संभल के चर्चित सीओ अनुज चौधरी का प्रमोशन, बने एएसपी।

यूपी पुलिस में खेल कोटे से ‘एएसपी’ बनने वाले, बने पहले अफसर।

संभल‌ हिंसा के बाद पहली बार सुर्खियों में आये थे सीओ अनुज चौधरी।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। यूपी के चर्चित पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी अब एएसपी बन गए हैं। प्रशासन की तरफ से शुक्रवार की रात प्रमोशन संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया गया। जिसकी चलते शनिवार को
संभल अधीक्षक कृष्ण कुमार व अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) राजेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा चंदौसी क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार चौधरी के अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर पदोन्नत होने पर रैंक प्रतीक/अशोक स्तंभ लगाकर पदोन्नति की बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
बता दें कि 2012 बैच के पीपीएस अधिकारी अनुज खेल कोटे से पुलिस सेवा में आए और अब इस कोटे से एडिशनल एसपी बनने वाले चंदौसी सीओ अनुज चौधरी पहले अफसर हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक, सीओ से एडिशनल एसपी बनने के लिए 12 साल की सेवा जरूरी होती है। इस बैच में केवल अनुज चौधरी ने यह सेवा अवधि पूरी की है। 2012 बैच के अनुज चौधरी, संभल हिंसा और विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहे थे। खेल कोटे से पहले नियुक्ति पाने और सीनियरिटी मिलने के कारण, वे प्रमोशन के लिए एकमात्र पात्र अफसर बन गए हैं। जिसके चलते 2 अगस्त को हुई डीपीसी बैठक में यह फैसला लिया गया।

अनुज चौधरी मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव के रहने वाले हैं। वे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान भी रहे हैं। उन्होंने कुश्ती में भारत का नाम रोशन किया है।
इतना ही 1997 से 2014 तक वे नेशनल चैंपियन रहे। इनके द्वारा 2002 और 2010 के नेशनल गेम्स में दो सिल्वर मेडल जीते गए। इसके अलावा एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं। जिसकी चलती अनुज चौधरी को साल 2001 में लक्ष्मण अवॉर्ड व साल 2005 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।
अवगत रहे कि अनुज चौधरी ने कुश्ती में भारत का नाम रोशन किया है। अनुज चौधरी 2012 बैच के इकलौते ऐसे अफसर हैं, जो प्रमोशन के लिए योग्य पाए गए हैं।

अनुज चौधरी संभल में हुई हिंसा के दौरान सुर्खियों में आए थे। उस समय उनके पैर में गोली लगी थी। उन्होंने एक विवादित बयान भी दिया था। उन्होंने कहा था, “होली साल में एक बार आती है, जुमा 52 बार आता है।” उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था। लेकिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि “पहलवान है, पहलवान की तरह ही बोलेगा।”
अब एसपी बनने के बाद अनुज चौधरी के प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई है जहां लोग उन्हें सोशल मीडिया के साथ-साथ फोन के माध्यम आदि से बधाईयां दे रहे हैं।

दैनिक प्रवाह के लिए संभल से गौरव उन्मुक्त की रिपोर्ट…

संभल में शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने मुस्लिम भाई को बांधी राखी।

बेटी की शादी में भी शिक्षा मंत्री के मुस्लिम भाई ने निभाई थी भात की रस्म।

हिंदू मुस्लिम भाई-बहन का ये रिश्ता बन गया है धार्मिक और सामाजिक एकता की मिसाल।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल में रक्षाबंधन का पर्व नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोउल्लास के साथ मानाया गया। बहनों ने अपने भाईयों की कलाईयों पर राखी बांधी और उनकी दीर्घ आयु की कामना की।
भाईयो ने भी अपनी बहनों को हर हाल में रक्षा करने का वचन दिया।
तो वहीं संभल से रक्षाबंधन पर एक खूबसूरत तस्वीर सामने आई जहां उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने अपने आवास पर मदरसे के मौलाना मोहम्मद फिरोज खां की कलाई पर राखी बांधी। इस दौरान दोनों बहन-भाई काफी उत्साहित थे। ऐसा नहीं था कि यह खुशी सिर्फ राज्यमंत्री के चेहरे पर थी, बल्कि रविवार को उस बहन के चेहरे पर भी देखने को मिल रही थी जो अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने जा रही थी। जहां चंदौसी में रक्षाबंधन का त्यौहार एक अलग ही मिसाल पेश करता दिखा। मौलाना फिरोज, मदरसा मोहम्मद अली जौहर के प्रबंधक हैं और मंत्री गुलाब देवी के मुंहबोले भाई हैं।
बता दें कि गुलाब देवी और मौलाना फिरोज का यह रिश्ता कोई नया नहीं है। वह वर्षों से भाई दूज पर तिलक और रक्षाबंधन पर राखी बांधकर इस रिश्ते को निभाती आ रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश सरकार की मंत्री गुलाब देवी के कोई सगे भाई नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने मौलाना मोहम्मद फिरोज और कांग्रेस कार्यकर्ता सलीम सैफी को अपना मुंहबोला भाई बनाया हुआ है।
इतना ही नहीं दोनों भाई, मंत्री के परिवार में शादी-ब्याह जैसे सभी अवसरों पर पूरे उत्साह से शामिल होकर भाई का फर्ज भी निभाते हैं। इस बार भी रक्षा बंधन पर यह रिश्ता धार्मिक और सामाजिक एकता की मिसाल बन गया।

चंदौसी से हिमालय शर्मा की रिपोर्ट…

‘संभल संवाद एप’ का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ, एक क्लिक पर पूरे जिले की जानकारी।

जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने शुरू की पहल: जानकारी के साथ शिकायत दर्ज करने की भी सुविधा।

‘संभल संवाद एप’ के बारे में मुख्यमंत्री को भी कराया गया अवगत।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल में जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया की पहल से ‘संभल संवाद एप’ की शुरुआत हो गई है। एप पर एक क्लिक करने पर ही पूरे जनपद से संबंधित जानकारी तथा विभागीय अधिकारियों की जानकारी मिल जाएगी। जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बहजोई में अपनी जनसभा के दौरान किया।
डिजिटल गवर्नेंस की तरफ बढ़ रहे संभल ने अब अपनी एक अलग पहचान बना ली है। जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया द्वारा एक नई पहल के साथ संभल जनपद की पूरी जानकारी, सभी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी, लाभ लेने की प्रक्रिया, जनपद के इतिहास, भूगोल तथा राजनीतिक क्षेत्र की जानकारी, इतना ही नहीं शिकायत दर्ज करने की भी सुविधा आदि सब सिर्फ एक ही ऐप के माध्यम से प्रदान की गई है। जिसका नाम ‘संभल संवाद एप‘ रखा गया है।
जिलाधिकारी की पहल के चलते अब किसी भी जनपद वासी को जानकारी के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। किसी भी विभाग के अधिकारी से संपर्क करने शिकायत दर्ज करने तथा किसी भी सुविधा के बारे में जानकारी लेने संभल की राजनीतिक क्षेत्र के बारे में जानकारी करने जैसी तमाम जानकारी इस एक एप के माध्यम से प्रदान की गई है।
इसके अलावा इसकी जानकारी अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों माध्यमों में दी गई है। जिससे कि सभी जनपदवासी इसका लाभ ले सकें। इतना ही नहीं एप के माध्यम से जनपद के सभी सरकारी तथा निजी अस्पताल, बैंक, थाने, जनपद के सभी विभागीय अधिकारी कार्यालय, विकासखंड, विकासखंड से संबंधित अधिकारी, तहसील, जनपद के सभी परिषदीय विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, स्कूल, कॉलेज, सार्वजनिक शौचालय, पार्क, परिवहन साधन आदि की जानकारी भी यहां उपलब्ध कराई गई है।

इतना ही नहीं इसके माध्यम से किसी भी विभागीय अधिकारियों से संबंधित शिकायत भी एप के माध्यम से दर्ज कराई जा सकती है। जिसका नेतृत्व सीधे जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा।
‘संभल संवाद’ एप में अपने नाम के मुताबिक जनपदीय लोगों की सुगमता के लिए जनपद के सभी प्रशासनिक मोबाइल नंबर तथा हेल्पलाइन नंबर भी जोड़े गए हैं। जहां सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी गई है तथा आवेदन करने के लिए भी एप के माध्यम से सुविधा प्रदान की गई है।
एप निर्माण में तीन माह की सतत मेहनत के अब जिलाधिकारी द्वारा इसे लागू कर गूगल प्ले स्टोर पर अपलोड कर दिया गया है जहां से कोई भी यूजर इसे सहजता से डाउनलोड कर जनपद के बारे में जानकारी ले सकता है।
जहां गुरुवार को बहजोई में जिला मुख्यालय के साथ विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास करने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल संवाद ऐप का भी शुभारंभ किया।

■ दैनिक प्रवाह के लिए डा. गौरव उन्मुक्त की रिपोर्ट….

संभल में सीएम योगी की जनसभा : बोले- संभल, आस्था और विकास की भूमि।

कहा- कांग्रेस ने करवाईं सामूहिक हत्या, सपा ने डाला उनके पाप पर पर्दा, अब मिलेगी सजा।

संभल में 659 करोड़ की 222 विकास परियोजनाओं का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण व शिलान्यास।

संभल जामा मस्जिद के ऊपर हेलीकॉप्टर के लगाए तीन राउंड।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल में हिंसा के बाद पहली बार संभल पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद के लिए 659 करोड़ रुपए की 222 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया।
साथ ही संभल के पुरातात्विक इतिहास का वर्णन करते हुए विपक्ष पर हमला बोला। संभल आने पर मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर ने शाही जामा मस्जिद के ऊपर तीन राउंड लगाए। नवीन पुलिस लाइन में पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने बहजोई के आनंदपुर में मुख्यालय का शिलान्यास व पूजन किया। संभल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा मुख्यालय का शिलान्यास करने के लिए आए थे।

संभल में आते ही उन्होंने संभल के हिंसा विवादित शाही जामा मस्जिद के ऊपर सीएम योगी के हेलीकॉप्टर ने तीन राउंड लगाए। जिसके पश्चात बहजोई नवीन पुलिस लाइन में उनका हेलीकॉप्टर उतरा।

जहां उन्होंने नवीन पुलिस लाइन का भ्रमण किया तथा कार द्वारा जनसभा स्थल पहुंचे। तदोपरांत आनंदपुर में पहुंचने पर शिलान्यास व पूजन किया। जहां प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी साथ रहे।
जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संभल एक सच्चाई है। जिन लोगों ने संभल के साथ पाप किया है उन्हें सजा मिलेगी। संभल को जो लोग दंगाग्रस्त बनाना चाहते थे, उन्हें कीमत चुकानी होगी।

बोले- कांग्रेस ने कराईं सामूहिक हत्याएं तो सपा ने पापों पर पर्दा डाला।

संभल पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि संभल के साथ जिन लोगों ने पाप किया है, उन्हें सजा मिलेगी। संभल को दंगाग्रस्त बनाने वालों को इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि हमारे संभल में ही भगवान कल्कि के रूप में श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार होगा। इतना ही नहीं विपक्ष पर बार करते हुए योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी
हत्यारों को बचाने का काम करती थी। आजादी के बाद जो भी कत्लेआम हुआ, उसकी सच्चाई यदि सामने आती तो समाजवादी पार्टी को वोट बैंक खिसकने का डर था।
उन्होंने कहा कि ये लोग गरीबों पर डकैती डालने का काम करते थे।
आगे बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग वोट बैंक के लिए नहीं बल्कि विरासत का संरक्षण करने के लिए आए हैं।

◆ दक्षिणा के लिए जेब पर डाली नजर तो प्रदेश अध्यक्ष ने दिए दक्षिणा के रुपए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहजोई के आनंदपुर में शिलान्यास पूजन के दौरान जब पंडित जी ने संकल्प के लिए दक्षिण मांगी तो उन्होंने अपनी जेब पर नजर डाली। इतने में वहीं बैठे प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने अपने पास से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दक्षिणा के रूप में कुछ रुपए दिए।

संभल के तीर्थों को विदेशी अत्याचारियों ने अपवित्र किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संभल के तीर्थों को विदेशी अत्याचारियों ने अपवित्र कर किया है। यहां 19 कूपों पर कब्जा हो गया। उन्होंने सपा और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और सपा को डर था कि संभल की सच्चाई सामने आई तो उनका वोट बैंक खिसक जाएगा। लेकिन हम वोट बैंक के लिए नहीं आए हैं। संभल के तीर्थों का उद्धार हमारी सरकार करेगी।

सीएम बोले- मैं बहन गुलाब देवी को जिला मुख्यालय के रूप में रक्षाबंधन का उपहार दे रहा हूं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैं बहन गुलाब देवी को रक्षाबंधन के त्यौहार के उपहार के रूप में जिला मुख्यालय दे रहा हूं। 2011 में जिसकी घोषणा की गई थी, लेकिन अब मुख्यालय मिला है।

योगी ने कहा- संभल को अब दंगाइयों से लड़ने की शक्ति मिली है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा के दौरान कहा कि संभल को अब दंगाइयों से लड़ने की शक्ति मिल चुकी है।
उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी है। भगवान हर साल आते हैं, फिर आएंगे।
जिन लोगों ने संभल के साथ पाप किया था, उन्हें सजा मिलेगी।
चंदौसी का जिक्र करते हुए कहा कि चंदौसी को मिनी काशी कहा जाता है। यहां भगवान राम की मूर्ति स्थापित हो रही है, जिसमें हम एक बार फिर आएंगे। उन्होंने कहा कि काशी में लाखों सनातनी आकर पूजा करते हैं, अयोध्या में नई अयोध्या के दर्शन हो रहे हैं। अयोध्या और काशी में अगर ऐसा हो सकता है तो संभल में क्यों नहीं हो सकता? भगवान कल्कि की नगरी में अब विकास होंगे। संभल की सच्चाई बताने के लिए हमारे पास पुरातात्विक प्रमाण हैं। जहां
चंदौसी में बजरंगबली की बड़ी मूर्ति बनी है। उन्होंने कहा कि ये संभल की धरती है। संभल को विरासत में विवाद लेकर चलने वाले कुछ लोगों को ही ऐसा लगता है यह विवादित स्थल लगता है। बोले- संभल विवादित स्थल नहीं बल्कि आस्था और विकास की भूमि।

योगी बोले-  भगवान कल्कि की धरा को नमन करता हूं।

जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान कल्कि की धरा को मैं नमन करता हूं। रक्षाबंधन और जन्माष्टमी से पहले मिलने वाली इन परियोजनाओं के लिए जनपदवासियों को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन पर हमारी बहनें एक सह यात्री के साथ पूरे प्रदेश में फ्री यात्रा कर सकती हैं।
उनसे कोई भी किराया नहीं लिया जाएगा। संभल में 14 साल के बाद संभल को मुख्यालय मिला है और एक बड़ी पुलिस लाइन भी बनने जा रही है।

सीएम ने प्रदर्शनी के दौरान गोद लिया बच्चा, कराया अन्नप्राशन।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहजोई के आनंदपुर में जनसभा के बाद प्रदर्शनी के आयोजन के दौरान जब प्रदर्शनी का अवलोकन किया तो वहीं एक महिला के गोद में दिखे बच्चे को गोद ले लिया, जिसके हाथ में खिलौना था। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चे को चम्मच से अन्नप्राशन कराया।
साथ ही बच्चे को दुलारा। बच्चे पर ध्यान देने के लिए बच्चे की मां को प्रेरित किया।

भूपेंद्र चौधरी ने कहा- 2017 से पहले दंगाइयों के हवाले था प्रदेश।

जनसभा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज इस पुण्य धरती पर पधारे हैं। मुख्यमंत्री ने आज करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास किया है। 2012 से 2017 तक पूरे प्रदेश में दंगे होते थे। जहां पूर्व की सरकारों ने पूरे प्रदेश को दंगाइयों के हवाले सौंप दिया था।

राज्य मंत्री गुलाब देवी ने उठाई संभल के नाम बदलवाने की मांग।

जनसभा के दौरान माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप दया के भंडार हैं। संभल जिले का नाम बदल दीजिए व चंदौसी तथा बहजोई में फ्लाईओवर चाहिए। साथ ही
उन्होंने कहा कि आपसे उम्मीद है कि ये जरूर मिलेंगे।
जनसभा के दौरान कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, जिलाध्यक्ष चौधरी हरेंद्र सिंह रिंकू, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. अनामिका यादव, माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी, जिला प्रभारी हेमंत राजपूत, मंत्री बलदेव सिंह औलख, पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया, उपाध्यक्ष सत्यपाल सैनी, कैला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरी महाराज, पूर्व एमएलसी परमेश्वर लाल सैनी, गुन्नौर पूर्व विधायक अजीत कुमार उर्फ राजू आदि उपस्थित रहे।

संभल के ग्राउंड जीरो से प्रवाह ब्यूरो की रिपोर्ट…

विपक्ष पर सीएम योगी का तीखा हमला बोले- ग से गधा पढ़ाती थी सपा सरकार, बुद्धि भी गधे जैसी।

कहा- सपा सरकार में नौकरियों पर चाचा, बबुआ, भतीजा करते थे अलग-अलग वसूली।

अब गुरुवार को संभल दौरे पर रहेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ।

प्रवाह ब्यूरो
मुरादाबाद। बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ मुरादाबाद पहुंचे। जहां उन्होंने बिलारी के पीपली गांव में अटल आवासीय विद्यालय का उद्घाटन किया। इसके साथ ही बटन दबाकर विकास की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जहां सीएम योगी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सपा नेताओं की बुद्धि गधे जैसी हो गई है उन्होंने ने ग से गणेश को ग से गधा पढ़वाया, इन्होंने ग से गणेश पढ़ा कर गणपति की अवमानना करने का काम किया है। इतना ही नहीं आगे बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि सपा के जीवन का हिस्सा नकल कराना था। उन्होंने नकल कराकर युवाओं पीढ़ी सिर्फ को खोखला किया है यदि आज सपा को शिक्षा का मॉडल देखना है तो अटल आवासीय स्कूल देखें। हमने एक लाख 54 हजार विद्यालयों की काया बदली। सपा ने हमें एक लाख 54 हजार जर्जर स्कूल दिए, भवन कब गिर जाए, पता नहीं था। स्कूल में बच्चों के लिए टॉयलेट तक की व्यवस्था नहीं थी। हमने कायाकल्प के माध्यम से शिक्षा के साथ-साथ स्कूलों की भी काया बदली है।
इतना ही नहीं आगे बोलते हुए सीएम योगी ने कहा 2017 से पहले भर्ती हो या ट्रांसफर-पोस्टिंग, इन सब में भेदभाव भी था और यह व्यवसाय भी था। 2017 के बाद जीरो टॉलरेंस की सरकार की नीति का परिणाम है कि कोई व्यक्ति न तो ट्रांसफर पोस्टंग में धनारोहण कर सकता है और न ही कोई व्यक्ति भर्ती में पैसा ले सकता है। जो पैसा लेगा वो जेल के अंदर सड़ेगा, सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा, हमारी साकार योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं करती। पूरी ईमानदारी से योजनाओं का लाभ सभी वर्गों को दिया जा रहा है। विकास का ये मॉडल यूपी के साथ-साथ मुरादाबाद में भी दिखाई दे रहा है। पहले शहर में रेलवे क्रासिंग था, जाम लगा रहता था। कोई सोच भी नहीं सकता था कि शहर के भीतर फोरलेन कनेक्टिविटी मिल सकती है। लेकिन आज ये साकार हुआ है।
मुरादाबाद पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, आज पूरे प्रदेश में योग्यता के आधार पर पूरी पारदर्शिता के साथ भर्तियां हो रही हैं। 2017 से पहले क्या पुलिस की भर्ती निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संभव थीं…बिल्कुल नहीं। पहले जब पुलिस में या किसी अन्य विभाग में भर्तियां निकलती थीं तो कौरव दल वसूली के लिए निकल पड़ता था। चाचा भी, भतीजा भी भाई भी… काका, नाना, भांजे, मामा ये सभी लोग निकल पड़ते थे वसूली में। किसी नौजवान को ईमानदारी के साथ अवसर नहीं मिलता था। लेकिन आज भाजपा सरकार में योग्यता को आधार रख सबको समान अवसर मिल रहा है।

प्रवाह इंपैक्ट : यूरिया खाद 600 रुपए प्रति बैग, सूचना पर पहुंचे अधिकारी, दुकान सील।

संभल के कैला देवी पर निजी दुकानदार द्वारा बेचा जा रहा था 600 रुपए प्रति बैग।

किसानों ने बनाई वीडियो, किया हंगामा तो दुकानदार बाइक लेकर भागा।

सूचना पर पहुंच गए नायब तहसीलदार और अपर कृषि अधिकारी।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल के कैला देवी पर किसानों के लिए यूरिया खाद का एक निजी दुकानदार द्वारा 600 रुपए प्रति बैग देने की शिकायत तथा वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए नायक तहसीलदार तथा अपर जिला कृषि अधिकारी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने किसानों से पूछताछ कर जांच करते हुए दुकान को सील कर दिया।
संभल तहसील क्षेत्र के कैला देवी पर थाना मार्ग पर एक निजी दुकानदार द्वारा किसानों के लिए यूरिया खाद का 600 रुपए प्रति बैग दिया जा रहा था।
सोमवार को भारी संख्या में किसान यूरिया खाद लेने के लिए पहुंचे तो किसानों ने वीडियो बनानी शुरू कर दी। वीडियो के दौरान दुकान ही यूरिया खाद लेकर निकल रहे एक युवक ने भी 600 रुपए में खाद देने की पुष्टि की।
इसके बाद जब दुकानदार से पूछा गया तो वह अपनी बाइक उठाकर दुकान से चलता बना।
वहीं उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत की गई तो मुख्य विकास अधिकारी ने टीम गठित की। नायब तहसीलदार व अपर कृषि अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंच गए। जहां सैकड़ों की संख्या में किसान हंगामा कर रहे थे।
अधिकारियों ने किसानों से बात की और दुकान में जांच शुरू कर दी। जांच में कृषि अधिकारी विजय चौहान को यूरिया के 173 बैग, 600 अलग-अलग दवाई के डिब्बे, 550 थैली खाली, जिनमें कट्टे से दवाई का कोई पदार्थ पैक किया जाता था।

इसके अलावा उन्होंने रजिस्टर मांगा तो 2025 का कोई रजिस्टर नहीं दिखा सका, और 2022 का रजिस्टर सामने रख दिया।
जहां उन्होंने कालाबाजारी को देखते हुए यूरिया के बैगों की संख्या काउंट की। साथ ही दवाइयां की जांच की।
ऊपर दो मंजिल पर देखा तो कृषि दवाई से संबंधित कुछ पदार्थ दुकानदार द्वारा बनाकर पैक किया जाता था जिसे ऊंचे दामों पर बेचा जाता था। जहां अधिकारियों ने दुकान को सील कर दिया।

संभल पुलिस का कांवड़ प्रेम: ऊपर से फूलों की बारिश, नीचे पैरों में मालिश।

कांवड़ियों की सेवा में सीओ अनुज चौधरी ने बरसाए फूल तो इंस्पेक्टर मोहित चौधरी ने की पैरों की मालिश।

सहयोग भाव के साथ-साथ पुलिस की ऐसी श्रद्धा देख चकित हो उठे लोग।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। यूपी के संभल में कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से कावड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था के जहां पुख्ता इंतजामात किए गए हैं तो वहीं विभागीय अधिकारी भी कांवड़ यात्रा को लेकर अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे हैं। स्लोगन ‘यूपी पुलिस कांवड़ियों की सेवा में तत्पर है’ को धरातल पर सार्थक करती दिखाई दे रही है। इसी सुरक्षा व्यवस्था और ड्यूटी के बीच संभल से श्रद्धा की कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आई है, जिसने सबका ध्‍यान अपनी ओर आकर्षित किया है।
तस्‍वीरें संभल के उस चर्चित पुलिस अधिकारी की हैं जो सनातन में अटूट आस्था के चलते हमेशा सुर्खियों में रहता है। जिसके चलते ही रविवार को सीओ अनुज चौधरी ने कावड़ियों की सेवा में फूल बरसाकर फल आदि वितरित किये।

अपनी ड्यूटी और फर्ज के साथ-साथ श्रद्धा और सेवा भाव की मिसाल के चलते ही इस पुलिस अधिकारी की चहुंओर तारीफ हो रही है।
बता दें कि कोतवाली चंदौसी क्षेत्र में पुलिस ने बदायूं चुंगी के पास अपना ‘पुलिस सहायता केंद्र’ स्थापित किया है। जहां हरिद्वार, गोमुख और ब्रजघाट से जल लेकर आ रहे कांवड़ियों की हरसंभव सहायता की जा रही है। जिसके चलते ही रविवार को चंदौसी सीओ अनुज चौधरी ने कांवड़ियों फल आदि भेंट कर पर गुलाब के फूल बरसाए।

तो वहीं इंस्पेक्टर मोहित चौधरी ने भी कांवड़ सेवा प्रेम में बढ-चढ़कर भाग लिया जहां उन्होंने कांवड़ियों के पैर दबाकर थकान दूर करने में मदद की। जहां पर चंदौसी पुलिस द्वारा कांवड़ियों के लिए फल एवं प्रसाद की भी व्यवस्था की गई थी। इस अवसर पर को सीओ अनुज चौधरी ने फल, प्रसाद वितरण के साथ-साथ कावड़ियों की गंगाजल से भरी भारी-भरकम कावड़ उठाने में भी कावड़ियों का सहयोग किया ।

अवगत रहे कि जनपद में यह समस्त आयोजन पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई की देखरेख में किया जा रहा है। जहां सीओ अनुज चौधरी ने कहा कि दूर-दूर से आने वाले भक्तों की सहायता और हौसला बढ़ाने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
इससे पूर्व रविवार सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी स्वयं कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की थी।

14 साल बाद मिले पति को देख लिपटकर रोने लगी पत्नी, पुलिस भी हुई भावुक।

कैला देवी पुलिस का सराहनीय कार्य: 14 साल से गायब लावारिस हालत में मिले इंजीनियर को, परिजनों से मिलाया।

बिहार के भोजपुर जनपद निवासी है इंजीनियर, झारखंड के आईआईटी रैंक की माइंस कॉलेज से की है इंजीनियरिंग।

14 साल बाद परिजनों से हुई वीडियो कॉल पर बात, तो खुशी से निकले आंसू।

कैला देवी पुलिस ने नहलाकर पहनाए स्वच्छ कपड़े, कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था इंजीनियर।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल के कैलादेवी थाना पुलिस का एक सराहनीय कार्य सामने आया है। लावारिस हालत में मिले इंजीनियर जो 14 साल पहले अपने परिजनों से गायब हो गया था, कैलादेवी थाना क्षेत्र में मिलने के बाद पुलिस ने थाने लाकर उसे नहलाया और स्वच्छ कपड़े पहनाए। पूर्व में वह कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था। लगातार परिजनों को ढूंढने की कोशिश की गई। जब उसने बताने की कोशिश की तो पुलिस ने तुरंत परिजनों से संपर्क करना शुरू कर दिया।
बिहार के भोजपुर जनपद का पता बताया तो पुलिस ने भोजपुर पुलिस से संपर्क साधा। लगातार कोशिश के बाद कैला देवी थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह 14 साल पहले परिजनों से बिछड़े इंजीनियर को उनके परिजनों से मिलवा दिया और शनिवार देर शाम कैला देवी थाने पहुंची उसकी पत्नी देखते ही लिपटकर रोने लगी तो उसके भाई की आंखों में भी आंसू आ गए जहां पुलिस भी भावुक हो गई। तदोपरांत पुलिस ने इंजीनियर को उसकी पत्नी और भाई के सुपुर्द कर दिया।

थाना क्षेत्र के साकिन शोभापुर खालसा गांव के जंगल में बीते 16 जुलाई की रात्रि को एक अधेड़ लावारिस अवस्था में ग्रामीणों को दिखाई दिया। जिसके शरीर पर भी कीड़े घूम रहे थे।
जिसकी सूचना डायल 112 को दी गई। जिसे कैला देवी थाने लाया गया। जहां वह कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था। कैला देवी थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह द्वारा उसे नहलाकर साफ कपड़े पहनाए गए। तीन दिन बाद शनिवार को उसने अपना पता बताने की कोशिश की तो पुलिस ने तुरंत बिहार के भोजपुर जनपद की पुलिस से संपर्क किया। बताए गए अनुसार वह गांव नहीं निकला। दोबारा पुलिस ने पूछताछ की तो किसी तरह उसने अपना गांव बताया। जिसे अपना नाम सत्यदेव चौबे पुत्र ओमकारनाथ चौबे निवासी धमनिया थाना गरहनी जनपद भोजपुर बिहार बताया। भोजपुर के गरहनी थाना पुलिस द्वारा गांव पहुंचकर परिजनों से संपर्क किया गया और फोटो से पहचान कराई। जहां पहचान के बाद परिजनों ने पहचान लिया उसके बाद वीडियो कॉल की गई तो सत्यदेव चौबे ने भी अपने परिजनों को पहचान लिया।
जहां परिजनों ने बताया कि 14 साल से वह गायब थे। वह झारखंड की आईआईटी रैंक की माइंस कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। कोयले की खदान में भी काम किया है तथा अन्य जगह भी सेवाएं दी हैं। किसी तरह आज से 14 साल पहले गायब हो गए थे।
14 साल बाद जब परिजनों की वीडियो कॉल पर बात हुई तो उनके खुशी से आंसू निकल आए। थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह की सराहनीय कार्य के चलते 14 साल बाद अधेड़ अपने परिजनों से मिला जहां पुलिस ने शनिवार देर शाम उन्हें परिजनों को सौंप दिया।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर कई जगह दी है सेवा, कोइल माइंस में भी कर चुके हैं काम।

परिवार में कुछ ही दिन बाद बेटी की है शादी, 14 साल बाद परिजनों से हुई भेंट तो छाई खुशी।

संभल। बिहार के भोजपुर जनपद के रहने वाले 14 साल पहले गायब हुए इंजीनियर संभल जनपद के कैला देवी थाना क्षेत्र में लावारिस हालत में मिले तो कैला देवी पुलिस ने सराहनीय कार्य करते हुए उसे नहलाया और साफ कपड़े पहनाए। लगातार कैला देवी पुलिस परिजनों के संपर्क करने की कोशिश की लेकिन इंजीनियर कुछ भी बताने की हालत में नहीं था। 3 दिन बाद घर का पता बताया तो पुलिस ने संबंधित पुलिस से संपर्क कर परिजनों की तलाश कर ली। जहां ऊन्हें शनिवार देर शाम परिजनों को सौंप दिया।
परिजनों ने बताया कि वह झारखंड के आईआईटी रैंक की माइंस कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं।
इसके अलावा अन्य सेवा क्षेत्र में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
कुछ दिन बाद उसकी बेटी की भी की शादी है। जिसमें सम्मिलित होने व अपने ही हाथों से कन्यादान करने का मौका मिलेगा।
जहां परिजनों ने आस छोड़ दी थी। जैसे ही कैला देवी थाना पुलिस ने भोजपुर पुलिस से संपर्क कर वीडियो कॉल के माध्यम से बात कराई तो परिजनों की खुशी से आंखें भर आईं।
इंजीनियर सत्यदेव चौबे के परिवार के अन्य लोग भी बड़े पद पर सेवाएं दे रहे हैं। वह किसी तरह 14 साल पहले अचानक गायब हो गए थे। जहां परिजनों ने हर जगह तलाश किया था, लेकिन कहीं पता नहीं चल सका तो परिजनों ने आस छोड़ दी थी।
संभल के कैला देवी थाने पहुंचकर परिजनों ने कैला देवी पुलिस की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया।
14 साल बाद बिछड़े हुए इंजीनियर को उनके परिजनों से मिलाने के सराहनीय कार्य की पुलिस की बहुत ही प्रशंसा हो रही है।

14 साल बाद मिले पति को देख थाने में ही लिपटकर रोई पत्नी।

बिहार के भोजपुर जनपद के गांव निवासी सत्यदेव चौबे जहां रांची से अपनी दवाई लेते समय गायब हो गए थे। वहीं परिजन लगातार कई वर्षों तक ढूंढते रहे और जिंदा होने की आस छोड़ दी थी। उन्हें क्या पता था कि 14 साल बाद उनकी मुलाकात सत्यदेव से होगी। मानसिक स्थिति खराब और अर्धनग्न कपड़ों में थाना क्षेत्र के गांव में लावारिस हालत में मिले सत्यदेव को पुलिस ने सहारा दिया। उन्हें थाने में आवास में रखकर नहलाया स्वच्छ कपड़े पहनाए। अच्छा खाना खिलाया। थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह ने लगातार मानवीयता को अपनाते हुए परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की। गलत पता होने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और फिर भोजपुर एसपी से संपर्क कर गांव के बारे में जानकारी ली फिर संबंधित थाना प्रभारी से बात की और परिजनों को तलाश किया।

वीडियो कॉल से बात की तो परिजन फोन पर ही रोने लगे। शनिवार शाम तक परिजन कैला देवी थाने पहुंच गए, जिसमें सत्यदेव की पत्नी पुष्पा और उनके भाई मुखदेव चौबे आदि साथ थे।
कैला देवी थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह लगातार परिजनों के संपर्क में रहे। थाने में पहुंचते ही उनकी पत्नी पुष्पा देखते ही लिपट गई और रोने लगी। उनके भाई की आंखों में भी आंसू आ गए। थाने में मौजूद हर आंख भावुक हो गई। जहां पुलिस भी भावुक हुई।
उनकी पत्नी और भाई ने संभल पुलिस की प्रशंसा करते हुए धन्यवाद दिया तो वहीं थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह की प्रशंसा करते हुए हाथ जोड़कर आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद किया।

लगभग सात सौ वर्ष पुराना है मां कैला देवी धाम का इतिहास।

● एक पिंडी रूप में हुआ था मां कैला देवी का आगमन, नवरात्रों में दर्शन के लिए आता था शेर।

● दक्षिण दिशा में बहती थी लगभग 600 मीटर चौड़ी गंगा नदी।

● योग माया की अवतार मानी जाती हैं मां कैला देवी।

● आखिर कैसे पड़ा मां कैला देवी का नाम, कैसे हुईं प्रकट, क्या है मान्यता, जानें दैनिक प्रवाह के साथ।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में स्थित मां कैला देवी धाम का बहुत ही प्राचीन इतिहास है।
जहां जनपद ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों और उत्तर प्रदेश के कोने-कोने से लोग पूजा अर्चना करने आते रहते हैं। जहां पिंडी के रूप में प्रकट हुई थीं मां कैला देवी, एक महान संत ने कराई थी मठ की स्थापना। मां कैला देवी झाड़ी मंदिर भूड़ इलाके का एक प्रसिद्ध दैवीय तीर्थ स्थल है। जहां सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन मां कैला देवी के दर्शन को आते हैं तथा नवरात्रों के दिनों में हजारों की संख्या में दिनभर श्रद्धालु चलते रहते हैं।

बताया जाता है कि 14वीं शताब्दी के प्रारंभ में मां कैला देवी धाम के निकट ही दक्षिण दिशा में लगभग 600 मीटर चौड़ी नदी में गंगा की धारा बहती थी। इसी नदी में एक संत नित्य प्रतिदिन स्नान करने आते थे। एक दिन स्नान करते समय संत को नदी के किनारे स्थित उत्तर दिशा में ऊंचे टीले से एक शिशु के चीखने की आवाज सुनाई दी थी। संत ने कुछ क्षणों तक शिशु के चीखने की आवाज सुनी और अर्द्ध स्नान किए ही साहस के साथ सुनसान और भयंकर कंटीली झाड़ियों से गुजर कर ऊंचे टीले पर पहुंच गए, जहां से आवाज सुनाई दे रही थी। जैसे ही उन्होंने झांक कर देखा तो एक भव्य पिंडी दिखाई दी। संत ने उस भव्य पिंडी को स्पर्श करके नमन किया और उसे उठाने लगे। लेकिन पिंडी को वह हिला भी नहीं सके। जिसे देख संत को बड़ा आश्चर्य हुआ और ऊंचे टीले से उतरकर नदी में स्नान करने के लिए आ गए। जहां उन्होंने स्नान करने के बाद अपने कमंडल में जल भरकर पुनः पिंडी के पास पहुंच गए। उन्होंने कमंडल से जल लेकर पिंडी को स्नान कराया और नमन करते हुए अपने गंतव्य पर जा पहुंचे। जिसके पश्चात उन्हीं संत ने पिंडी के ऊपर एक छोटा सा कच्ची मिट्टी का मठ बनवाया। जहां सुबह-शाम घी का दीपक जलाते थे। धीरे-धीरे वहां मान्यता बढ़ती चली गई।

योग माया की अवतार और यादवों की कुलदेवी मानी जाती हैं, मां कैला देवी।

मां कैला देवी योग माया की अवतार मानी जाती हैं। कहा जाता है कि द्वापर युग में मथुरा में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से उत्पन्न कन्या को वहां के अत्याचारी राजा कंस ने अपना काल समझकर अपने हाथ से पृथ्वी पर पटक कर मारने की कोशिश की थी। लेकिन वह कन्या कंस के हाथ से छूटकर आकाश मार्ग में अंतर्ध्यान हो गई थी। वही कन्या कलयुग में योग माया से पिंडी के रूप में भूड़ क्षेत्र में प्रकट हुई। दूसरी तरफ कहा जाता है कि वह भगवान श्री कृष्ण की बहन भी थी। यादव कुल में जन्म लेने के कारण वह यादवों की कुलदेवी भी कही जाती है।

काला ढाक के नाम से प्रसिद्ध था जंगल, चोर डाकुओं का था अड्डा, इस प्रकार पड़ा मां कैला देवी का नाम…..

लगभग चार शतक पूर्व मां कैला देवी से एक किमी दूर दक्षिण दिशा में घना जंगल था। जिसका काफी दूर तक विस्तार था, और वह घना जंगल काला ढाक के नाम से भी प्रसिद्ध था। इस घने जंगल में चोर डाकू दिन दहाड़े राहगीरों से सामान लूटकर राहगीरों की हत्या करके पास में बह रही झील में फेंक दिया करते थे। मां कैला देवी ने योग शक्ति के द्वारा और चोर डाकुओं का संघार किया। काला ढाक क्षेत्र के समीप स्थित होने के कारण ही उस पिंडी का नाम मां कैला देवी पड़ा।

कई किलोमीटर की दूरी के बीच मां कैला देवी पर ही जलता था दीपक।

कहा जाता है कि 14 वीं शताब्दी में गंगा के दक्षिणी पश्चिमी तट पर 12 कोस दूर मां अवंतिका देवी का मठ था। दोनों देवियों के मध्य गंगा की धारा बह रही थी और घना जंगल था। दोनों के बीच कोई आबादी क्षेत्र नहीं था। शाम के समय रात्रि में गंगा के दक्षिणी पश्चिमी तट पर मां अवंतिका देवी तथा उत्तरी पूर्वी तट पर मां कैलादेवी पर ही दीपक जलता था।

झाड़ी में पिंडी के पास दहाड़ता हुआ आता था एक शेर।

लगभग चार दशक पूर्व तक मां कैला देवी की विशालकाय घनी झाड़ी में चैत्र और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवरात्रि के दिनों में शाम के समय प्रतिदिन दहाड़ता हुआ एक शेर आता था। और सुबह के समय बिना किसी को हानि पहुंचाए चुपचाप चला जाता था। नवरात्रों के बाद में वह शेर किसी को दिखाई नहीं देता था और न ही उसकी दहाड़ सुनाई देती थी। सिंह की दहाड़ सुनकर लोगों में एक आस्था और उत्पन्न हुई की मां कैला देवी साक्षात् देवी के रूप में नवरात्रि के दिनों में शेर पर सवार होकर आतीं हैं।

वर्तमान में कैला देवी मंदिर का महत्व…

मां कैला देवी धाम पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में भक्त अपनी इच्छाओं को लेकर पहुंचते हैं और उनकी इच्छाएं पूर्ण भी होती हैं। जहां प्रत्येक महीने के प्रत्येक सोमवार को दिनभर महिलाओं तथा कन्याओं की भीड़ हजारों की संख्या में सुबह से शाम तक लगी रहती है। मंदिर में दूध, दही, ध्वजा नारियल तथा प्रसाद आदि चढ़ाते हैं। मान्यता है कि दुधारू पशु दूध नहीं दे रहा हो तो पशु का दूध या दही मंदिर में चढ़ा देने से वह पर्याप्त मात्रा में दूध देने लगता है। मंदिर पर नित्य सुबह शाम को घंटा तथा नगाड़ा बजाकर सामूहिक स्वर में आरती की जाती है। नित्य प्रातः 4 बजे आरती होती है तथा क्षेत्रवासी घंटे की आवाज सुनकर सुबह अपनी शैया छोड़ देते हैं और अपने दैनिक कार्यों में लग जाते हैं।
मां कैला देवी धाम पर घंटे की ध्वनि लगभग 7 किलोमीटर की परिधि में आसानी से सुनी जा सकती है।

मां कैला देवी धाम पर मेले व रामलीला का भी होता है आयोजन।

मां कैला देवी धाम पर कई शतकों से चैत्र और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के नवरात्रि के दिनों में जहां उत्तर प्रदेश के हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन अपनी इच्छा लेकर आते हैं, वहीं अन्य राज्यों से भी लोग मन्नतें मांगने आते हैं। उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली प्रांत से भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं। जहां चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की रामनवमी तथा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष दो बार एक दिवसीय मेले का आयोजन भी किया जाता है। जहां आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में 12 दिवसीय रात्रि में रामलीला का भी आयोजन होता है। दीपावली के पर्व पर दीपोत्सव तथा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। आषाढी, गुरु पूर्णिमा पर विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। समय-समय पर अन्य भक्त मंदिर पर आकर भंडारा करते रहते हैं तथा जागरण भी होते रहते हैं।

मां कैला देवी धाम के अन्य तथ्य…..

प्राचीन समय में मां कैला देवी के निकट दक्षिण दिशा में एक नदी बहती थी, जो लगभग तीन दशक पहले तक एक दलदली झील के नाम से जानी जाती थी। इस झील में भारी जीव जंतु और मनुष्य आदि भी जमीन में नीचे की ओर धंस जाते थे।
लगभग डेढ़ दशक पूर्व तक इस झील में सांप, बिच्छू, केकड़ा जौंक, सीपी, चौंधा, दादुर तथा कछुआ आदि के विभिन्न प्रजातियां भी पाई जाती थीं। इस झील में कमल, कुमुदिनी, फटेरा तथा टांटर आदि वनस्पतियां प्रमुखता से पाई जाती थीं। कहा जाता है कि जमींदार लोग हाथी पर सवार होकर फटेरा घास लेने के लिए इस झील में आया करते थे। क्योंकि इस घास को हाथी बड़े चाव से खाता है। जहां कई जमींदार लोग और हाथी भी इस दलदली झील में काल के गाल में समा गए।

राजस्थान के मां कैला देवी धाम से नहीं है कोई संबंध।

कैला देवी धाम के महंत ऋषि राज गिरी जी महाराज बताते हैं कि राजस्थान में स्थित मां कैला देवी का संभल के भूड़ क्षेत्र की स्थित मां कैला देवी से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं हैं। मंदिर के निकट लगभग शतक पूर्व प्रसिद्ध संत शीतल दास महाराज की समाधि भी है। जहां संत शीतल दास महाराज जी ने मां कैला देवी के चमत्कारों की प्रसिद्ध सुनकर नित्य दर्शन करने प्रारंभ कर दिए थे और वह मां कैला देवी के टीले से पूर्व दिशा में एक कुटी बनाकर वहीं रहने लगे थे। वर्षा ऋतु में घनघोर वर्षा होने के चलते चारों ओर पानी ही पानी दिखाई देता था। बताया जाता है कि एक बार घनघोर वर्षा हो रही थी। स्नान करने के लिए शीतल दास महाराज ने मां कैला देवी से एक प्रार्थना की थी कि यदि तुममें शक्ति है तो मुझे किसी सवारी का प्रबंध करो, जिससे कि मैं नित्य नियम अनुसार गंगा में स्नान कर सकूं। इस समय मां ने आकाशवाणी हुई कि शीतला तू अपनी कुटिया की झोपड़ी पर बैठ, यहीं से तुझे गंगा में स्नान कराके लाएगी। उसी समय शीतल दास जी कुटिया के छप्पर पर बैठे और कुटिया सहित गंगा में पहुंचकर स्नान करने के बाद सबसे पहले वापस आ गए थे। उसी समय से मां कैला देवी की शक्ति की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैलती चली गई। जहां अंत में इस कुटिया में अपनी समाधि लगाकर पृथ्वी में शीतल दास महाराज जी विलीन हो गए और उनका समाधि मंदिर आज भी उनके नाम से प्रसिद्ध है।

मां कैला देवी धाम के प्रसिद्ध संत बाबा रतन गिरी का इतिहास।

भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात मां कैला देवी की प्रसिद्धि को सुनकर यहां महंत रतन गिरी जी आए। उन्होंने मां कैला देवी की पिंडी को खुदवाकर देखा तो वह देवी की जड़ को नहीं ढूंढ पाए और थक कर यही कहा कि यह देवी पातालीं है। शक्ति स्वरुपा हैं। उसी दिन से महंत रतन गिरी जी ने देवी के टीले की कंटीली झाड़ियां को काटकर उस स्थान पर मंदिर बनवाया। देवी के दक्षिण दिशा में शिवजी तथा उत्तर दिशा में हनुमान जी के मंदिर की भी स्थापना कराई। संत रतन गिरी जी ने मंदिर की दक्षिण दिशा में एक कुटिया बनाई जिसमें देवी के भक्तों के बैठने की व्यवस्था की गई। झील के उत्तर दिशा में कुएं का निर्माण कराया। जहां आज वह कुआं जलरहित हो चुका है। धीरे-धीरे मां कैला देवी धाम की प्रसिद्धि बढ़ती चली गई और अन्य राज्यों से भी लोग दर्शन के लिए आने लगे। यहां कई दशकों पूर्व से सोमवार के दिन साप्ताहिक बाजार का भी आयोजन होता है, जिसमें लगभग कई दर्जनों गांवों के लोग बाजार का लाभ उठाते हैं और अपनी आवश्यकताओं की वस्तुएं और सब्जियां खरीदते हैं।
आज संभल के भूड़ इलाके में स्थित मां कैला देवी का स्थान उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी एक श्रद्धा का केंद्र बन चुका है।

संभल से वीरेश कुमार की रिपोर्ट…

बुलेट नहीं तो फेरे नहीं, मचा घमासान, बगैर दुल्हन लौटी बरात।

● घराती-बाराती में जमकर मारपीट, आधा दर्जन से अधिक लोग घायल।

● प्रकरण बना क्षेत्र में चर्चा का विषय, पूरा मामला संभल के चंदौसी कोतवाली क्षेत्र का।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। यूपी के संभल जिले में दहेज में बुलेट मोटरसाइकिल की मांग पर दूल्हा और दुल्हन पक्ष भिड़ गए। बाद में समझौते की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं बनी, जिसके चलते बरात बैरंग लौट गई।
बता दें कि शुक्रवार को गणेश कॉलोनी निवासी दंपति की पुत्री की बारात आंवला क्षेत्र के मनोना धाम से आई थी। बरात आने के बाद सीता आश्रम पुलिस चौकी के पास स्थित धर्मशाला में दावत चल रही थी। साथ ही शादी के रीति-रिवाज कार्यक्रम भी जारी थे। तभी धर्मशाला में आयोजित शादी समारोह में दूल्हा पक्ष ने स्प्लेंडर मोटरसाइकिल की जगह बुलेट मोटरसाइकिल की मांग रख दी। लड़की के पिता द्वारा इनकार करने पर दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया। लडकी पक्ष का कहना था कि दूल्हा पक्ष की मांग और अपनी सामर्थ्य के अनुसार पहले ही दहेज का सामान पूरा कर दिया है। अब इस अतिरिक्त मांग को पूरा नहीं कर सकते। तभी देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। जिसमें आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। जिन्हे चंदौसी के ही एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। जहां घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। उसके बाद शुक्रवार मध्यरात रात तक तमाम लोगों के द्वारा मामला सुलझाने का भरकस प्रयास चलता रहा परन्तु बात नहीं बनी। जहां मारपीट के बाद दूल्हे पक्ष ने शादी से ही इनकार कर दिया। आखिरकार बारात बिना दुल्हन के ही वापस लौट गई। वधू पक्ष ने इस मामले में कार्रवाई के लिए पुलिस को तहरीर दी है। चंदौसी प्रभारी मोहित चौधरी ने बताया कि अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर दुल्हन पक्ष से तहरीर मिली है मामले की जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया बुलेट मोटरसाइकिल की मांग के अलावा डीजे पर हुआ विवाद भी विवाह में मारपीट एवं विवाद का कारण बना है।