
● पूर्व मंत्री अजीत कुमार उर्फ राजू यादव ने डीपीआरओ की करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार को लेकर की थी शिकायत।
● बुधवार को संभल पहुंच गठित जांच समिति ने शुरू की जांच।
प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल जनपद में जिला पंचायत राज अधिकारी पर पूर्व मंत्री अजीत कुमार राजू द्वारा की गई करोड़ों रुपए की भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर आई जांच समिति के समक्ष डीपीआरओ ने आरोपों को निराधार बताया है।
बता दें कि अजीत कुमार उर्फ राजू यादव द्वारा मुख्यमंत्री से मनरेगा एवं राज्य वित्त योजना द्वारा कराए गए कार्यों की जांच में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार को लेकर डीपीआरओ की शिकायत की गई थी। जांच के लिए टीम गठित की गई। जिसमें मुख्य विकास अधिकारी अमरोहा और परियोजना निदेशक जिला ग्राम विकास अधिकारी अमरोहा तथा राज्य कर अधिकारी संभल के साथ अजीत कुमार उर्फ राजू यादव को दिए गए शिकायती पत्र तथा आयुक्त मुरादाबाद टीम द्वारा संभल जनपद में मनरेगा एवं राज्य वित्त योजना द्वारा कराए गए कार्य की जांच की गई। जांच में प्रारंभिक साक्ष्य लिए गए।
पूर्व मंत्री अजीत कुमार उर्फ राजू यादव द्वारा मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र देते हुए बताया गया था कि संभल में सभी विकास खंडों की सभी ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त आयोग और मनरेगा अधिनियम के अंतर्गत करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जहां ग्राम पंचायतों के नाम भी सम्मिलित किए गए थे। जिसमें मुख्य रूप से रजपुरा विकासखंड के देवरा भूरा, खजरा इनायतगंज, शाहपुर ताहरखेड़ा, रजपुरा व भैयापुर तथा गुन्नौर विकासखंड के भोजपुर, फत्तेहपुर, मेहुआ हसनगंज, जड़वार, गोठना आदि नाम रखे गए थे। जहां जुनावई के खेरियारुद्ध भी सम्मिलित था। डीपीआरओ ने बताया कि जनपद की 82 ग्राम पंचायतों की शिकायत प्रधानों को हटाए जाने को लेकर की गई थीं। जिसमें 42 ग्राम पंचायतों की जांच पूरी हो चुकी है। 11 ग्राम पंचायतों के खातों पर प्रतिबंध लगाया गया। इन ग्राम पंचायतों में 5 ग्राम पंचायतों गोठना, मेहुआ हसनगंज, नूरियो सराय, दिलगौरा तथा मुजाहिदपुर के ग्राम प्रधान द्वारा न्यायालय से आदेश प्राप्त किया गया था, जिसके पश्चात ग्राम प्रधानों के अधिकारों को बहाल कर दिया गया है। ग्राम पंचायत गुमसानी तथा चौपा शोभापुर और कमालपुर के विरुद्ध अंतिम जांच चल रही है। 40 ग्राम पंचायतों के विरुद्ध प्रारंभिक जांच चल रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी उपेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर जिला स्तरीय अधिकारियों और तकनीकी मूल्यांकन अधिकारियों से जांच कराई जाती है, जिसमें जिला पंचायत राज अधिकारी की प्रारंभिक जांच में कोई भूमिका नहीं होती।
इसलिए उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम निधि के अंतर्गत पूर्ण से पारदर्शिता के साथ कार्य कराए जा रहे हैं। जिला पंचायत राज अधिकारी ने इसका उदाहरण जनपद के 14 पीएम श्री विद्यालयों तथा 148 संभल श्री विद्यालयों में कराए गए विकास कार्यों से दिया।