सौंधन में बुलेट व ऑटो रिक्शा में टक्कर, 3 शिक्षिकाओं सहित 5 घायल।

सौंधन के रामनिवास स्मारक उदयवीर सिंह इंटर कॉलेज में जा रहीं थीं ऑटो सवार शिक्षकाएं।

कैला देवी थाना क्षेत्र के सौंधन अमावती के बीच हुआ हादसा।

बुलेट बाइक सवार द्वारा की जा रही थी स्टंट बाजी, तेज रफ्तार में ऑटो से टकराई बाइक।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल के कैला देवी थाना क्षेत्र के संभल आदमपुर मार्ग पर सौंधन अमावती के बीच बुलेट तथा ऑटो रिक्शा में टक्कर हो गई। जहां ऑटो रिक्शा में सवार 3 शिक्षिकाएं व ऑटो चालक तथा बाइक चालक गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर डायल 112 पुलिस मौके पर पहुंच गई। जिसकी मदद से घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां एक शिक्षिका की हालत गंभीर होने के चलते मुरादाबाद रेफर किया गया है।
संभल से ऑटो रिक्शा में सवार होकर प्रतिदिन कुछ शिक्षिकाएं सौंधन के रामनिवास स्मारक उदयवीर सिंह इंटर कॉलेज में पढ़ाने आती हैं। रोजाना की तरह मंगलवार को ऑटो रिक्शा में सवार होकर आंचल ,खुशी तथा शिवाक्षी तथा दो अन्य शिक्षिकाएं कॉलेज आ रही थीं। ऑटो रिक्शा चालक छोटेलाल चला रहा था। जैसे ही वह संभल आदमपुर मार्ग पर सौंधन अमावती के बीच ऑटो रिक्शा पहुंचा तो सामने से स्टंट बाजी करते हुए आ रहे बुलेट बाइक सवार ने टक्कर मार दी। जोरदार टक्कर के चलते ई-रिक्शा अगला हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। बाइक सवार भी टक्कर लगने के बाद नीचे गिर गया। अमरोहा जनपद के रहरा थाना अंतर्गत गांव निवासी बाइक सवार सत्यवीर व शिक्षिका आंचल, खुशी तथा शिवाक्षी और ऑटो रिक्शा चालक छोटेलाल गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर राहगीर भी मौके पर एकत्रित हो गए तथा डायल 112 भी पहुंच गई। पीआरवी की मदद से घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
ऑटो रिक्शा में पांच शिक्षिकाएं सवार थीं, जिनमें से दो के चोट नहीं आई है तथा तीन गंभीर रूप से घायल हो गईं। ऑटो रिक्शा में सवार शिक्षिकाओं ने बताया कि ऑटो रिक्शा चालक धीमी रफ्तार से ही ले जा रहा था लेकिन सामने से स्टंट बाजी करते हुए बुलेट बाइक सवार जो की तेज रफ्तार से आ रहा था, उसने जोरदार टक्कर मार दी।
गंभीर हालत को देखते हुए शिक्षिका आंचल को मुरादाबाद रेफर किया गया है।
स्कूल प्रबंधक ओमकार सिंह व प्रधानाचार्य तथा विद्यालय के अन्य शिक्षक दुर्घटना की सूचना पर जिला अस्पताल पहुंच गए।

किसान से रिश्वत लेते लेखपाल कृष्णेंद्र रंगे हाथों गिरफ्तार।

गुन्नौर तहसील के बहीपुर गांव में गिरफ्तार हुआ लेखपाल धनारी थाने लेकर पहुंची टीम।

एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई से क्षेत्र में मची खलबली।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। मंगलवार को गुन्नौर तहसील के धनारी थाना क्षेत्र में बहीपुर गांव में रिश्वतखोरी का एक बडा मामला सामने आया। जहां गांव में दो किसानों के बीच जमीन विवाद को लेकर पैमाइश करने पहुंचे लेखपाल कृष्णेंद्र कुमार सक्सेना को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। अक्समात हुई कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
बता दे कि धनारी थाना क्षेत्र के एक किसान ने खेत की पैमाइश कराने के लिए लेखपाल से संपर्क किया था।
किसान का आरोप है कि लेखपाल लगातार पैमाइश को लेकर उसे टालमटोल कर परेशान कर रहा था। कई बार समझाने के बावजूद वह काम करने के लिए तैयार नहीं हुआ, बल्कि उसने 12,000 रुपये की रिश्वत की मांग कर डाली। किसान ने पहले तो रिश्वत देने से मना कर दिया, लेकिन बाद में उसने सूझबूझ दिखाते हुए एंटी करप्शन टीम से संपर्क साधा और पूरी जानकारी साझा की। शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन टीम सक्रिय हुई और शुक्रवार को जाल बिछाकर कार्रवाई की योजना बनाई। मंगलवार की सुबह जैसे ही किसान ने तयशुदा रकम लेखपाल को सौंपी, टीम ने मौके पर दबिश देकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। जहां गिरफ्तार लेखपाल को एंटी करप्शन टीम धनारी थाने लेकर पहुंची।

सपा सांसद आदित्य यादव अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा कर जनता से हुए रूबरू।

सरकार पर निशाना साधते हुए बोले- देश में बढ़ रही बेरोजगारी और महंगाई से आमजनमानस त्रस्त।

सपा सांसद 5 दिवसीय दौरे के दौरान क्षेत्र में विकास कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ 12 से 16 सितंबर तक कार्यकर्ताओं और जनता से कर रहे हैं मुलाकात।

प्रवाह ब्यूरो
बदायूं। समाजवादी पार्टी के सांसद आदित्य यादव ने शुक्रवार से अपने संसदीय क्षेत्र का पाँच दिवसीय दौरा शुरू किया। इस दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में विभिन्न जगह जनता से मुलाक़ात की और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में बढ़ती बेरोज़गारी और महंगाई से आमजनमानस परेशान है।
बता दें कि सांसद आदित्य यादव 12 से 16 सितंबर तक अपनी संसदीय क्षेत्र बदायूं में रहेंगे। इस दौरान वे पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे और चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा भी करेंगे।
इसी क्रम में सपा सांसद आदित्य यादव रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र बदायूं पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में विभिन्न जगह भ्रमण कर ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नेपाल में फंसे बदायूं संसदीय क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए उन्होंने सरकार को पत्र लिखा था, जिसके बाद सभी लोग सकुशल घर लौट आए। सांसद ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, टीईटी पर शिक्षकों का विरोध और बाढ़ की गंभीर स्थिति जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा।

उन्होंने कहा कि विकास कार्य तो हुए ही नहीं, बल्कि सरकार में शामिल लोग खुद स्वीकार कर रहे हैं कि किस तरह घूस और भ्रष्टाचार के नाम पर पैसा लिया जाता है। 
उपराष्ट्रपति चुनाव पर आदित्य यादव ने कहा कि इंडिया गठबंधन एकजुट रहा। भले ही चुनाव हारे हों, लेकिन यह संदेश पूरे देश में गया है कि गठबंधन भ्रष्ट और बेईमान सरकार के खिलाफ मजबूती से खड़ा है। जीएसटी दरों में कटौती होने पर सांसद ने कहा कि विपक्ष लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था। उन्होंने सवाल उठाया कि अब तक जनता से जो लूटा गया उसकी भरपाई कौन करेगा।

बोले कि साइकिल यात्रा इस बात का प्रतीक है कि भाजपा की वोट चोर नीति अब काम नहीं आएगी। साइकिल यात्रा में सहसवान से जनप्रिय विधायक बृजेश यादव ने भी भाजपा सरकार पर तीखी टिप्पणी कीं। उन्होंने कहा कि पीडीए भाजपा को सत्ता से हटाएगी। पीडीए ने सपा की सरकार बनाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर आदित्य यादव ने क्षेत्र में भ्रमण कर विकास कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ संसदीय क्षेत्र के विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। जहां सहसवान के विधायक बृजेश यादव के साथ-साथ गुन्नौर विधायक राम खिलाडी सिंह, सांसद नीरज मौर्य, एमएलए हिमांशु यादव आदि जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

सरकारी नंबर सीरीज घोटाला : एआरटीओ रामपुर सहित तीन अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज।

आरक्षित नंबर निजी वाहनों को देने के मामले में जांच में दोषी पाए जाने पर की गई कार्रवाई।

प्रवाह ब्यूरो
रामपुर। रामपुर जनपद में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। जिसके चलते मुरादाबाद के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) राजेश सिंह ने थाना सिविल लाइंस में एक अभियोग दर्ज कराया है। आरोप है कि सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित नंबर सीरीज को निजी वाहनों को आवंटित कर दिया गया, जिससे गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।
इस मामले में रामपुर के सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) राजेश श्रीवास्तव, डीबीए रामेश्वर नाथ द्विवेदी और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला 3 सितंबर 2025 को अखबार में छपी खबर व ईमेल से मिली शिकायत के पश्चात सामने आया।
जांच में पाया गया कि UP22BG सीरीज, जो सिर्फ सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित थी, जिसको 27 अप्रैल से 12 अगस्त 2025 के बीच निजी वाहनों को जारी कर दी गई। उप परिवहन आयुक्त बरेली की जांच में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। जहां आरोपियों ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 41(6) और सीएमवीआर नियम 50 का उल्लंघन किया। जिसके लिए आरोपित अधिकारियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और सरकारी नंबर सीरीज निजी वाहनों को दे दी। इस कार्य से न केवल सार्वजनिक सुरक्षा और लोक व्यवस्था प्रभावित हुई, बल्कि टोल राजस्व को भी नुकसान पहुंचा। लोक सेवक होने के बावजूद अपनी पदासीन स्थिति का दुरुपयोग करते हुए सरकारी पहचान दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई।
जिस पर शनिवार को परिवहन आयुक्त ने शासन को एआरटीओ रामपुर के निलंबन की संस्तुति करते हुए आरटीओ मुरादाबाद को एफआईआर कराने के आदेश दिए थे। जिसमें आरटीओ मुरादाबाद की तहरीर के आधार पर एआरटीओ रामपुर समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

संभल में तीनों तहसीलों में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन।

संभल के गुन्नौर में डीएम और एसपी ने सुनी समस्याएं, निस्तारण के दिए निर्देश।

जिलाधिकारी बोले- सभी अधिकारी शिकायतों को गंभीरता से लें।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल जनपद के तीनों तहसीलों में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग संबंधित अधिकारियों द्वारा फरियादियों की शिकायतों को सुनते हुए निस्तारण के निर्देश दिए गए तो वहीं जिलाधिकारी और एसपी ने गुन्नौर तहसील सभागार में फरियादियों की शिकायतों को सुना। जहां गुन्नौर तहसील में कुल 95 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 7 का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया।
जनपद में संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान गुन्नौर तहसील सभागार में समस्याओं को सुनते हुए जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से लें।
संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान पुलिस विभाग से संबंधित शिकायतों को एसपी ने सभी संबंधित थानाध्यक्षों को निस्तारण के निर्देश दिए। गुन्नौर तहसील में 95 शिकायतें सामने आईं। जिनमें से सात शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कराया गया।
सभी शेष शिकायतों के निस्तारण के लिए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को टीम सहित मौके पर पहुंचकर निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायत का निस्तारण निचले स्तर पर ही कर दिया जाना चाहिए।
समाधान दिवस के दौरान गुन्नौर तहसील सभागार में दिव्यांग जनों की समस्याओं के लिए विशेष कैंप भी लगाया गया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. तरुण पाठक, परियोजना निदेशक डीआरडीए ज्ञान सिंह, जिला विकास अधिकारी रामाशीष, उप जिलाधिकारी गुन्नौर अवधेश कुमार, गुन्नौर तहसीलदार सहित अन्य संबंधित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

संभल में गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए गंगा घाट पर बनाए जल के दो कुंड।

गंगा में किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं करने के जिलाधिकारी ने दिए निर्देश।

जिलाधिकारी बोले – संभल जनपद में कुल 126 मूर्तियों का हुआ विसर्जन।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल जनपद में अनंत चतुर्दशी पर गणेश प्रतिमा विसर्जन कार्यक्रम के तहत जिला अधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने संबंधित अधिकारियों के साथ गंगा घाट पर पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया तथा मूर्ति विसर्जन के लिए जल के दो कुंड बनाए, जिससे की गंगा में किसी प्रकार की गंदगी प्रवाहित न की जा सके।
साथ ही जिलाधिकारी ने किसी भी प्रकार की सामग्री या फूल तथा प्रसाद को गंगा में विसर्जित करने से स्पष्ट इन्कार किया। ताकि गंगा की जल प्रदूषण को रोका जा सके।
गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई थीं। चंदौसी में भी गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणेश प्रतिमा विराजमान की गईं थीं। गणपति बप्पा भगवान की प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए अनंत चतुर्दशी के अवसर पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु गंगा घाट पर उमड़े। बबराला राजघाट पर मूर्ति विसर्जन के लिए जल से ही विशेष दो कुंड बनाए गए। जिसमें प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा सके। जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई संबंधित अधिकारियों के साथ राजघाट गंगा घाट पर पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

जिलाधिकारी ने प्रतिमा विसर्जन के लिए बनाए गए दो कुंडों को देखा। गंगा में किसी प्रकार का प्रदूषण रोकने के लिए दो कुंडों को बनाया गया था। जिसमें एक छोटा कुंड तथा एक बड़ा कुंड बनाया गया। उसी के लिए सीढ़ियां भी बनवाई गईं। गंगा घाट परिसर में सभी दुकानदारों को निर्देशित करते हुए कूड़ा डस्टबिन में डालने को कहा। साथ ही संबंधित अधिकारियों से दुकान के पास डस्टबिन रखने के निर्देश दिए। सभी दुकानदारों से गंदगी न फैलाने की भी अपील की। साथ ही गंदगी करने पर जुर्माना भी वसूलने के निर्देश दिए।
इस मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा, गुन्नौर उपजिलाधिकारी अधिकारी अवधेश कुमार, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत बबराला अमरेश तिवारी, गुन्नौर खंड विकास अधिकारी कमलकांत, जुनावई खंड विकास अधिकारी अखिलेश कुमार एवं संबंधित अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

गुन्नौर बार एसोसिएशन के शैलेन्द्र यादव अध्यक्ष व सुरेश चंद्र बने सचिव।

बोले- बार अधिवक्ताओं की समस्याओं को अनवरत उठाते रहेंगे।

कुल 274 अधिवक्ताओं ने किया अपने मताधिकार प्रयोग।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। मंगलवार को गुन्नौर बार एसोसिएशन का चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। जहां करीब 7 बजे चुनाव परिणाम की घोषणा की गई। जिसमें बार अध्यक्ष के पद पर एडवोकेट शैलेंद्र यादव ने 146 मत प्राप्त कर जीत हासिल की तो वहीं उनके प्रतिद्वंदी एडवोकेट रागिव उल्ला को 124 मत मिले। वहीं महासचिव के पद पर एडवोकेट सुरेश चंद्र यादव विजयी रहे।
बता दें कि बार वेलफेयर एसोसिएशन गुन्नौर के वार्षिक चुनाव में अध्यक्ष पद पर शैलेन्द्र यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूदेव सिंह, महासचिव सुरेश यादव, कोषाध्यक्ष चंद्रभान सिंह पाल विजयी रहे। मंगलवार को बार चुनाव में अधिवक्ताओं ने जहां सुबह 8 बजे से 4 बजे तक मतदान किया, जबकि करीब 7 बजे से मतगणना कर परिणाम घोषित किए गए। सहायक निर्वाचन अधिकारी राजेन्द्र सिंह ने बताया कि अध्यक्ष पद पर शैलेन्द्र यादव को 146 व रागिब उल्ला को 124 मत पड़े। जबकि 4 मत निरस्त हुए। शैलेन्द्र यादव को 22 मतों से जीत हासिल हुई। वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूदेव सिंह को 145 व रामाशंकर यादव 126 मत मिले।

भूदेव 19 मतों से जीते। महासचिव पद पर सुरेश चंद 172 मत व राधा कृष्ण को 97 मत मिले। सुरेशचन्द्र 75 मतों से विजयी हुए। कोषाध्यक्ष पद पर चंद्रभान सिंह पाल 211 मत व राहुल सक्सेना को 57 मत जबकि 3 मत निरस्त हुए। वहीं संचालन समिति कनिष्ठ खंड के पद पर अशोक कुमार, नरेश पाल, मंजू लता, मुनेश और मोनू शर्मा, रामवीर सिंह, सोनू कुमार चुनाव जीतें हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी धनेश चंद गौड ने बताया कि 8 अधिवक्ताओं को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जा चुका है। जिनमें उपाध्यक्ष जुगेंद्र सिंह, अजय यादव, कनिष्ठ उपाध्यक्ष शीलेन्द्र यादव, ऋषिपाल सिंह, संयुक्त सचिव प्रशासनिक राहुल पाल, लाइब्रेरियन धर्मपाल, ऑडिटर रामअवतार एवं संचालन समिति वरिष्ठ खंड के पान सिंह शामिल हैं। 
चुनाव परिणाम की घोषणा होते ही समर्थकों ने जश्न मनाया और अपने चहेते विजेता प्रत्याशी का फूल-मालाओं आदि से स्वागत किया।

एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज प्रकरण में सीएम योगी ने लिया एक्शन।

◆ बाराबंकी सीओ सस्पेंड, पूरी चौकी लाइन हाजिर।

प्रवाह ब्यूरो
लखनऊ। सीएम योगी ने बाराबंकी जिले में छात्रों की समस्या पर सख्त संज्ञान लिया है। लाठी चार्ज को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने अयोध्या के मंडलायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक को जांच के निर्देश दिए है।
इधर एबीवीपी छात्रों पर हुए लाठी चार्ज को लेकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए क्षेत्राधिकारी नगर हर्षित चौहान को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं नगर कोतवाली प्रभारी आरके राणा और गदिया चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। सरकार ने आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार को मामले की जांच सौंपी है। इसके अलावा अयोध्या कमिश्नर गौरव दयाल को यूनिवर्सिटी की वैधता की जांच के आदेश भी दिए हैं।
जिसके चलते ही मंगलवार दोपहर 2:30 बजे कमिश्नर गौरव दयाल और आईजी प्रवीण कुमार यूनिवर्सिटी पहुंचे। उन्होंने लाठीचार्ज की घटना की जांच की।
इधर, छात्राओं की पिटाई से नाराज एबीवीपी छात्रों ने विधानसभा का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने छात्रों को हटाने की कोशिश की तो वे सड़क पर बैठ गए। तदोपरांत पुलिस ने टांगकर उन्हें वैन में भरा और इको गार्डन ले गई।
इसके अलावा छात्रों ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के बाहर भी प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्र पुलिस की गाड़ी पर चढ़ गए। छात्र यूनिवर्सिटी से विधानसभा तक पैदल मार्च निकालने वाले थे, लेकिन पुलिसवालों पर एक्शन के बाद पैदल मार्च को स्थगित कर दिया।

वहीं दूसरी तरफ संभल में भी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद का फोटो हाथों में लेकर पुतला दहन किया। यह विरोध बाराबंकी के रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में किया गया। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि लखनऊ प्रशासन ने शांतिपूर्वक धरना दे रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया।
यह प्रर्दशन एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा विभाग के संगठन मंत्री दिवाकर बाबरा के नेतृत्व में संभल में शंकर कॉलेज चौराहे पर किया गया।

जैसे कश्मीर से, वैसे ही संभल से हो सकता है हिंदुओं का पलायन – आचार्य प्रमोद कृष्णम।

बोले-  कल्कि निर्माण में रोक, जागरण रोकने या मंदिरों को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया।

कहा- इन सभी के पीछे संभल की सियासत जिम्मेदार, योगी सरकार के आने से हिंदुओं में जगी है कुछ आस।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल में हिंसा को लेकर न्यायिक आयोग द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट में जहां हिंदुओं की आबादी आजादी से अब तक घटकर मात्र 15 प्रतिशत रह जाने का अनुमान बताया गया है तो वहीं घटती हुई आबादी को देखते हुए कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इसे कश्मीर की तरह हिंदुओं की संख्या संभल में भी घटने की बात कही है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपना बयान देते हुए कहा है कि हिंदुओं के साथ अत्याचार करने, मंदिरों को नुकसान पहुंचाने तथा हिंदू मुसलमानों के बीच लंबी खाई पैदा करने का काम किया गया जिसकी जिम्मेदार संभल की सियासत है।
कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपना बयान देते हुए कहा कि संभल में 40 वर्षों तक डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क की सियासत रही। आज उनके पोते सांसद हैं।
संभल में पहले कल्कि मंदिर निर्माण पर रोक लगाने, हिंदू मुसलमान के बीच खाई पैदा करने, हिंदुओं के जागरण रोकने तथा मंदिरों को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया। संभल में हिंदुओं के साथ जो भी हुआ उस सब की जिम्मेदार संभल की सियासत है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर से हिंदुओं का पालन हुआ, वैसे ही संभल से हिंदुओं का पलायन हुआ है।
योगी सरकार के आने के बाद हिंदुओं में कुछ आस जगी है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी कहा कि 2027 में  परिवर्तन हुआ तो फिर क्या होगा। जहां उन्होंने योगी सरकार से संभल के हिंदुओं की सुरक्षा का आग्रह भी किया।

गजब! बिना सैलरी 15 साल बने रहे पीडब्ल्यूडी अफसर।

बिना वेतन इतने लंबे समय आखिर कैसी चलता रहा घर-बार।

एक माह बाद रिटायर होने वाले है साहब! तब याद आया सैलरी नहीं तो पेंशन कैसे मिलेगी?

प्रवाह ब्यूरो
लखनऊ। यह खबर गजब ही नहीं बल्कि हैरान करने वाली है। जी हां, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के एक अधिकारी ने पूरे 15 साल तक बिना सैलरी के नौकरी की। अब जब वह महज एक माह बाद सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, तब उन्हें एहसास हुआ कि वेतन ही नहीं लिया तो पेंशन कैसे मिलेगी। क्योंकि पेंशन तो वेतन और सेवा रिकॉर्ड पर आधारित होती है।
विभागीय स्तर पर कागजी खानापूर्ति के चलते यह मामला सालों तक दबा रहा और अफसर भी चुपचाप अपनी ड्यूटी निभाते रहे।
अब जब रिटायरमेंट नजदीक आया तो पेंशन के कागज़ात तैयार करने में सैलरी का पूरा रिकॉर्ड न होने की गड़बड़ी उजागर हो गई।
बता दें कि लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ इंजिनियर साहब इन दिनों खासे चर्चा में हैं। है। चर्चा हो भी क्यों न? पिछले 15 साल से उन्होंने अपना सैलरी अकाउंट चेक तक नहीं किया। उन्हें पता ही नहीं चला कि वर्ष 2010 के बाद से उनके अकाउंट में सेलरी आ ही नहीं रही है। अब जब एक माह बाद साहब को रिटायर होना है तो अचानक उन्हें ध्यान आया कि अरे 15 साल हो गए सैलरी तो मिल ही नहीं रही है तो फिर रिटायर होने के बाद पेंशन कैसे मिलेगी? अब पेंशन रुकावट की उलझन देख साहब ने आनन-फानन में सैलरी बहाल करने के साथ पिछले 15 साल का वेतन देने की भी गुहार लगाई है। जांच-पड़ताल में पता चला कि 15 साल पहले साहब के घर में उनके जरूरी दस्तावेज खो गए थे। इस बीच साहब प्रमोशन पाते-पाते सीनियर पद पर पहुंच गए लेकिन अभी तक कभी सैलरी का मुंह नहीं देखा। इतना ही नहीं साहब अपने से बड़े अफसरों के इतने चहेते थे कि कभी पीडब्ल्यूडी से ज्यादा राजकीय निर्माण निगम के अहम प्रॉजेक्ट्स में लगे रहे। अब रिटायरमेंट से एक महीना पहले उन्हें सैलरी की चिंता हुई है तब विभाग को बताया कि घर पर गुम हुए दस्तावेज मिल गए है लिहाजा पिछला पूरा वेतन दे दिया जाए। मामला सामने आते ही विभाग में हड़कंप मच गया है। अब विभाग में उनकी सैलरी चर्चा में हैं। जहां लोग भी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एक अधिकारी बिना वेतन के इतने लंबे समय तक कैसे काम करता रहा और विभाग को अब तक इसकी भनक क्यों नहीं लगी।