◆ 06 से 13 अक्टूबर तक चलेगा कल्कि महोत्सव, होंगे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम।
◆ महोत्सव में कई मंत्री भी होंगे शामिल, डीएम ने लिया तैयारियों का जायजा।
प्रवाह ब्यूरो संभल। आज संभल के बहजोई स्थित बड़े मैदान में कल्कि महोत्सव का शुभारंभ होगा। जहां जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया के नेतृत्व में प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। आज महोत्सव के पहले दिन कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम निर्धारित हैं। सुबह 11 बजे तक “बदलता उत्तर प्रदेशः प्रोजेक्ट अलंकार” विषय पर माध्यमिक शिक्षा का कार्यक्रम होगा, जिसमें माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी मुख्य अतिथि होंगी। जिसमें जनपद के विभिन्न माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहकर कार्यक्रम में सहभागिता देंगें। इसके बाद, शाम 4 बजे तक “मत्स्य में रोजगार आत्मनिर्भरता की ओर उत्तर प्रदेश” विषय पर मत्स्य सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें मत्स्य मंत्री संजय कुमार निषाद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। आज शाम 7 बजे सांस्कृतिक संध्या के साथ महोत्सव का शुभारंभ भी होगा, जिसमें माध्यमिक शिक्षामंत्री गुलाब देवी, प्रभारी मंत्री होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा धर्मवीर प्रजापति और मंडलायुक्त मुरादाबाद आंजनेय कुमार सिंह उपस्थित रहेंगे। इस बार कल्कि महोत्सव/विकासोत्सव में बी. प्राक की बॉलीवुड नाइट, कवि सम्मेलन भजन मुख्य आकर्षण रहेंगे। वहीं 13 अक्तूबर तक चलने वाले इस सप्त दिवसीय कार्यक्रम में हरियाणवी संगीत, सूफी नाइट समेत पंजाबी संगीत की भी धूम रहेगी।
आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जारी हुए पोस्टर्स के मुताबिक सोमवार को उद्घाटन कार्यक्रम व स्वागत समारोह में कुमार विशु व बिजेंद्र राणा अपनी प्रस्तुति देंगे। वहीं, 7 अक्तूबर को राजस्थानी व पंजाबी संगीत में जस्सी गिल व बब्बल राय रहेंगे। साथ ही 8 अक्तूबर को मोनाली ठाकुर की बॉलीवुड संध्या रहेगी। इसके अलावा 9 अक्तूबर को होने वाले कवि सम्मेलन में कवि विनीत चौहान व डॉ. सौरभकांत शर्मा समेत अन्य कवि अपनी रचनाएं सुनाएंगे। 10 अक्तूबर को साधो बैंड की सूफी नाइट रहेगी। वहीं, 11 अक्तूबर को गोपाल मोहन भारद्वाज के भजन व नाटिका समेत कृष्ण नाटिका होगी। इसके अलावा 12 अक्तूबर को रुचिका जांगिड़ का हरियाणवी संगीत कार्यक्रम होगा। तो वहीं महोत्सव के समापन दिवस 13 अक्तूबर को बी. प्राक की बॉलीवुड संध्या कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा महोत्सव में आने वाले बच्चों के लिए इस बार चरक-झूले आदि की भी व्यवस्था की गई है।
◆ समर्थ उत्तर प्रदेश के तहत मोबाइल से ही दे सकेंगे सुझाव।
◆ मोबाइल की लोकेशन को रखना होगा ऑन, 12 क्षेत्रों में से किसी एक पर दें सुझाव।
◆ लोकेशन ऑन होने के बाद ही जाएगा 6 अंकों का ओटीपी।
प्रवाह ब्यूरो संभल। उत्तर प्रदेश सरकार ने समर्थ उत्तर प्रदेश, विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान के तहत सुझाव मांगे हैं। 12 क्षेत्र में से किसी एक पर सुझाव देना होगा सुझाव देते समय लोकेशन भी ऑन रखनी होगी अन्यथा ओटीपी नहीं जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान के तहत राज्य की नीतियों का निर्धारण करने तथा पूरे प्रदेश में विकसित उत्तर प्रदेश 2047 का रोड मैप तैयार करने हेतु मूल्यवान सुझाव उत्तर प्रदेश की जनता से मांगे हैं। मोबाइल चलाने वाले सभी उत्तर प्रदेश के नागरिक स्कैनर के जरिए क्यू आर कोड से स्कैन कर संबंधित जानकारी भरकर 12 क्षेत्र में से किसी एक पर सुझाव दे सकेंगे।
जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा,नगर विकास, पशुधन विकास ,पर्यटन विकास तथा अन्य संबंधित 12 क्षेत्रों में से अपने जनपद को क्लिक करते हुए किसी एक क्षेत्र में सुझाव दे सकेंगे। अच्छे सुझाव देने वालों को सम्मानित भी किया जाएगा। संभल जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने सरकार के इस सुझाव संबंधी जानकारी को जनपद वासियों से सुझाव साझा करने की अपील की है।
◆ ऐसे दे सकेंगे सुझाव…………..
स्कैन क्यूआर कोड को स्कैन कर सबसे पहले पोर्टल पर दिए गए सुझाव फॉर्म के बटन पर जाना होगा। इसके बाद बटन पर क्लिक कर मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। अपने मोबाइल की लोकेशन ऑन रखनी होगी मोबाइल पर ओटीपी तभी जाएगा जब लोकेशन ऑन होगी उसे पोर्टल पर भरना होगा। फिर फिर एक फॉर्म खुल जाएगा जिससे भरना होगा। 12 क्षेत्र में से किसी एक पर अपना सुझाव लिखकर या बोलकर दर्ज करें। संपूर्ण जानकारी भरने के बाद फॉर्म सबमिट करें।
◆ आखिर क्यों मांगा गये सुझाव………..
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की जनता से सुझाव मांगे हैं ताकि वह सुझाव की समीक्षा कर नीतियों का निर्माण कर सकें। विकसित उत्तर प्रदेश 2047 का रोड मैप तैयार किया जाएगा। मूल्यवान सुझाव देने वाले को सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक नागरिक को पोर्टल पर सुझाव देने का अधिकार है तथा यह व्यवस्था निशुल्क रहेगी। यदि आपको इस पोर्टल पर सुझाव देने में कोई परेशानी आती है तो किसी नजदीकी जन सेवा केंद्र पहुंचकर सुझाव देने में मदद प्राप्त कर सकेंगे या नीचे दी गई लिंक से सीधे वेबसाइट पर पहुंच अपने सुझाव प्रेषित कर सकते हैं…⤵️
संभल जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि समृद्ध उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश 2047 का रोड मैप सरकार द्वारा तैयार किया जाएगा जिसके चलते ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनता से सुझाव मांगे गए हैं। जिसमें आपको अपने मोबाइल पर कर कोड स्कैन कर मोबाइल की लोकेशन ऑन रखनी होगी। एक मोबाइल में यदि एक सिम है तो एक सिम पर तीन अलग-अलग ओटीपी प्राप्त कर सकते हैं और तीन सुझाव अलग-अलग परिवार के नाम से दे सकते हैं तथा यदि मोबाइल में दो सिम हैं तो 6 बार ओटीपी लेकर सुझाव दे सकते हैं। अच्छे सुझाव देने वाले को सम्मानित भी करेंगे।
◆ बोलीं- कल्कि अवतार के स्थान का नाम हो ‘संभल’ यह शोभा नहीं देता।
◆ कहा- जैसे अंधे को लकड़ी का सहारा वैसे ही विपक्षियों को है मुगलों का सहारा।
प्रवाह ब्यूरो संभल। उत्तर प्रदेश में लगातार शहरों के नाम बदलने की चर्चा के बीच अब संभल का नाम भी बदलने की मांग भी जोर पकड़ रही है। जिसके चलते प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि संभल का नाम बदलकर ‘कल्कि नगर’ रखा जाए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरी संभल में भविष्य में भगवान श्री कल्कि अवतार होने की मान्यता है, ऐसे में इस शहर का मौजूदा नाम इसकी गरिमा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि संभल धार्मिक तीर्थ है, इसका नाम कल्कि नगर या किसी अन्य महान व्यक्तित्व के नाम पर रखा जाना चाहिए जिसे मुख्यमंत्री स्वयं उचित समझते हों। वहीं नाम बदलने का विरोध करनें पर भी उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष शहरों के मुगलिया नामों को ही महत्व देता है क्योंकि जैसे अंधे को लकड़ी का सहारा वैसे ही विपक्षियों को सिर्फ और सिर्फ मुगलों का सहारा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नाम बदलने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है जिसके चलते ही और उन्होंने सीएम योगी से इस मांग पर गंभीरता से पुन: विचार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि गांव आनंदपुर में जिला मुख्यालय का शिलान्यास करने मुख्यमंत्री जी आए थे, तो हमने जनता की अपील पर उनसे अनुरोध भी किया था। जैसे और शहरों का नाम बदला जा रहा है उसी प्रकार संभल का नाम भी बदलकर कल्कि नगर रख दिया जाए। आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 28 सितंबर 2011 को जनपद भीम नगर के नाम से गठन किया था। जनपद मुरादाबाद की संभल और चंदौसी तहसील के अलावा जनपद बदायूं की गुन्नौर तहसील को मिलाकर के जिला बनाया गया था। 2012 में सपा सरकार आने के बाद जनपद का नाम बदलकर संभल कर दिया गया। तब से आज तक निरंतर यही नाम प्रचलित है। प्रदेश में आठ वर्ष से अधिक बीजेपी की सरकार रहने के बावजूद भी जनपद का नाम नहीं बदल गया। अब बीजेपी सरकार की शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने स्वयं जनपद का नाम बदलने की मांग को उठाकर प्रदेश में एक नयी राजनीतिक चर्चा को हवा दे दी है।
◆ संभल में हाल ही में सीओ से एएसपी बने थे अनुज कुमार चौधरी।
◆ अनुज चौधरी को फिरोजाबाद में एडिशनल एसपी ग्रामीण बनाया गया।
प्रवाह ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने 44 पुलिस अफसरों को इधर से उधर किया है। जिसमें संभल के चर्चित अनुज चौधरी भी सम्मिलित हैं जिन्हें फिरोजाबाद में एएसपी ग्रामीण का पद दिया गया है। अनुज चौधरी हाल ही में सीओ से एएसपी बने थे। अनुज कुमार चौधरी खेल कोटा से एएसपी के पद तक पहुंचने वाले यूपी के पहले पुलिस अफसर बन गए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को 44 पुलिस अफसर का ट्रांसफर कर दिया है। जिसमें सीओ से एएसपी बनने वाले 17 पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। इसके साथ ही 13 डिप्टी एसपी भी ट्रांसफर किए गए हैं। संभल के चर्चित व सीओ से एएसपी बने अनुज कुमार चौधरी संभल में अत्यंत चर्चा में रहे। जामा मस्जिद की सर्वे के दौरान हिंसा को काबू करते समय स्वयं गोली लगने से घायल भी हो गए थे। जिनके पैर में गोली लगी थी। इसके अलावा वह अपने अन्य बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं। इतना ही एसपी अनुज चौधरी धार्मिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
हाल में ही इन्हें योगी सरकार ने सीओ से एएसपी बनाया था। जिसके चलते ही खेल कोटा से एएसपी के पद तक पहुंचने वाले ये यूपी के पहले पुलिस अफसर बने थे। अब पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा जनहित में किये गये तबादलों के अनुक्रम उन्हें संभल से फिरोजाबाद में एएसपी ग्रामीण का पद दिया गया है।
◆ बोले- कल्कि निर्माण में रोक, जागरण रोकने या मंदिरों को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया।
◆ कहा- इन सभी के पीछे संभल की सियासत जिम्मेदार, योगी सरकार के आने से हिंदुओं में जगी है कुछ आस।
प्रवाह ब्यूरो संभल। संभल में हिंसा को लेकर न्यायिक आयोग द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट में जहां हिंदुओं की आबादी आजादी से अब तक घटकर मात्र 15 प्रतिशत रह जाने का अनुमान बताया गया है तो वहीं घटती हुई आबादी को देखते हुए कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इसे कश्मीर की तरह हिंदुओं की संख्या संभल में भी घटने की बात कही है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपना बयान देते हुए कहा है कि हिंदुओं के साथ अत्याचार करने, मंदिरों को नुकसान पहुंचाने तथा हिंदू मुसलमानों के बीच लंबी खाई पैदा करने का काम किया गया जिसकी जिम्मेदार संभल की सियासत है। कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपना बयान देते हुए कहा कि संभल में 40 वर्षों तक डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क की सियासत रही। आज उनके पोते सांसद हैं। संभल में पहले कल्कि मंदिर निर्माण पर रोक लगाने, हिंदू मुसलमान के बीच खाई पैदा करने, हिंदुओं के जागरण रोकने तथा मंदिरों को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया। संभल में हिंदुओं के साथ जो भी हुआ उस सब की जिम्मेदार संभल की सियासत है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से हिंदुओं का पालन हुआ, वैसे ही संभल से हिंदुओं का पलायन हुआ है। योगी सरकार के आने के बाद हिंदुओं में कुछ आस जगी है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी कहा कि 2027 में परिवर्तन हुआ तो फिर क्या होगा। जहां उन्होंने योगी सरकार से संभल के हिंदुओं की सुरक्षा का आग्रह भी किया।
◆ महिला का जवाब सुन हाथ जोड़कर बोला पति, अब तुम अपने प्रेमी के साथ ही रहो।
◆ पिछले एक साल में अब तक 10 बार भाग चुकी है विवाहिता।
प्रवाह ब्यूरो रामपुर। सुना था किपति-पत्नी के बीच प्रेमी के आ जाने से अक्सर रिश्ते टूट जाते हैं लेकिनइसके विपरीतयूपी के रामपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं। जहां भरी पंचायत में महिला ने कहा कि वह 15 दिन पति और 15 दिन प्रेमी के साथ रहना चाहती है। उसके इस प्रस्ताव से पंचायत में उपस्थित लोग दंग रह गए। वहीं पति ने भी हाथ जोड़ लिए और कहा कि मुझे माफ करो, जाओ अपने प्रेमी के साथ ही रहो। महिला का प्रेम-प्रसंग पास के ही गांव के एक युवक के साथ चल रहा था। जिसके चलते विवाहिता बीते एक साल में 10 बार प्रेमी के साथ भाग चुकी हैं। बार-बार हो रही परेशानी को देखते हुए गांव में एक पंचायत बुलाई गई थी। जहां महिला ने स्वयं 15 दिन पति और 15 दिन प्रेमी के साथ रहने का अजीबोगरीब प्रस्ताव रख पंचायत सहित समस्त लोगों को हैरान कर दिया। पूरा मामला रामपुर जनपद के अजीमनगर थाना क्षेत्र और टांडा थाना क्षेत्र के दो गांवों से जुड़ा हुआ है। अजीमनगर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती की शादी डेढ़ वर्ष पूर्व पड़ोस के गांव में रहने वाले युवक से हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद विवाहिता को टांडा थाना क्षेत्र के रहने वाले एक युवक से प्यार हो गया। जिसके चलते एक साल पूर्व महिला अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई थी। लेकिन पंचायत के बाद पति अपनी पत्नी को वापस घर ले गया था। इसके बाद फिर एक साल में 9 बार महिला अपने प्रेमी के साथ फरार होती रही। लेकिन आखिरी बार वह लौटकर घर नहीं आई। तदोपरांत एक हफ्ते पूर्व पति ने मामले की शिकायत अजीमनगर थाने में की। साथ ही पति ने पुलिस से बिना मुकदमा लिखवाए पत्नी को प्रेमी के पास से वापस लाने की गुहार लगाई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पत्नी को बरामद कर पति को सौंप दिया लेकिन महिला एक रात पति के घर में रुकने के बाद 10वीं बार फिर फरार हो गई। पत्नी के घर से गायब होने की जानकारी होते ही पति के होश उड़ गए। इसके बाद पति ने जब स्वयं पत्नी के प्रेमी के घर जाकर देखा तो पत्नी वहां मौजूद थी। पति ने पत्नी को अपने घर चलने के लिए बहुत समझाने की कोशिश किन्तु पत्नी ने पति के घर लौटने की बात से मना करते हुए उसे वापस लौटा दिया। इसके बाद मामले में पंचायत बुलाई गई। जहां पंचायत में ही महिला ने 15 दिन प्रेमी और 15 दिन पति के साथ रहने का अनोखा प्रस्ताव रख दिया। जिसे सुनते ही पंचायत में मौजूद लोगों के होश उड़ गए। पत्नी के प्रस्ताव पर पति हाथ जोड़कर खड़ा हो गया और बोला कि मुझे माफ कर दो, अब तुम अपने प्रेमी के साथ रहो। इसके बाद पति ने पत्नी को उसके प्रेमी के घर छोड़ दिया और खुद वापस अपने घर लौट आया। मौके पर मौजूद रिश्तेदार और पंचायती भी अपने-अपने घर लौट गए। जिसके चलते ये घटना क्षेत्र के भर में चर्चा का विषय बन गई है।
◆ गणेश मंदिर सहित जगमगाया संपूर्ण मेला परिसर, बुधवार को रथयात्रा में स्वचालित झांकियां रहेंगी आकर्षण का केंद्र।
◆ 25 अगस्त से 14 सितंबर तक चलेगा गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम।
चंदौसी। उत्तर भारत के प्रसिद्ध मेला गणेश चौथ मेला का आज शुभारंभ होगा। जहां चारों धर्मों के प्रतिनिधियों द्वारा मेले का भव्य आगाज किया जाएगा। साथ ही बुधवार को गणेश चतुर्थी पर श्रीगणेश मंदिर से स्वचलित झांकियों संग गणपति बप्पा की भव्य रथयात्रा निकाली जाएगी। जो मेले का मुख्य आकर्षण रहेगी। जिसके चलते ही श्रीगणेश मंदिर को रंगीन झालरों से अलंकृत किया गया है। व्यवस्थाओं को लेकर शनिवार को जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई भी गणेश मंदिर एवं मेला ग्राउंड का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा ले चुके हैं। प्रसिद्ध गणेश चौथ मेला हर वर्ष की भांति इस बार भी भव्य रूप में आयोजित हो रहा है। 25 अगस्त से 14 सितंबर तक चलने वाले गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की समस्त तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। साफ-सफाई से लेकर विद्युत व्यवस्था तथा आवागमन और पार्किंग व्यवस्था आदि के पुख्ता इंतजामात किए गए हैं। जिसके चलते ही इस बार समस्त मेला क्षेत्र की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। साथ ही डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया की पहल पर इस बार मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने हेतु भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आज घट स्थापन और द्वार पूजन के साथ मेला गणेश चौथ का शुभारंभ किया जाएगा जहां पांच धर्म के प्रतिनिधि मेले का उद्घाटन करेंगे और बुधवार को गणेश चतुर्थी के सुअवसर पर रथयात्रा में स्वचालित झांकियों को नगर में भ्रमण कराया जाएगा।
बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह प्रसिद्ध मेला सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। मेले में सभी धर्मों के लोग बढ़चढ़ कर भागीदारी करते हैं, साथ ही देशवासियों को सांप्रदायिक एकता का संदेश देते हैं। इतना ही नहीं समस्त शहर में 21 दिनों के लिए भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। जिसके चलते ही यह मेला महाराष्ट्र के बाद गणेश चतुर्थी पर देश में लगने वाला सबसे बड़ा मेला है। इस दौरान भगवान गणेश की भव्य रथ यात्रा एवं झांकियां को देखने के लिए शहर में लाखों भक्त एकत्र होते हैं। चंदौसी के गणेश जन्मोत्सव को भव्य महोत्सव बनाने वाले मेला गणेश चौथ के संस्थापक डॉ. गिरिराज किशोर गुप्ता ने सन् 1962 में पहली बार एक मूर्ति बनाई, तब से ही यह क्रम आज तक निरंतर जारी है।
मेले में दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें सजाने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं। मेला इंचार्ज रविंद्र कुमार रूपी ने बताया कि इस बार मेले में 382 दुकानें लगाई जा रही हैं। इनमें मुरादाबाद के पीतल के आइटम, अलीगढ़ के ताले, राजस्थानी कपड़े और चप्पल, ब्रज की पोशाक, हाथरस की हींग व चूरन की दुकान समेत उत्तराखंड के रेस्टोरेंट, रामपुर की फूड आदि की दुकानें आई हैं। इसके अलावा मेले में सिर्फ सिंगल यूज प्लास्टिक बैग का प्रयोग अपरिहार्य कर दिया गया है। स्वच्छता की दृष्टि से सभी दुकानदारों को डस्टबिन रखने और अग्निशमन यंत्र रखना आदि भी अनिवार्य कर दिया गया है। हर बार की भांति इस बार भी मेले में बिजली से चलने वाले झूले मुख्य आकर्षण रहेंगे। इस बार आधे दर्जन से अधिक झूले बुलाए गए हैं। जिनमें लोगों की डिमांड पर इस बार टोरा-टोरा झूले के साथ ही मेले में व्हील, नाव, ड्रैगन ट्रेन, ब्रेक डांस, सूज वाला झूला आदि झूले आए हैं। मेला गणेश चौथ में प्रतिदिन मेले के दौरान सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिसके चलते ही मेला परिसर में लगने वाला कार्यक्रम स्टेज और पंडाल को भी वाटरप्रूफ बनाया गया है। जिसमें डेढ़ हजार से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। साथ ही अन्य वर्षो की तुलना में इस बार मेले में सड़कों का भी ब्राॅडीकेशन किया गया है, जिससे मेले में आई श्रद्धालु को अधिक भीड होने के चलते दिक्कत का सामना न करना पड़े। साथ ही मेला परिसर में बारिश के पानी आदि से बचाव के चलते अंडरग्राउंड पाइपलाइन भी डाली गई है। जहां चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था रखने की चलते प्रशासन और पुलिस अधिकारी रोजाना मेला स्थल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।
■ दैनिक प्रवाह के लिए डॉ. गौरव उन्मुक्त की रिपोर्ट…
◆ घट स्थापन और द्वार पूजन के साथ शुरू होगा कार्यक्रम, पांच धर्म के प्रतिनिधि करेंगे उद्घाटन।
◆ 25 अगस्त से 14 सितंबर तक चलेगा गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम।
◆ 27 को विचरित रथयात्रा में स्वचालित झांकियां रहेंगी आकर्षण का केंद्र।
प्रवाह ब्यूरो संभल। मिनी वृंदावन के नाम से प्रसिद्ध संभल के चंदौसी नगर में भव्य रूप से आयोजित हो रहे गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की तैयारी अंतिम दौर में हैं। 25 अगस्त से 14 सितंबर तक चलने वाले 65वें गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार हो चुकी है। जिसके अनुसार 25 अगस्त को सर्वप्रथम घट स्थापन और द्वार पूजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। उत्तर भारत का सबसे प्रसिद्ध गणेश चौथ मेला हर वर्ष की भांति इस बार भी भव्य रूप में आयोजित होगा। 25 अगस्त से 14 सितंबर तक चलने वाले गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की तैयारियां भी अब अंतिम दौर में हैं। साफ-सफाई से लेकर विद्युत व्यवस्था तथा आवागमन और पार्किंग व्यवस्था आदि के पुख्ता इंतजामात किए गए हैं। जिसके चलते ही समस्त मेला क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही संभल जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया की पहल पर इस बार मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने हेतु भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 21 दिन तक चलने वाले गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। जहां पंच पुरोहित गंगोत्री, यमुनोत्री सहित 31 गंगा कुंडों के पवित्र जल से भगवान गणेश को महाभिषेक भी करा चुके हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह प्रसिद्ध मेला सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। मेले में सभी धर्मों के लोग बढ़चढ़ कर भागीदारी करते हैं, साथ ही देशवासियों को सांप्रदायिक एकता का संदेश देते हैं। इतना ही नहीं समस्त शहर में 21 दिनों के लिए भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। जिसके चलते ही यह मेला महाराष्ट्र के बाद गणेश चतुर्थी पर देश में लगने वाला सबसे बड़ा मेला है। इस दौरान भगवान गणेश की भव्य रथ यात्रा एवं झांकियां को देखने के लिए शहर में लाखों भक्त एकत्र होते हैं। चंदौसी के गणेश जन्मोत्सव को भव्य महोत्सव बनाने वाले मेला गणेश चौथ के संस्थापक डॉ. गिरिराज किशोर गुप्ता ने सन् 1962 में पहली बार एक मूर्ति बनाई, तब से ही यह क्रम आज तक निरंतर जारी है।
श्री गणेश मेला परिषद के सचिव हरि गोपाल वार्ष्णेय ने बताया कि मेला और गणेश महोत्सव निर्विघ्न संपन्न हो सके। इसके लिए मेला आरंभ से पूर्व गणेश मंदिर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है। जहां 25 अगस्त को एसडीएम व सीओ के पूजन के बाद हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म के प्रतिनिधि फीता काटकर मेले का उद्घाटन करेंगे। इस वर्ष मेले में 382 दुकानें आवंटित की गईं हैं जो पिछले वर्ष तुलना में 82 अधिक हैं। विद्यमान दुकानों में खानपान, खेल-खिलौने और दैनिक उपयोग की वस्तुएं उपलब्ध होंगी। साथ ही झूलों और मनोरंजन की भी विशेष व्यवस्था की गई है। जहां चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था रखने की चलते प्रशासन और पुलिस अधिकारी रोजाना मेला स्थल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।
◆ 1961 में प्रथम बार हाथ से बनी थी भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति ।
◆ डॉ. गिरिराज किशोर ने गणेश भगवान की मिट्टी की मूर्ति बनाकर किया था नगर में भ्रमण।
चंदौसी में गणेश चौथ मेले का शुभारंभ सर्वप्रथम 1961 में पहली बार किया गया था। जहां डॉ. गिरिराज किशोर ने पहली बार अपने हाथों से बनाई भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति को चंदौसी नगर में भ्रमण कराया था। उस दौरान मंदिर के आसपास पूजा अर्चना के लिए सिर्फ एक-दो प्रसाद की दुकान लगा करती थीं। जहां मेला गणेश चौथ का उस समय सिर्फ सात दिवसीय आयोजन होता था। धीरे-धीरे मान्यता बढ़ती गई और लोग जुड़ते गए। मेला मंदिर के आसपास में लगता था। जिसके चलते लोगों को दिक्कत होती थी तब डॉ. गिरिराज किशोर ने मेले के लिए अलग से जमीन लेकर हर साल मेले का आयोजन करवाया जो आज तक निरंतर जारी है।
◆ 65वें गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार….
चंदौसी में 25 अगस्त से प्रारंभ होने वाले गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार हो चुकी है जिसमें…
● 25 अगस्त को प्रथम दिन घट स्थापन और द्वार पूजन कार्यक्रम होगा। साथ ही शाम के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा गणेश जी की फूल डोल निकाली जाएगी।
जहां प्रथम दिन ही सर्वधर्म प्रतिनिधियों द्वारा भव्य मेले का उद्घाटन किया जाएगा व रात्रि में विशाल देवी जागरण का आयोजन होगा।
● 26 अगस्त को निधिवन झांकी उद्घाटन, शिव विवाह कार्यक्रम, व शाम के समय प्रतिदिन स्वांग कार्यक्रम हुआ करेंगे साथ ही रात्रि के समय नटराज रंगमंच आयोजित होगा।
● 27 अगस्त को गणेश महापूजन, रासलीला प्रतिदिन, रथ यात्रा नगर भ्रमण।
● 28 अगस्त को एक शाम मुकेश के गीतों के नाम, भोपाल रंगमंच।
● 29 अगस्त को रंगोली सजाओ, प्रतियोगिता ग्रुप डांस प्रतियोगिता।
● 30 अगस्त को फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन होगा।
● 31 अगस्त को चित्रकला प्रतियोगिता, अंताक्षरी प्रतियोगिता।
● 1 सितंबर को कैरम प्रतियोगिता, शतरंज प्रतियोगिता।
● 3 सितंबर को ऑडियो लिप्सिंग प्रतियोगिता, उत्तर प्रदेश सरकार कार्यक्रम, रात्रि के समय भोपाल रंगमंच, नहाराज रंगमंच।
● 4 सितंबर को एक मिनट प्रतियोगिता, उत्तर प्रदेश सरकार कार्यक्रम।
● 5 सितंबर को नरान्तक वध, भारत सरकार के कार्यक्रम। मेला ग्राउंड में नटराज रंगमंच, नाटक कल्कि अवतार।
● 6 सितंबर को श्री गणेश प्रतिमा विसर्जन, गणेश मंदिर चंदौसी से नरौरा व शाम 7 बजे मां परमेश्वरी प्रताप गायन प्रतियोगिता।
● 7 सितंबर को पतंग प्रतियोगिता तथा भारत सरकार के कार्यक्रम। दोपहर के समय हनुमान ग्राउंड पर नटराज रंगमंच, सुर क्षेत्र गायन प्रतियोगिता।
● 8 सितंबर को मेहंदी प्रतियोगिता, मद्य निषेध कार्यक्रम, राष्ट्र को समर्पित कार्यक्रम व रात्रि 8 बजे भूपाल रंगमंच।
● 9 सितंबर को कव्वाली, उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यक्रम, रात्रि भोपाल रंगमंच, नटराज रंगमंच, कैराओके सिंगिंग प्रतियोगिता।
● 10 सितंबर को विराट कवि सम्मेलन, डॉ हरिओम पंवार व अन्य की उपस्थिति में।
● 11 सितंबर को चादर शरीफ, उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यक्रम, शाम 5 बजे गणेश मंदिर से खान बाबा मजार, मिनी बॉलीवुड स्टार।
● 12 सितंबर को देशभक्ति गीत एवं नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन।
● 13 सितंबर को बॉलीवुड नाइट, ख्याल, नृत्य नाटिका।
● 14 सितंबर को समापन समारोह एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम एवं शाम 6 बजे भूपाल रंगमंच का आयोजन।
इसके अलावा प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, तथा 26 अगस्त से प्रतिदिन मेला ग्राउंड झांकी व निधिवन दर्शन आदि कार्यक्रम भी हुआ करेंगे।
◆ देशभर में प्रसिद्ध है चंदौसी का गणेश चौथ मेला।
संभल के चंदौसी नगर में लगने वाले गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम देश भर में प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी यहां लोग मेला देखने के लिए आते हैं। उत्तर प्रदेश राज्य भर से गणेश चौथ मेला देखने के लिए श्रद्धालु आते हैं। मेला कमेटी द्वारा विशेष रूप से भव्य तैयारियां की जा रही हैं। मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक गणेश चौथ मेला के रूप में जाना जाता है। मुंबई के प्रसिद्ध गणेश महोत्सव की तर्ज पर मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले में मुख्य रूप से रथ यात्रा की मुख्य झांकी तैयार की जा रही है। जिसे कृत्रिम सीप से सजाया जा रहा है। गणेश चौथ मेला के दौरान मंदिर पर महिलाओं द्वारा संकीर्तन भी किया जाता है।
◆ यूपी पुलिस में खेल कोटे से ‘एएसपी’ बनने वाले, बने पहले अफसर।
◆ संभल हिंसा के बाद पहली बार सुर्खियों में आये थे सीओ अनुज चौधरी।
प्रवाह ब्यूरो संभल। यूपी के चर्चित पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी अब एएसपी बन गए हैं। प्रशासन की तरफ से शुक्रवार की रात प्रमोशन संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया गया। जिसकी चलते शनिवार को संभल अधीक्षक कृष्ण कुमार व अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) राजेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा चंदौसी क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार चौधरी के अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर पदोन्नत होने पर रैंक प्रतीक/अशोक स्तंभ लगाकर पदोन्नति की बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। बता दें कि 2012 बैच के पीपीएस अधिकारी अनुज खेल कोटे से पुलिस सेवा में आए और अब इस कोटे से एडिशनल एसपी बनने वाले चंदौसी सीओ अनुज चौधरी पहले अफसर हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक, सीओ से एडिशनल एसपी बनने के लिए 12 साल की सेवा जरूरी होती है। इस बैच में केवल अनुज चौधरी ने यह सेवा अवधि पूरी की है। 2012 बैच के अनुज चौधरी, संभल हिंसा और विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहे थे। खेल कोटे से पहले नियुक्ति पाने और सीनियरिटी मिलने के कारण, वे प्रमोशन के लिए एकमात्र पात्र अफसर बन गए हैं। जिसके चलते 2 अगस्त को हुई डीपीसी बैठक में यह फैसला लिया गया।
अनुज चौधरी मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव के रहने वाले हैं। वे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान भी रहे हैं। उन्होंने कुश्ती में भारत का नाम रोशन किया है। इतना ही 1997 से 2014 तक वे नेशनल चैंपियन रहे। इनके द्वारा 2002 और 2010 के नेशनल गेम्स में दो सिल्वर मेडल जीते गए। इसके अलावा एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं। जिसकी चलती अनुज चौधरी को साल 2001 में लक्ष्मण अवॉर्ड व साल 2005 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। अवगत रहे कि अनुज चौधरी ने कुश्ती में भारत का नाम रोशन किया है। अनुज चौधरी 2012 बैच के इकलौते ऐसे अफसर हैं, जो प्रमोशन के लिए योग्य पाए गए हैं।
अनुज चौधरी संभल में हुई हिंसा के दौरान सुर्खियों में आए थे। उस समय उनके पैर में गोली लगी थी। उन्होंने एक विवादित बयान भी दिया था। उन्होंने कहा था, “होली साल में एक बार आती है, जुमा 52 बार आता है।” उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था। लेकिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि “पहलवान है, पहलवान की तरह ही बोलेगा।” अब एसपी बनने के बाद अनुज चौधरी के प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई है जहां लोग उन्हें सोशल मीडिया के साथ-साथ फोन के माध्यम आदि से बधाईयां दे रहे हैं।
■ दैनिक प्रवाह के लिए संभल से गौरव उन्मुक्त की रिपोर्ट…
◆ बेटी की शादी में भी शिक्षा मंत्री के मुस्लिम भाई ने निभाई थी भात की रस्म।
◆ हिंदू मुस्लिम भाई-बहन का ये रिश्ता बन गया है धार्मिक और सामाजिक एकता की मिसाल।
प्रवाह ब्यूरो संभल। संभलमें रक्षाबंधन का पर्व नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोउल्लास के साथ मानाया गया। बहनों ने अपने भाईयों की कलाईयों पर राखी बांधी और उनकी दीर्घ आयु की कामना की। भाईयो ने भी अपनी बहनों को हर हाल में रक्षा करने का वचन दिया। तो वहीं संभल से रक्षाबंधन पर एक खूबसूरत तस्वीर सामने आई जहां उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने अपने आवास पर मदरसे के मौलाना मोहम्मद फिरोज खां की कलाई पर राखी बांधी। इस दौरान दोनों बहन-भाई काफी उत्साहित थे। ऐसा नहीं था कि यह खुशी सिर्फ राज्यमंत्री के चेहरे पर थी, बल्कि रविवार को उस बहन के चेहरे पर भी देखने को मिल रही थी जो अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने जा रही थी। जहां चंदौसी में रक्षाबंधन का त्यौहार एक अलग ही मिसाल पेश करता दिखा। मौलाना फिरोज, मदरसा मोहम्मद अली जौहर के प्रबंधक हैं और मंत्री गुलाब देवी के मुंहबोले भाई हैं। बता दें कि गुलाब देवी और मौलाना फिरोज का यह रिश्ता कोई नया नहीं है। वह वर्षों से भाई दूज पर तिलक और रक्षाबंधन पर राखी बांधकर इस रिश्ते को निभाती आ रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश सरकार की मंत्री गुलाब देवी के कोई सगे भाई नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने मौलाना मोहम्मद फिरोज और कांग्रेस कार्यकर्ता सलीम सैफी को अपना मुंहबोला भाई बनाया हुआ है। इतना ही नहीं दोनों भाई, मंत्री के परिवार में शादी-ब्याह जैसे सभी अवसरों पर पूरे उत्साह से शामिल होकर भाई का फर्ज भी निभाते हैं। इस बार भी रक्षा बंधन पर यह रिश्ता धार्मिक और सामाजिक एकता की मिसाल बन गया।