक बड़ा फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। बीते वर्ष 2018 में चकबंदी विभाग द्वारा एक गैर आबाद गांव की लगभग 326 बीघा जमीन को 58 लाभार्थियों फर्जी तरीके से बांट दिया गया। साथ ही उसमें नो चकबंदी विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी सम्मिलित थे। 2018 में चकबंदी लेखपालों सहित 7 को निलंबित कर दिया गया था। जहां आज बड़े घोटाले का खुलासा करते हुए पुलिस ने चकबंदी लेखपाल सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
संभल के गुन्नौर तहसील क्षेत्र के जुनावई थाना अंतर्गत बीते वर्ष 2 अगस्त 2018 को चकबंदी लेखपाल कुलदीप सिंह द्वारा संबंधित थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। जिसमें जुनावई के गैर आबाद गांव सुखैला की लगभग 326 बीघा जमीन को 55 लोगों के नाम आवंटित कर दिया गया था, और उन लाभार्थियों के संबंध में चकबंदी विभाग द्वारा जांच की गई तो कोई भी जानकारी उनके बारे में नहीं हो सकी। विभागीय जांच शुरू हुई तो भूमि आवंटन से संबंधित सभी दस्तावेज गायब कर दिए गए थे। कुछ ही दस्तावेज बरामद हुए थे। विभागीय जांच के बाद 67 लोगों के नाम सामने आए। जिसमें से 58 लाभार्थी तथा 9 चकबंदी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सम्मिलित थे। जिसमें चकबंदी लेखपाल कालीचरन पुत्र गोपाल सिंह निवासी कासगंज, लिपिक रामौतार पुत्र भूदेव निवासी सतयपुरी नई नरौरा जनपद बुलंदशहर, चपरासी रामनिवास पुत्र मंगल निवासी नवादा थाना शिवाला जनपद बिजनौर, चकबंदी लेखपाल मोरध्वज पुत्र होडिल निवासी हरदुआगंज जनपद अलीगढ़, चपरासी जितेंद्र कुमार पुत्र रोहित चौहान निवासी सिमौर, थाना अलीगंज जनपद एटा, बाबू मुकेश पुत्र नितिन कुमार गाड़या रंगीन जनपद शाहजहांपुर, चकबंदी लेखपाल राजीव कुमार पुत्र सोनू निवासी खाकम थाना बनियाठेर जनपद संभल। इन सात कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया जो एक साल बाद बहाल हो गए थे। जबकि चकबंदी कर्ता पवन कुमार की 2015 में मृत्यु हो गई थी। चकबंदी अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव पुत्र दयाशंकर जनपद जौनपुर के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। जिसकी विवेचना 2018 में अपराध अनुसंधान केंद्र लखनऊ को भेजी गई थी, लेकिन किसी तकनीकी कारण के चलते वापस आ गई थी।
लगातार जांच के बाद एसपी कृष्ण कुमार के निर्देश पर संबंधित थाना पुलिस द्वारा खुलासा किया गया तो सभी संबंधित अधिकारी कर्मचारियों तथा 58 लाभार्थियों को फर्जी तरीके से 326 बीघा जमीन का आवंटन कर दिया गया था। जिससे कि भविष्य में उपरोक्त भूमि पर कब्जा किया जा सके।
इनकी हुई गिरफ्तारी…….
चकबंदी विभाग के इस बड़े घोटाले में शामिल चकबंदी लेखपाल कालीचरन पुत्र गोपाल सिंह निवासी कासगंज, लिपिक रामौतार पुत्र भूदेव सिंह नरौरा, जनपद बुलंदशहर, चपरासी रामनिवास पुत्र मनुफूल नवादा जनपद बिजनौर तथा चकबंदी लेखपाल मोरध्वज पुत्र होडिल निवासी हरदुआगंज जनपद अलीगढ़ को गुन्नौर थाना प्रभारी अखिलेश प्रधान ने पुलिस टीम के साथ गिरफ्तार कर लिया।