
◆ अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर रही संभल पुलिस, अब तक 67 की हो चुकी है गिरफ्तारी।
◆ बीमा माफियाओं ने उत्तराखंड, पंजाब तथा उत्तर प्रदेश के अनेकों जनपदों में तैनात कर दिए हैं अपने फर्जी कर्मचारी।
◆ जीवितों को मृत दिखाकर हड़पते हैं बीमा की धनराशि।
प्रवाह ब्यूरो
संभल। यूपी में फैले बीमा माफियाओं के मकड़जाल को संभल पुलिस निरंतर तहस-नहस करने में लगी हुई है। इसी में बुधवार को अंतर्राज्यीय गिरोह के सदस्यों का पर्दाफाश करते हुए एक और सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। जो जीवित व्यक्तियों को मृत दर्शाकर करोड़ों रुपए की धनराशि का बीमा घोटाला कर चुके हैं। संभल एसपी कृष्ण कुमार के निर्देश पर एएसपी अनुकृति शर्मा के नेतृत्व में चलाए जा रहे अभियान के तहत लगातार कार्यवाई हो रही है। गिरफ्तार किए गए बीमा माफिया के पास से पुलिस ने संबंधित उपकरण भी बरामद किए हैं। जहां संभल पुलिस द्वारा अब तक 67 बीमा माफियाओं को गिरफ्तार किया जा चुका है।
अंतर्राज्यीय गिरोह के सदस्यों का पर्दाफाश करते हुए संभल पुलिस द्वारा की जा रही लगातार कार्यवाई के अंतर्गत बीमा माफियाओं के एक और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में जिसने अपना नाम उत्तराखंड राज्य के उधम सिंह नगर जिले के सितारगंज थाना अंतर्गत अरविंद नगर गांव निवासी पंकज कुमार ढाली पुत्र अतुल चंद्र ढाली बताया। जिसके पास से पुलिस ने विभिन्न बैंकों की 39 चेक बुक 28 आधार कार्ड तथा 23 पैन कार्ड और एक लैपटॉप और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। जिसे संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया है।

◆ जीवित व्यक्ति को दर्शाया मृत, 90 लाख की कराई थी पॉलिसी।
धर्मेंद्र नाम का व्यक्ति दिल्ली का निवासी है। जो कि नशे का आदी था। जिसके चलते उसका लीवर खराब चल रहा था। धर्मेंद्र पुत्र बेनी सिंह का शादी में माफिया शाहरुख खान द्वारा फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया गया। बीमा माफिया शाहरुख खान वीरेंद्र तथा नवाज अहमद और एक अन्य व्यक्ति पंकज कुमार द्वारा धर्मेंद्र की चार बीमा पॉलिसी कराई गईं।
धर्मेंद्र के आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटो भी लगाई गई। बीते दिनों त्रिलोकी की भांति धर्मेंद्र का भी दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में हृदय घात के इलाज संबंधी अभिलेख तैयार किए गए थे। जहां तब्दील के बाद पता चला कि धर्मेंद्र नामक व्यक्ति जीवित है। धर्मेंद्र मुंबई में मजदूरी का कार्य करता है। इस धोखाधड़ी की पुलिस द्वारा सूचना मिलने पर धर्मेंद्र द्वारा भी रजपुरा थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया।

धर्मेंद्र के एक्सिस बैंक में खाते की जानकारी मिली। जिसकी ट्रांजैक्शन का भी पुलिस द्वारा अवलोकन किया गया। संपूर्ण विवेचना से ज्ञात हुआ की बीमा माफियाओं द्वारा इस केस में दो अलग तरह के वित्तीय धोखाधड़ी के मामले प्रकाश में आए। जिसमें जीवित व्यक्ति को मृत दिखा कर बीमा की राशि हड़पी गई है। दूसरा पर्सनल लोन के लिए अयोग्य व्यक्तियों के दस्तावेजों को धोखाधड़ी से तैयार कर लोन कराया गया। धर्मेंद्र द्वारा बताया गया कि उसे किसी भी खाते की जानकारी नहीं है और न ही उसने कोई पर्सनल लोन लिया है। लेकिन धर्मेंद्र ने बताया कि इससे पूर्व शाहरुख खान, कल्पना और पंकज कुमार द्वारा उससे हस्ताक्षर और फिंगरप्रिंट स्कैनिंग मशीन पर अंगूठे लगवाए गए थे, जो कि सरकारी स्कीम के लिए किए गए थे।
◆ गिरफ्तार हुआ पंकज फर्जी तरीके से संचालित करता है प्राइवेट कंपनी।
गिरफ्तार हुए पंकज कुमार द्वारा किसी भी कंपनी को खरीदना और कंपनी संबंधित सभी दस्तावेज पूरे करने का काम किया जाता था। जो भोले-भाले लोगों से डॉक्यूमेंट प्राप्त कर डायरेक्ट बना दिया जाता था। जांच में पता चला कि पंकज कुमार द्वारा वर्तमान में एक अर्श इंटरप्राइजेज कंपनी संचालित की जा रही है। जिसके दो अन्य व्यक्ति इसके डायरेक्टर हैं, जिनके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। धर्मेंद्र को भी एक कंपनी में कर्मचारी होना बताया गया है।
इसी तरह की एक और कंपनी को फर्जी तरीके से पंकज कुमार द्वारा चलाया जाता है। जहां दस्तावेजों में भी फर्जी तरीके से बदलाव कर दिया जाता है।

इसके अलावा पंकज कुमार द्वारा फर्जी तरीके से अन्य कार्य भी किए जाते थे। पंकज कुमार द्वारा धोखाधड़ी से पंजाब के गुरदासपुर, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर तथा हरिद्वार, उत्तर प्रदेश के मेरठ, बरेली, पीलीभीत, बागपत तथा मुरादाबाद के साथ अन्य जिलों के लोगों को अपनी कंपनी का कर्मचारी दिखाते हुए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निजी लोन प्राप्त कर लोन की राशि हड़पने का कार्य भी किया जाता था।