
◆ आरक्षित नंबर निजी वाहनों को देने के मामले में जांच में दोषी पाए जाने पर की गई कार्रवाई।
प्रवाह ब्यूरो
रामपुर। रामपुर जनपद में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। जिसके चलते मुरादाबाद के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) राजेश सिंह ने थाना सिविल लाइंस में एक अभियोग दर्ज कराया है। आरोप है कि सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित नंबर सीरीज को निजी वाहनों को आवंटित कर दिया गया, जिससे गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।
इस मामले में रामपुर के सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) राजेश श्रीवास्तव, डीबीए रामेश्वर नाथ द्विवेदी और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला 3 सितंबर 2025 को अखबार में छपी खबर व ईमेल से मिली शिकायत के पश्चात सामने आया।
जांच में पाया गया कि UP22BG सीरीज, जो सिर्फ सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित थी, जिसको 27 अप्रैल से 12 अगस्त 2025 के बीच निजी वाहनों को जारी कर दी गई। उप परिवहन आयुक्त बरेली की जांच में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। जहां आरोपियों ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 41(6) और सीएमवीआर नियम 50 का उल्लंघन किया। जिसके लिए आरोपित अधिकारियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और सरकारी नंबर सीरीज निजी वाहनों को दे दी। इस कार्य से न केवल सार्वजनिक सुरक्षा और लोक व्यवस्था प्रभावित हुई, बल्कि टोल राजस्व को भी नुकसान पहुंचा। लोक सेवक होने के बावजूद अपनी पदासीन स्थिति का दुरुपयोग करते हुए सरकारी पहचान दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई।
जिस पर शनिवार को परिवहन आयुक्त ने शासन को एआरटीओ रामपुर के निलंबन की संस्तुति करते हुए आरटीओ मुरादाबाद को एफआईआर कराने के आदेश दिए थे। जिसमें आरटीओ मुरादाबाद की तहरीर के आधार पर एआरटीओ रामपुर समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।