◆ संभल में हाल ही में सीओ से एएसपी बने थे अनुज कुमार चौधरी।
◆ अनुज चौधरी को फिरोजाबाद में एडिशनल एसपी ग्रामीण बनाया गया।
प्रवाह ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने 44 पुलिस अफसरों को इधर से उधर किया है। जिसमें संभल के चर्चित अनुज चौधरी भी सम्मिलित हैं जिन्हें फिरोजाबाद में एएसपी ग्रामीण का पद दिया गया है। अनुज चौधरी हाल ही में सीओ से एएसपी बने थे। अनुज कुमार चौधरी खेल कोटा से एएसपी के पद तक पहुंचने वाले यूपी के पहले पुलिस अफसर बन गए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को 44 पुलिस अफसर का ट्रांसफर कर दिया है। जिसमें सीओ से एएसपी बनने वाले 17 पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। इसके साथ ही 13 डिप्टी एसपी भी ट्रांसफर किए गए हैं। संभल के चर्चित व सीओ से एएसपी बने अनुज कुमार चौधरी संभल में अत्यंत चर्चा में रहे। जामा मस्जिद की सर्वे के दौरान हिंसा को काबू करते समय स्वयं गोली लगने से घायल भी हो गए थे। जिनके पैर में गोली लगी थी। इसके अलावा वह अपने अन्य बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं। इतना ही एसपी अनुज चौधरी धार्मिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
हाल में ही इन्हें योगी सरकार ने सीओ से एएसपी बनाया था। जिसके चलते ही खेल कोटा से एएसपी के पद तक पहुंचने वाले ये यूपी के पहले पुलिस अफसर बने थे। अब पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा जनहित में किये गये तबादलों के अनुक्रम उन्हें संभल से फिरोजाबाद में एएसपी ग्रामीण का पद दिया गया है।
प्रवाह ब्यूरो लखनऊ। सीएम योगी ने बाराबंकी जिले में छात्रों की समस्या पर सख्त संज्ञान लिया है। लाठी चार्ज को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने अयोध्या के मंडलायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक को जांच के निर्देश दिए है। इधर एबीवीपी छात्रों पर हुए लाठी चार्ज को लेकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए क्षेत्राधिकारी नगर हर्षित चौहान को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं नगर कोतवाली प्रभारी आरके राणा और गदिया चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। सरकार ने आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार को मामले की जांच सौंपी है। इसके अलावा अयोध्या कमिश्नर गौरव दयाल को यूनिवर्सिटी की वैधता की जांच के आदेश भी दिए हैं। जिसके चलते ही मंगलवार दोपहर 2:30 बजे कमिश्नर गौरव दयाल और आईजी प्रवीण कुमार यूनिवर्सिटी पहुंचे। उन्होंने लाठीचार्ज की घटना की जांच की। इधर, छात्राओं की पिटाई से नाराज एबीवीपी छात्रों ने विधानसभा का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने छात्रों को हटाने की कोशिश की तो वे सड़क पर बैठ गए। तदोपरांत पुलिस ने टांगकर उन्हें वैन में भरा और इको गार्डन ले गई। इसके अलावा छात्रों ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के बाहर भी प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्र पुलिस की गाड़ी पर चढ़ गए। छात्र यूनिवर्सिटी से विधानसभा तक पैदल मार्च निकालने वाले थे, लेकिन पुलिसवालों पर एक्शन के बाद पैदल मार्च को स्थगित कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ संभल में भी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद का फोटो हाथों में लेकर पुतला दहन किया। यह विरोध बाराबंकी के रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में किया गया। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि लखनऊ प्रशासन ने शांतिपूर्वक धरना दे रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया। यह प्रर्दशन एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा विभाग के संगठन मंत्री दिवाकर बाबरा के नेतृत्व में संभल में शंकर कॉलेज चौराहे पर किया गया।
◆ बिना वेतन इतने लंबे समय आखिर कैसी चलता रहा घर-बार।
◆ एक माह बाद रिटायर होने वाले है साहब! तब याद आया सैलरी नहीं तो पेंशन कैसे मिलेगी?
प्रवाह ब्यूरो लखनऊ। यह खबर गजब ही नहीं बल्कि हैरान करने वाली है। जी हां, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के एक अधिकारी ने पूरे 15 साल तक बिना सैलरी के नौकरी की। अब जब वह महज एक माह बाद सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, तब उन्हें एहसास हुआ कि वेतन ही नहीं लिया तो पेंशन कैसे मिलेगी। क्योंकि पेंशन तो वेतन और सेवा रिकॉर्ड पर आधारित होती है। विभागीय स्तर पर कागजी खानापूर्ति के चलते यह मामला सालों तक दबा रहा और अफसर भी चुपचाप अपनी ड्यूटी निभाते रहे। अब जब रिटायरमेंट नजदीक आया तो पेंशन के कागज़ात तैयार करने में सैलरी का पूरा रिकॉर्ड न होने की गड़बड़ी उजागर हो गई। बता दें कि लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ इंजिनियर साहब इन दिनों खासे चर्चा में हैं। है। चर्चा हो भी क्यों न? पिछले 15 साल से उन्होंने अपना सैलरी अकाउंट चेक तक नहीं किया। उन्हें पता ही नहीं चला कि वर्ष 2010 के बाद से उनके अकाउंट में सेलरी आ ही नहीं रही है। अब जब एक माह बाद साहब को रिटायर होना है तो अचानक उन्हें ध्यान आया कि अरे 15 साल हो गए सैलरी तो मिल ही नहीं रही है तो फिर रिटायर होने के बाद पेंशन कैसे मिलेगी? अब पेंशन रुकावट की उलझन देख साहब ने आनन-फानन में सैलरी बहाल करने के साथ पिछले 15 साल का वेतन देने की भी गुहार लगाई है। जांच-पड़ताल में पता चला कि 15 साल पहले साहब के घर में उनके जरूरी दस्तावेज खो गए थे। इस बीच साहब प्रमोशन पाते-पाते सीनियर पद पर पहुंच गए लेकिन अभी तक कभी सैलरी का मुंह नहीं देखा। इतना ही नहीं साहब अपने से बड़े अफसरों के इतने चहेते थे कि कभी पीडब्ल्यूडी से ज्यादा राजकीय निर्माण निगम के अहम प्रॉजेक्ट्स में लगे रहे। अब रिटायरमेंट से एक महीना पहले उन्हें सैलरी की चिंता हुई है तब विभाग को बताया कि घर पर गुम हुए दस्तावेज मिल गए है लिहाजा पिछला पूरा वेतन दे दिया जाए। मामला सामने आते ही विभाग में हड़कंप मच गया है। अब विभाग में उनकी सैलरी चर्चा में हैं। जहां लोग भी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एक अधिकारी बिना वेतन के इतने लंबे समय तक कैसे काम करता रहा और विभाग को अब तक इसकी भनक क्यों नहीं लगी।
◆ कहा- कांग्रेस ने करवाईं सामूहिक हत्या, सपा ने डाला उनके पाप पर पर्दा, अब मिलेगी सजा।
◆ संभल में 659 करोड़ की 222 विकास परियोजनाओं का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण व शिलान्यास।
◆ संभल जामा मस्जिद के ऊपर हेलीकॉप्टर के लगाए तीन राउंड।
प्रवाह ब्यूरो संभल। संभल में हिंसा के बाद पहली बार संभल पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद के लिए 659 करोड़ रुपए की 222 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया। साथ ही संभल के पुरातात्विक इतिहास का वर्णन करते हुए विपक्ष पर हमला बोला। संभल आने पर मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर ने शाही जामा मस्जिद के ऊपर तीन राउंड लगाए। नवीन पुलिस लाइन में पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने बहजोई के आनंदपुर में मुख्यालय का शिलान्यास व पूजन किया। संभल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा मुख्यालय का शिलान्यास करने के लिए आए थे।
संभल में आते ही उन्होंने संभल के हिंसा विवादित शाही जामा मस्जिद के ऊपर सीएम योगी के हेलीकॉप्टर ने तीन राउंड लगाए। जिसके पश्चात बहजोई नवीन पुलिस लाइन में उनका हेलीकॉप्टर उतरा।
जहां उन्होंने नवीन पुलिस लाइन का भ्रमण किया तथा कार द्वारा जनसभा स्थल पहुंचे। तदोपरांत आनंदपुर में पहुंचने पर शिलान्यास व पूजन किया। जहां प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी साथ रहे। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभल एक सच्चाई है। जिन लोगों ने संभल के साथ पाप किया है उन्हें सजा मिलेगी। संभल को जो लोग दंगाग्रस्त बनाना चाहते थे, उन्हें कीमत चुकानी होगी।
◆ बोले- कांग्रेस ने कराईं सामूहिक हत्याएं तो सपा ने पापों पर पर्दा डाला।
संभल पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि संभल के साथ जिन लोगों ने पाप किया है, उन्हें सजा मिलेगी। संभल को दंगाग्रस्त बनाने वालों को इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि हमारे संभल में ही भगवान कल्कि के रूप में श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार होगा। इतना ही नहीं विपक्ष पर बार करते हुए योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी हत्यारों को बचाने का काम करती थी। आजादी के बाद जो भी कत्लेआम हुआ, उसकी सच्चाई यदि सामने आती तो समाजवादी पार्टी को वोट बैंक खिसकने का डर था। उन्होंने कहा कि ये लोग गरीबों पर डकैती डालने का काम करते थे। आगे बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग वोट बैंक के लिए नहीं बल्कि विरासत का संरक्षण करने के लिए आए हैं।
◆ दक्षिणा के लिए जेब पर डाली नजर तो प्रदेश अध्यक्ष ने दिए दक्षिणा के रुपए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहजोई के आनंदपुर में शिलान्यास पूजन के दौरान जब पंडित जी ने संकल्प के लिए दक्षिण मांगी तो उन्होंने अपनी जेब पर नजर डाली। इतने में वहीं बैठे प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने अपने पास से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दक्षिणा के रूप में कुछ रुपए दिए।
◆ संभल के तीर्थों को विदेशी अत्याचारियों ने अपवित्र किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संभल के तीर्थों को विदेशी अत्याचारियों ने अपवित्र कर किया है। यहां 19 कूपों पर कब्जा हो गया। उन्होंने सपा और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और सपा को डर था कि संभल की सच्चाई सामने आई तो उनका वोट बैंक खिसक जाएगा। लेकिन हम वोट बैंक के लिए नहीं आए हैं। संभल के तीर्थों का उद्धार हमारी सरकार करेगी।
◆ सीएम बोले- मैं बहन गुलाब देवी को जिला मुख्यालय के रूप में रक्षाबंधन का उपहार दे रहा हूं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैं बहन गुलाब देवी को रक्षाबंधन के त्यौहार के उपहार के रूप में जिला मुख्यालय दे रहा हूं। 2011 में जिसकी घोषणा की गई थी, लेकिन अब मुख्यालय मिला है।
◆ योगी ने कहा- संभल को अब दंगाइयों से लड़ने की शक्ति मिली है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा के दौरान कहा कि संभल को अब दंगाइयों से लड़ने की शक्ति मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी है। भगवान हर साल आते हैं, फिर आएंगे। जिन लोगों ने संभल के साथ पाप किया था, उन्हें सजा मिलेगी। चंदौसी का जिक्र करते हुए कहा कि चंदौसी को मिनी काशी कहा जाता है। यहां भगवान राम की मूर्ति स्थापित हो रही है, जिसमें हम एक बार फिर आएंगे। उन्होंने कहा कि काशी में लाखों सनातनी आकर पूजा करते हैं, अयोध्या में नई अयोध्या के दर्शन हो रहे हैं। अयोध्या और काशी में अगर ऐसा हो सकता है तो संभल में क्यों नहीं हो सकता? भगवान कल्कि की नगरी में अब विकास होंगे। संभल की सच्चाई बताने के लिए हमारे पास पुरातात्विक प्रमाण हैं। जहां चंदौसी में बजरंगबली की बड़ी मूर्ति बनी है। उन्होंने कहा कि ये संभल की धरती है। संभल को विरासत में विवाद लेकर चलने वाले कुछ लोगों को ही ऐसा लगता है यह विवादित स्थल लगता है। बोले- संभल विवादित स्थल नहीं बल्कि आस्था और विकास की भूमि।
◆ योगी बोले- भगवान कल्कि की धरा को नमन करता हूं।
जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान कल्कि की धरा को मैं नमन करता हूं। रक्षाबंधन और जन्माष्टमी से पहले मिलने वाली इन परियोजनाओं के लिए जनपदवासियों को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन पर हमारी बहनें एक सह यात्री के साथ पूरे प्रदेश में फ्री यात्रा कर सकती हैं। उनसे कोई भी किराया नहीं लिया जाएगा। संभल में 14 साल के बाद संभल को मुख्यालय मिला है और एक बड़ी पुलिस लाइन भी बनने जा रही है।
◆ सीएम ने प्रदर्शनी के दौरान गोद लिया बच्चा, कराया अन्नप्राशन।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहजोई के आनंदपुर में जनसभा के बाद प्रदर्शनी के आयोजन के दौरान जब प्रदर्शनी का अवलोकन किया तो वहीं एक महिला के गोद में दिखे बच्चे को गोद ले लिया, जिसके हाथ में खिलौना था। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चे को चम्मच से अन्नप्राशन कराया। साथ ही बच्चे को दुलारा। बच्चे पर ध्यान देने के लिए बच्चे की मां को प्रेरित किया।
◆ भूपेंद्र चौधरी ने कहा- 2017 से पहले दंगाइयों के हवाले था प्रदेश।
जनसभा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज इस पुण्य धरती पर पधारे हैं। मुख्यमंत्री ने आज करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास किया है। 2012 से 2017 तक पूरे प्रदेश में दंगे होते थे। जहां पूर्व की सरकारों ने पूरे प्रदेश को दंगाइयों के हवाले सौंप दिया था।
◆ राज्य मंत्री गुलाब देवी ने उठाई संभल के नाम बदलवाने की मांग।
जनसभा के दौरान माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप दया के भंडार हैं। संभल जिले का नाम बदल दीजिए व चंदौसी तथा बहजोई में फ्लाईओवर चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि आपसे उम्मीद है कि ये जरूर मिलेंगे। जनसभा के दौरान कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, जिलाध्यक्ष चौधरी हरेंद्र सिंह रिंकू, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. अनामिका यादव, माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी, जिला प्रभारी हेमंत राजपूत, मंत्री बलदेव सिंह औलख, पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया, उपाध्यक्ष सत्यपाल सैनी, कैला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरी महाराज, पूर्व एमएलसी परमेश्वर लाल सैनी, गुन्नौर पूर्व विधायक अजीत कुमार उर्फ राजू आदि उपस्थित रहे।
■ संभल के ग्राउंड जीरो से प्रवाह ब्यूरो की रिपोर्ट…
◆ शिक्षा मंत्री बोले- मर्ज हो चुके स्कूलों में शुरू की जाएगी बाल वाटिका, पढ़ेंगे 3 से 6 साल के बच्चे।
◆ शिक्षा मंत्री ने कहा– एक भी टीचर का पद नहीं किया जाएगा समाप्त।
प्रवाह ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित प्राथमिक और प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज करने के आदेश के बाद शिक्षा मंत्री ने 50 की छात्र संख्या वाले प्राइमरी स्कूलों को मर्ज नहीं करने को कहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि 50 छात्र संख्या वाले किसी भी स्कूल को बंद नहीं किया जाएगा और न ही किसी भी टीचर का एक भी पद समाप्त होगा। उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों के मर्जर पर सरकार द्वारा फैसला लिया गया है। जहां सर्वप्रथम सरकार ने 100 छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद 50 छात्र संख्या वाले स्कूलों की बात सामने आई। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शिक्षकों द्वारा इसका विरोध भी किया गया। हाई कोर्ट में भी याचिका डाली गई। जहां बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर किसी भी स्कूल को मर्ज नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही 50 या इससे अधिक छात्र संख्या वाले किसी भी स्कूल को मर्ज नहीं किया जाएगा। इसके अंतर्गत जो भी स्कूल मर्ज हो चुके हैं उन्हें रद्द करते हुए पुनः संचालित किया जाएगा। 50 से कम संख्या वाले मर्ज हुए स्कूलों में बाल कल्याण विभाग के सहयोग से बाल वाटिका शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि मर्ज हो चुके स्कूलों में बाल वाटिका की शुरुआत करते हुए उसमें 3 से 6 साल तक के बच्चों को पढ़ाया जाएगा। कोई भी स्कूल बंद नहीं होगा। साथ ही किसी भी शिक्षक का पद भी समाप्त नहीं किया जाएगा। जून 2025 में प्राइमरी स्कूलों के मर्ज करने के सरकार के आदेश के अनुसार अब तक 10 हजार से अधिक स्कूलों का मर्जर हुआ है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि सरकार शिक्षा भारती के खिलाफ नहीं है। छात्र और शिक्षक अनुपात के अनुसार 50 छात्र संख्या वाले स्कूलों में एक विषय अध्यापक के साथ दो सहायक अध्यापक भी नियुक्त किए जाएंगे। मर्जर किए गए स्कूलों में महिला और बाल कल्याण विभाग के सहयोग से बाल वाटिका चलाई जाएगी, जिसमें 3 से 6 साल तक के बच्चों को पढ़ाया जाएगा।
◆ मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद, 1989 बैच के टॉपर आईएएस हैं एसपी गोयल।
◆ 56वें मुख्य सचिव बने है एसपी गोयल, जनवरी 2027 में होंगे रिटायर, मनोज सिंह को नहीं मिला एक्सटेंशन, हुए सेवानिवृत।
प्रवाह ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सचिव आईएएस शशि प्रकाश गोयल बनाए गए हैं। एसपी गोयल ने लखनऊ स्थित लोक भवन सभागार में कार्यभार ग्रहण किया। जहां उन्होंने मुख्य सचिव के पद पर पदभार ग्रहण करते ही मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। इससे पहले एक वर्ष से मनोज सिंह मुख्य सचिव के पद पर तैनात थे। जिनके रिटायर होने के बाद मोदी सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया गया जहां नए मुख्य सचिव एसपी गोयल को बनाया गया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह रिटायर हो गए हैं। जिन्हें सेवा विस्तार देने के लिए केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा गया था। लेकिन उनका सेवा विस्तार नहीं किया गया। नए मुख्य सचिव के रूप में 1989 बैच के आईएएस एसपी गोयल को बनाया गया है। गुरुवार शाम को मनोज सिंह ने अपना कार्यभार एसपी गोयल को सौंप दिया। बड़े अफसर की मौजूदगी में मुख्य सचिव के पद पर अब तक रहे मनोज सिंह ने बताया कि उन्होंने इस पद पर एक साल से मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में बड़े-बड़े कार्य किए। एसपी गोयल ने पदभार ग्रहण करने के दौरान मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा करते हुए धन्यवाद दिया। जहां उन्होंने भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह सरकार की प्राथमिकताओं के साथ जीरो टॉलरेंस और जीरो क्रीम के साथ काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आप सभी का सहयोग मेरे लिए बहुत जरूरी होगा। सरकार की सभी योजनाओं को तेज गति से आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।
◆ 1989 बैच के टॉपर रहे हैं आईएएस शशि प्रकाश गोयल।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर एसपी गोयल ने पदभार संभाल लिया। एसपी गोयल 1989 बैच के टॉपर आईएएस रहे हैं। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद माने जाते हैं। एसपी गोयल इटावा में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के पद पर रह चुके हैं। इसके अलावा मेरठ, बहराइच तथा अलीगढ़ के मुख्य विकास अधिकारी के पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं। मूलत: लखनऊ के रहने वाले एसपी गोयल ने मथुरा, इटावा तथा प्रयागराज और देवरिया में जिलाधिकारी के पद पर भी कमान संभाली है। इतना ही नहीं वह केंद्र की मोदी सरकार में मानव संसाधन मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं। गोयल, गंभीर और मेहनती अधिकारी हैं जो बिना चर्चा में आए अपने काम पर यकीन रखते हैं। साथ ही किसी के दबाव में काम नहीं करते जो अब 31 जनवरी 2027 को सेवानिवृत होंगे।
● अब कुल 57691 पंचायतों में होगा मतदान, महिलाओं को मिलेंगी 33 फीसदी सीटें।
● राज्य निर्वाचन आयोग ने भी मतपेटियों के लिए जारी किये ई-टेंडर।
● सूत्रों की माने तो आगामी मार्च-अप्रैल में पंचायत चुनाव होने की जताई जा रही है प्रबल संभावना।
प्रवाह ब्यूरो लखनऊ। यूपी में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है, इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। यूपी के ग्राम पंचायतों के मौजूदा ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 2026 में खत्म हो रहा है। सूबे में करीब 57691 ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, 826 ब्लॉक प्रमुख, 3200 जिला पंचायत सदस्य और 75 जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव होने हैं। यूपी के चुनाव आयोग सूबे में पंचायत चुनाव को अगले साल हर हाल में कराने की तैयारी में है। जहां आगामी वर्ष 2026 के मार्च-अप्रैल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। साथ ही माना जा रहा है कि यह चुनाव 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले एक सेमीफाइनल की तरह होगा, जो कि सभी राजनीतिक दलों के लिए अपनी ताकत आजमाने का मौका होगा। सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ-साथ सपा, कांग्रेस और प्रदेश के छोटे दलों ने भी अकेले मैदान में उतरने की ताल ठोक दी है। जिसके बाद प्रदेश के सियासी समीकरण तेजी से बदलते दिख रहे हैं। एनडीए और इंडिया अलायन्स के दल भी अलग चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं, जिस कारण लड़ाई और दिलचस्प होती जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसमें मतपेटियों के लिए ई-टेंडर आदि जारी कर दिये गए हैं। शनिवार को पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत ग्राम पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था 2011 की जनगणना के आधार पर होगा। पूर्ववत् हर वर्ग के आरक्षण में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। साथ ही पिछले चुनाव में लागू नियमावली में निर्धारित की गई आरक्षण की रोटेशन की व्यवस्था का भी पालन किया जायेगा। राजभर ने पंचायतीराज निदेशालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ग्राम पंचायत की जो सीट पिछली बार सामान्य, पिछड़ी, महिला या अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित रही, इस बार के चक्रानुक्रम में उसकी श्रेणी में बदलाव हो सकता है। उन्होंने बताया कि जिन ग्राम पंचायतों का परिसीमन होना है, वहां उनमें सर्वे जारी है। परिसीमन का कार्य पूरा होते ही तत्काल आरक्षण की व्यवस्था पर भी विचार होगा। पंचायत चुनाव में आरक्षण व्यवस्था को बेहतर ढंग से लागू किया जाएगा। जिसके चलते ही कुछ गांवों में बदलाव हुआ है। राजभर ने कहा कि आरक्षण के कोटे में कोटा लागू कराने के लिए वे जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव किसी दल के सिंबल पर नहीं होता है। ऐसे में इस चुनाव में गठबंधन का सवाल ही नहीं है। सभी जिलों में जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान के पद पर चुनाव लड़ा जाएगा।
● डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर नई गाइडलाइंस लागू।
● वीडियोग्राफी की स्थिति में अब परिजनों से नहीं लिया जायेगा कोई पैसा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पोस्टमार्टम प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं। जिसके चलते प्रदेश भर के पोस्टमॉर्टम हाउस में अब नई व्यवस्था लागू हो गई है। शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जिसके तहत अब प्रदेश भर में पोस्टमार्टम अधिकतम चार घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से पूरा किया जाएगा। नए दिशानिर्देश के मुताबिक सूर्यास्त के बाद पोस्टमॉर्टम नियमानुसार किया जाएगा। यानी जल्द से जल्द शव के साथ पेपर पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा जाएगा। रात में पोस्टमॉर्टम करने की दशा में एक हजार वॉट की कृत्रिम लाइट की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही दूसरे जरूरी संसाधन भी पर्याप्त रूप से पोस्टमॉर्टम हाउस में उपलब्ध होने सुनिश्चित होंगे ताकि 24 घंटे पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई जारी रह सके। नए दिशानिर्देश के मुताबिक, हत्या, आत्महत्या, यौन अपराध, क्षत-विक्षत शव व संदिग्ध परिस्थितियों में होने वाले मौत के संबंध में रात में पोस्टमॉर्टम नहीं किए जाएंगे। हालांकि अपरिहार्य कारणों में जिला मजिस्ट्रेट व उनके अधिकृत अधिकारी की अनुमति के बाद ही रात में भी पोस्टमॉर्टम कराया जा सकता है। लेकिन पैनल के तहत होने वाले पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से कराई जाएगी। जिसका पैसा अब पीड़ित परिवारजनों से किसी भी दशा में नहीं लिया जाएगा। नए दिशानिर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट को ऑनलाइन भी पब्लिश किया जाए। जिसमें किसी भी तरह की कोई कोताही स्वीकार नहीं होगी। पोस्टमॉर्टम हाउस में एक कंप्यूटर ऑपरेटिव और 2 डाटा एंट्री ऑपरेटर सीएमओ द्वारा तैनात किए जाएंगे। शव को अस्पताल से पोस्टमॉर्टम हाउस ले जाने के लिए वाहन का इंतजाम भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ही किया जाएगा। नये नियम के तहत सीएमओ को प्रत्येक जिले में दो शव वाहन की व्यवस्था करनी अनिवार्य होगी। महिला अपराध, रेप, विवाह के पहले 10 सालों में होने वाली महिला की मौत की दशा में पोस्टमॉर्टम पैनल में महिला डॉक्टर को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। साथ ही अज्ञात शव की पहचान के लिए डीएनए सैंपलिंग भी कराई जाएगी।
● स्पोर्ट्स कोटा के तहत सभी खिलाड़ियों को अलग-अलग विभागों में किया गया चयन।
लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर रिंकू सिंह की सपा सांसद प्रिया सरोज से शादी हो रही है लेकिन उससे पूर्व ही योगी सरकार ने उन्हें एक बडा तोहफा दे दिया है। क्रिकेटर रिंकू सिंह अब यूपी सरकार में अफसर बनकर अपनी नई पारी की शुरूआत करेंगे। रिंकू सिंह को स्पोर्ट्स कोटे से डायरेक्ट सरकारी अधिकारी बनाया जा रहा है। अब खेल विभाग ने रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रिंकू सिंह समेत सात खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी के पद पर बुधवार को नियुक्ति के लिए चुन लिया है। क्रिकेटर रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा विभाग में बीएसए बनाया गया है, जबकि छह अन्य खिलाड़ियों को भी राजपत्रित अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए चुना गया है। नियुक्ति पाने वाले खिलाड़ियों में प्रवीण कुमार, राजकुमार पाल, अजीत सिंह, सुश्री सिमरन, सुश्री प्रीति पाल और किरन बालियान प्रमुख हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने बुधवार को रिंकू सिंह को नियुक्ति के संबंध में पत्र जारी करते हुए सभी दस्तावेज शासन को उपलब्ध करने को कहा है। इसके अलावा खिलाड़ी कोटे में नियुक्ति पाने वालों में नोएडा गोविंदनगर के पैरालंपियन प्रवीण कुमार और गाजीपुर के हाकी खिलाड़ी राज कुमार पाल को पुलिस उपाधीक्षक के पद के लिए चुना गया है तो वहीं इटावा के जैवलिन थ्रोअर अजीत सिंह यादव को जिला पंचायतीराज अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए चयन किया गया है। मेरठ की पैरा एथलीट प्रीति पाल को ग्रामीण विकास विभाग में खंड विकास अधिकारी के पद के लिए चुना गया है। मेरठ की शार्टपुट थ्रोअर किरन बालियान को क्षेत्रीय वन अधिकारी के पद के लिए चुना गया है। वहीं मोदीनगर गाजियाबाद की पैरा-एथलीट सिमरन को जिला पंचायतीराज अधिकारी बनाया गया है। इन सभी खिलाड़ियों को उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022 के नियम-7 के तहत पदस्थ जाएगा। अब इन खिलाड़ियों को इनका नियुक्ति पत्र संबंधित विभागों द्वारा जारी किया जाएगा। जिसके इन सभी खिलाड़ियों को जल्द अपने जरूरी शैक्षिक व अन्य प्रमाणपत्र शासन को उपलब्ध कराने होंगे।
● जिलाधिकारी संभल की विचारधारा की हर जगह हो रही चर्चा।
● प्रदेशवासी बोले- सभी अधिकारी इसी विचारधारा के हों तो लालफीताशाही पर स्वयं लग जाएगा अंकुश।
प्रवाह ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया का पदस्थ जनपद में कार्य करना तथा अपनी अलग ही विचारधारा के साथ लोगों की समस्याओं का निस्तारण करना एक अलग पहचान बन गया है। वह हर छोटी-बड़ी समस्या को गंभीरता से लेते हुए उसका निस्तारण करने के बाद ही दम लेते हैं। संभल में जिलाधिकारी की कुर्सी के नजदीक मेज पर रखी एक अच्छी विचारधारा तथा कर्तव्यनिष्ठ शब्दों के साथ तस्वीर प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गई है। जहां जिलाधिकारी ने अपने नाम और पद के आगे कुछ शब्द ही अलग अंदाज में लिख रखे हैं तो वही इससे हटकर कुछ और अलग विचार प्रस्तुत किए हैं। जहां उनकी मेज के आगे ‘आपकी समस्या का अंतिम पड़ाव’ लिखा हुआ है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यक्ति की समस्या आदि जनपद में कहीं किसी भी अधिकारी के पास नहीं सुनी जाती है तो यहां अंतिम आना होगा और समस्या अवश्य ही निस्तारण कराई जाएगी। इसे छोड़िए इसके अलावा उन्होंने अपनी मेज पर कुछ शब्दों में लिखा है कि “मेरी मेज पर रखी हुई प्रत्येक पत्रावली के पीछे एक व्यक्ति खड़ा अपना कार्य होने की प्रतीक्षा कर रहा है। मेरा यह कर्तव्य है कि मैं सबसे पहले इस पत्रावली का निस्तारण कर उसे व्यक्ति को राहत प्रदान करूं।” इन शब्दों को अंकित कर एक फोटो के माध्यम से उन्होंने अपनी मेज पर लगा रखा है। जिन्हें देखने के बाद जनपद वासी जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया की कार्य करने की अलग ही विचारधारा देख रहे हैं। जिलाधिकारी की इस उत्कृष्ट विचारधारा को देख लोग कह रहे हैं कि यदि सभी अधिकारी इसी विचारधारा के साथ कार्य करने लगे तो लालफीताशाही पर तत्काल अंकुश लगने के साथ स्वयं जनता का भला होने लगेगा। हालांकि जो भी हो लेकिन वर्तमान में जिलाधिकारी का कर्तव्यनिष्ठ विचारों वाला फोटो प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गया है जिसके चलते जिलाधिकारी के कार्य करने की विचारधारा की जगह-जगह प्रशंसा होती दिख रही है।