चंदौसी में 65वें गणेश जन्मोत्सव की रूपरेखा तैयार, 25 को शुभारंभ।

घट स्थापन और द्वार पूजन के साथ शुरू होगा कार्यक्रम, पांच धर्म के प्रतिनिधि करेंगे उद्घाटन।

25 अगस्त से 14 सितंबर तक चलेगा गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम।

27 को विचरित रथयात्रा में स्वचालित झांकियां रहेंगी आकर्षण का केंद्र।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। मिनी वृंदावन के नाम से प्रसिद्ध संभल के चंदौसी नगर में भव्य रूप से आयोजित हो रहे गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की तैयारी अंतिम दौर में हैं। 25 अगस्त से 14 सितंबर तक चलने वाले 65वें गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार हो चुकी है। जिसके अनुसार 25 अगस्त को सर्वप्रथम घट स्थापन और द्वार पूजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी।
उत्तर भारत का सबसे प्रसिद्ध गणेश चौथ मेला हर वर्ष की भांति इस बार भी भव्य रूप में आयोजित होगा। 25 अगस्त से 14 सितंबर तक चलने वाले गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की तैयारियां भी अब अंतिम दौर में हैं। साफ-सफाई से लेकर विद्युत व्यवस्था तथा आवागमन और पार्किंग व्यवस्था आदि के पुख्ता इंतजामात किए गए हैं। जिसके चलते ही समस्त मेला क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही संभल जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया की पहल पर इस बार मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने हेतु भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 21 दिन तक चलने वाले गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। जहां पंच पुरोहित गंगोत्री, यमुनोत्री सहित 31 गंगा कुंडों के पवित्र जल से भगवान गणेश को महाभिषेक भी करा चुके हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह प्रसिद्ध मेला सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। मेले में सभी धर्मों के लोग बढ़चढ़ कर भागीदारी करते हैं, साथ ही देशवासियों को सांप्रदायिक एकता का संदेश देते हैं। 
इतना ही नहीं समस्त शहर में 21 दिनों के लिए भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। जिसके चलते ही यह मेला महाराष्ट्र के बाद गणेश चतुर्थी पर देश में लगने वाला सबसे बड़ा मेला है। इस दौरान भगवान गणेश की भव्य रथ यात्रा एवं झांकियां को देखने के लिए शहर में लाखों भक्त एकत्र होते हैं। चंदौसी के गणेश जन्मोत्सव को भव्य महोत्सव बनाने वाले मेला गणेश चौथ के संस्थापक डॉ. गिरिराज किशोर गुप्ता ने सन् 1962 में पहली बार एक मूर्ति बनाई, तब से ही यह क्रम आज तक निरंतर जारी है।

श्री गणेश मेला परिषद के सचिव हरि गोपाल वार्ष्णेय ने बताया कि मेला और गणेश महोत्सव निर्विघ्न संपन्न हो सके। इसके लिए मेला आरंभ से पूर्व गणेश मंदिर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है। जहां 25 अगस्त को एसडीएम व सीओ के पूजन के बाद हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म के प्रतिनिधि फीता काटकर मेले का उद्घाटन करेंगे। इस वर्ष मेले में 382 दुकानें आवंटित की गईं हैं जो पिछले वर्ष तुलना में 82 अधिक हैं। विद्यमान दुकानों में खानपान, खेल-खिलौने और दैनिक उपयोग की वस्तुएं उपलब्ध होंगी। साथ ही झूलों और मनोरंजन की भी विशेष व्यवस्था की गई है। जहां चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था रखने की चलते प्रशासन और पुलिस अधिकारी रोजाना मेला स्थल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।

1961 में प्रथम बार हाथ से बनी थी भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति ।

डॉ. गिरिराज किशोर ने गणेश भगवान की मिट्टी की मूर्ति बनाकर किया था नगर में भ्रमण।

चंदौसी में गणेश चौथ मेले का शुभारंभ सर्वप्रथम 1961 में पहली बार किया गया था। जहां डॉ. गिरिराज किशोर ने पहली बार अपने हाथों से बनाई भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति को चंदौसी नगर में भ्रमण कराया था। उस दौरान मंदिर के आसपास पूजा अर्चना के लिए सिर्फ एक-दो प्रसाद की दुकान लगा करती थीं। जहां मेला गणेश चौथ का
उस समय सिर्फ सात दिवसीय आयोजन होता था। धीरे-धीरे मान्यता बढ़ती गई और लोग जुड़ते गए। मेला मंदिर के आसपास में लगता था। जिसके चलते लोगों को दिक्कत होती थी तब डॉ. गिरिराज किशोर ने मेले के लिए अलग से जमीन लेकर हर साल मेले का आयोजन करवाया जो आज तक निरंतर जारी है।

◆ 65वें गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार….

चंदौसी में 25 अगस्त से प्रारंभ होने वाले गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार हो चुकी है जिसमें…

● 25 अगस्त को प्रथम दिन घट स्थापन और द्वार पूजन कार्यक्रम होगा। साथ ही शाम के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा गणेश जी की फूल डोल निकाली जाएगी।

जहां प्रथम दिन ही सर्वधर्म प्रतिनिधियों द्वारा भव्य मेले का उद्घाटन किया जाएगा व रात्रि में विशाल देवी जागरण का आयोजन होगा।

● 26 अगस्त को निधिवन झांकी उद्घाटन, शिव विवाह कार्यक्रम, व शाम के समय प्रतिदिन स्वांग कार्यक्रम हुआ करेंगे साथ ही रात्रि के समय नटराज रंगमंच आयोजित होगा।

● 27 अगस्त को गणेश महापूजन, रासलीला प्रतिदिन, रथ यात्रा नगर भ्रमण।

● 28 अगस्त को एक शाम मुकेश के गीतों के नाम, भोपाल रंगमंच।

● 29 अगस्त को रंगोली सजाओ, प्रतियोगिता ग्रुप डांस प्रतियोगिता।

● 30 अगस्त को फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन होगा।

● 31 अगस्त को चित्रकला प्रतियोगिता, अंताक्षरी प्रतियोगिता।

● 1 सितंबर को कैरम प्रतियोगिता, शतरंज प्रतियोगिता।

● 2 सितंबर को बाल युगल नृत्य प्रतियोगिता,मद्य निषेध कार्यक्रम, भोपाल रंगमंच, नेहरा रंगमंच।

● 3 सितंबर को ऑडियो लिप्सिंग प्रतियोगिता, उत्तर प्रदेश सरकार कार्यक्रम, रात्रि के समय भोपाल रंगमंच, नहाराज रंगमंच।

● 4 सितंबर को एक मिनट प्रतियोगिता, उत्तर प्रदेश सरकार कार्यक्रम।

● 5 सितंबर को नरान्तक वध, भारत सरकार के कार्यक्रम।
मेला ग्राउंड में नटराज रंगमंच, नाटक कल्कि अवतार।

● 6 सितंबर को श्री गणेश प्रतिमा विसर्जन, गणेश मंदिर चंदौसी से नरौरा व शाम 7 बजे मां परमेश्वरी प्रताप गायन प्रतियोगिता।

● 7 सितंबर को पतंग प्रतियोगिता तथा भारत सरकार के कार्यक्रम।
दोपहर के समय हनुमान ग्राउंड पर नटराज रंगमंच, सुर क्षेत्र गायन प्रतियोगिता।

● 8 सितंबर को मेहंदी प्रतियोगिता, मद्य निषेध कार्यक्रम, राष्ट्र को समर्पित कार्यक्रम व रात्रि 8 बजे भूपाल रंगमंच।

● 9 सितंबर को कव्वाली, उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यक्रम, रात्रि भोपाल रंगमंच, नटराज रंगमंच, कैराओके सिंगिंग प्रतियोगिता।

● 10 सितंबर को विराट कवि सम्मेलन, डॉ हरिओम पंवार व अन्य की उपस्थिति में।

● 11 सितंबर को चादर शरीफ, उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यक्रम, शाम 5 बजे गणेश मंदिर से खान बाबा मजार, मिनी बॉलीवुड स्टार।

● 12 सितंबर को देशभक्ति गीत एवं नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन।

● 13 सितंबर को बॉलीवुड नाइट, ख्याल, नृत्य नाटिका।

● 14 सितंबर को समापन समारोह एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम एवं शाम 6 बजे भूपाल रंगमंच का आयोजन।

इसके अलावा प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, तथा 26 अगस्त से प्रतिदिन मेला ग्राउंड झांकी व निधिवन दर्शन आदि कार्यक्रम भी हुआ करेंगे।

◆ देशभर में प्रसिद्ध है चंदौसी का गणेश चौथ मेला।

संभल के चंदौसी नगर में लगने वाले गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम देश भर में प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी यहां लोग मेला देखने के लिए आते हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य भर से गणेश चौथ मेला देखने के लिए श्रद्धालु आते हैं। मेला कमेटी द्वारा विशेष रूप से भव्य तैयारियां की जा रही हैं।
मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक गणेश चौथ मेला के रूप में जाना जाता है। मुंबई के प्रसिद्ध गणेश महोत्सव की तर्ज पर मेले का आयोजन किया जा रहा है।
मेले में मुख्य रूप से रथ यात्रा की मुख्य झांकी तैयार की जा रही है। जिसे कृत्रिम सीप से सजाया जा रहा है। गणेश चौथ मेला के दौरान मंदिर पर महिलाओं द्वारा संकीर्तन भी किया जाता है।

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