बांध धाम पर धार्मिक अनुष्ठानों के संग शुरू हुआ गुरु पूर्णिमा महोत्सव।

● एक सप्ताह तक चलेगा महोत्सव, हर दिन होगें विधिवत कार्यक्रम।

● इस बार 4 जुलाई से लेकर 10 जुलाई तक मनाया जायेगा यह महोत्सव।

● संभल के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार है हरि बाबा बांध धाम।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। रजपुरा क्षेत्र के हरि बाबा बांध धाम पर गुरू पूर्णिमा का मंगलकारी महोत्सव शुक्रवार से आरम्भ हो गया। हरि बाबा बांध धाम पर प्रति यह महोत्सव बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आसपास के क्षेत्र से तमाम श्रद्धालु यहां जुटे रहते हैं। इतना ही नहीं आसपास के गांवों के तमाम लोग यहां आकर हरिनाम संकीर्तन में उत्साह के साथ प्रतिदिन भागीदारी करते हैं।

यहां पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मुम्बई, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों के शहरों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने गुरु पूर्णिमा पर आते हैं। शुक्रवार को श्री हरि धाम बांध ट्रस्ट समिति द्वारा उपलब्ध कराये गए कार्यक्रम ब्यूरा के अनुसार इस वर्ष कार्यक्रम कुछ इस प्रकार रहेंगे।

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर यहां प्रतिवर्ष रासलीला के सुंदर मंचन के साथ-साथ श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन भी किया जाता है। जिसे यहां आये लाखों श्रद्धालु बडे भक्ति भाव से दर्शन एवं श्रवण करते हैं। इतना ही नहीं यहां आये पर्यटक व भक्तगण हरि नाम संकीर्तन में भक्तिमय होते दिखाई देते हैं।

यही वजह है कि महोत्सव के पहले दिन से ही यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुगण आना शुरू हो जाते हैं। महोत्सव के उपलक्ष्य में यहां सप्ताह भर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होता है। एक सप्ताह तक चलने वाला यह महोत्सव इस वर्ष 4 जुलाई से लेकर 10 जुलाई तक मनाया जा रहा है। जिसमें गौरांग कृष्ण लीला मंडल वृंदावन के लोकप्रिय कलाकारों की रासलीला के साथ-साथ पं. दीपक कृष्ण उपाध्याय की भागवत कथा के प्रवचन सुनने का सौभाग्य प्राप्त हो सकेगा।

बता दें कि संभल जिले के गवां क्षेत्र में बने हरिबाबा बांध धाम में लोगों की अगाध आस्था है। पंजाब के होशियारपुर जनपद के गंदोवाल से 1918 में गवां आए हरिबाबा ने इस क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिए गंगा नदी पर एक लंबा तटबंध बनवाया था। तब से लोग उन्हें बड़े श्रद्धाभाव से पूजते हैं।

यूं तो विख्यात संत परम पूज्य श्री हरिबाबा महाराज का नाम किसी परिचय विशेष का मोहताज नहीं है। लाहौर मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़कर आए बाबा ने इस क्षेत्र की सेवा में अपना जीवन लगा दिया। श्रमदान कर 35 मील लंबा मिट्टी का बांध बनाकर क्षेत्रवासियों को हर वर्ष होने वाली गंगा की बाढ़ की विनाश लीला से बचाया। यही वजह रही कि हरिबाबा क्षेत्र के लिए एक अवतार बने। क्षेत्रवासियों ने उनके अनेक चमत्कार भी देखे। क्षेत्र के लोग उन्हें भगवान की भांति पूजते हैं। बांध धाम पर गुरु पूर्णिमा पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। कई राज्यों से श्रद्धालु यहां आते है। इतना ही नहीं सन् 1970 से ही हरे राम-हरे राम, राम-राम हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे महामंत्र का जाप यहां अनवरत 24 घंटे चल रहा है।

बता दें कि महान संत हरिबाबा का जन्म पंजाब के होशियारपुर जिले के गंधवाल गांव में सरदार प्रताप सिंह के घर पर हुआ था। अपने गुरुदेव सच्चिदानंद और भगवान में पूर्ण आशक्ति रखने वाले हरिबाबा जन्म से ही बैरागी स्वभाव के थे। लाहौर मेडिकल कालेज से एमबीबीएस फाइनल छोड़कर वे घूमने निकल पड़े। यहां-वहां घूमते हुए जब वे गवां क्षेत्र में आये तो हालात देखकर उनका हृदय द्रवित हो गया। यहां गंगा की भीषण बाढ़ से प्रलय मची हुई थी। हांलाकि बाढ़ को रोकने के लिए ब्रिटिश सरकार ने भी तमाम प्रयास किये लेकिन सफल नहीं हुई।
अंग्रेज हर साल बाढ़ रोकने को मिट्टी का बांध बनाते थे जो बह जाता था। इसके बाद गंगा गुन्नौर तहसील क्षेत्र के अलावा सहसवान क्षेत्र तक अपनी विनाश लीला दिखाती थी। क्षेत्रीय जनता की पीड़ा देखकर बाबा ने 1920 में स्थानीय लोगों के सहयोग से बांध का निर्माण शुरू करवाया। हौसले इतने जबरदस्त थे कि 35 मील लंबा बांध छह माह में बनकर तैयार हो गया। इस तरह बाबा ने कम समय में वह कार्य कर दिखाया जो ब्रिटिश सरकार सालों में नहीं कर सकी थी।
इसके बाद बाबा बनारस में ब्रह्मालीन हो गए। उनके पार्थिव शरीर को यहां उनकी कर्मस्थली में लाकर समाधि दी गयी और यहां एक भव्य मंदिर की स्थापना हुई। यही कारण है कि आज भी यहां आने वाले श्रद्धालु बांध पर अपना श्रमदान करना नहीं भूलते हैं। हरिबाबा के दर्शन करने के बाद बांध पर एक छबड़ा मिट्टी अवश्य डाली जाती है। जो दर्शन पूर्ण होने का प्रतिफल माना जाता है।

इंश्योरेंस कार्यप्रणाली में अभी और सुधार की जरूरत।

● ग्रीन टी में आयोजित सेमिनार में संभल पुलिस की कार्रवाई के आधार पर बीमा क्षेत्र की खांमियों पर हुआ मंथन।

● 100 करोड रुपए से अधिक रकम हड़पने का मामला पकड़ने वाली टीम भी सम्मानित।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। सोमवार को संभल के चंदौसी स्थित लेमन ट्री होटल में बीमा क्षेत्र के सुधारों से संबंधित एक दिवसीय सेमिनार आयोजित की गई। जिसमें प्रतिभागियों को चार समूह में बांटा गया था। जिनको 40 मिनट आपस में गोष्ठी कर, प्रत्येक समूह को 10 मिनट की प्रस्तुति देनी थी जिसके निर्धारित 5 ऑवर्स में नीतिगत सुधारों को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
जहां वक्ताओं ने बीमा क्षेत्र की कार्य प्रणाली में आधारभूत सुधार लाने पर विचार विमर्श किया। जिससे भविष्य में इस तरह के संगठित गिरोह पुनः सक्रिय हो बीमा के नाम पर धोखाधड़ी आदि न कर सकें। इस सेमिनार में बीमा क्षेत्र की चार दर्जन से अधिक कंपनियां, जांच अधिकारियों और पुलिस कर्मियों आदि ने भाग लेकर मौजूद खामियों, नीतिगत सुधारों व तकनीक समाधान पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। जिसमें एएसपी संभल अनुकृति शर्मा ने अपनी प्रेजेंटेशन देकर बताया कि बीते एक दशक में किस प्रकार इस बीमा हड़प गैंग ने गरीब, अल्प शिक्षित व भोले-भाले व्यक्तियों के नाम पर बीमा कराकर करोड़ों की बीमा राशि हड़प ली। इस शातिर गैंग ने न सिर्फ मरणासन्न व मृत व्यक्तियों का बीमा कराया बल्कि चार ऐसी हत्याएं भी की जिन्हें सड़क दुर्घटना दर्शाकर बीमा क्लेम ही हड़प लिया। जिसमें संभल, अमरोहा, मुरादाबाद व बदायूं में अब तक 17 एफआईआर दर्ज कर 50 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा चुका है। इसमें न सिर्फ गिरोह के आम सदस्य बल्कि इनके अलावा ग्राम आशा, ग्राम सचिव, ग्राम प्रधान, पीओएस एजेंट, बीमा एजेंट, बैंक प्रबंधक, जांचकर्ता अधिकारी, जांच एजेंसी के मालिक आदि भी शामिल पाए गए। जिसके चलते ईडी ने भी उपरोक्त केस दर्ज किया। 
सेमिनार में इस अवसर पर धोखाधड़ी रोकने के लिए कंपनियों के बीच डेटा साझा करने, जांच एजेंसियों के मानक निर्धारण व फील्ड में प्रमाणीकरण के लिए तकनीकी टूल्स का प्रयोग आदि जैसे सुझाव अभिव्यक्ति किए गए।

सम्मेलन में पैनल के माध्यम से भी विचार विमर्श किया गया। इसमें बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा क्षेत्रों में विनियामक और परिचालन संबंधी खामिंयों की पहचान और अपेक्षित सुधार को लेकर चर्चा हुई। जिसमें एसपी कृष्ण कुमार, कोटक लाइफ के चीफ रिस्क ऑफिसर सारंग चीमा, एसबीआई लाइफ के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर रजनीश मधुकर, आईएचआईआरएम के निदेशक रमेश खरे और टाटा एआईजी के ईवीपी वरेंद्र पाल सिंह आदि शामिल हुए।
इस विचार गोष्ठी से कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रकाश में आए जैसे बीमा कंपनियों में समन्वय की आवश्यकता, बीमा क्षेत्र में नए कानून की आवश्यकता, सेक्शन 45 पर पुनः विचार, इन्वेस्टिगेटर की सुरक्षा, इन्वेस्टिगेशन कंपनियों के लिए मानक निर्धारित करना, विभिन्न एपीआई से रेड फ्लैग को पहचानना, पुलिस और बीमा कंपनियों के बीच परस्पर संवाद और सहयोग के तरीके आदि।

वहीं दूसरी ओर बीमा क्लेम हड़पने वाले गिरोह का खुलासा करने वाली टीम को एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया और कहा पुलिस हर तरह के वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई तो करेगी ही साथ ही वित्तीय क्षेत्र में संस्थागत सुधारों के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी। मुझे उम्मीद है कि इससे धोखाधड़ी को रोकने में काफी हद तक मदद होगी।
इस सेमिनार में जहां बीमा क्षेत्र की लगभग सभी कंपनी के प्रतिनिधि, जांच अधिकारी व पुलिस कर्मी आदि शामिल हुए।

संभल से हिमालय शर्मा की रिपोर्ट…

एक ही युवक से प्यार कर बैठीं दो चचेरी-तहेरी बहनें, प्रेमी संग फरार।

● लोकेशन से कैलादेवी थाना क्षेत्र में रात भर ढूंढती रही शामली की कैराना पुलिस।

● फरार दोनों किशोरियां आखिरकार कैलादेवी थाना क्षेत्र की एक गौशाला से प्रेमी सहित बरामद।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। शामली जनपद की दो चचेरी-तहेरी नाबालिग बहनों को संभल के युवक से प्रेम इस कदर हुआ कि वह अपने एक ही प्रेमी के साथ दोनों संभल आ गईं। शामली के कैराना पुलिस दर्ज मुकदमे के आधार पर लोकेशन के जरिए संभल जनपद में आ गई। जहां कैलादेवी थाना क्षेत्र के सौंधन पुलिस चौकी के अंतर्गत जंगल में रात भर ढूंढती रही। सोमवार सुबह एक गौशाला से दोनों नाबालिग बहनों व उसके प्रेमी को कैराना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जहां से कैराना पुलिस दोनों किशोरी और उसके प्रेमी को अपने साथ ले गई।
बता दें कि कैला देवी थाना क्षेत्र के सौंधन पुलिस चौकी के अंतर्गत एक गांव निवासी युवक शामली जनपद के कैराना थाना क्षेत्र में एक ईंट भट्टे पर ट्रैक्टर चलाने का कार्य करता था। उसी दौरान वहीं भट्ठे पर थाना क्षेत्र के गांव निवासी दो चचेरी-तहेरी नाबालिग बहनें भी काम करती थीं। दोनों बहनों को युवक से प्रेम हो गया।
बीते 27 जून की रात्रि को संभल जनपद निवासी युवक दोनों किशोरियों को लेकर कैला देवी थाना क्षेत्र के अपने गांव में आ गया।
28 जून को एक किशोरी के पिता ने कैराना थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया गया था कि उसकी पुत्री और भतीजी रात्रि में सोने-चांदी के आभूषण और 8 हजार रुपए की नगदी सहित घर से गायब हो गई हैं।
जहां पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी। कैराना पुलिस दोनों किशोरियों की तलाश करते हुए युवक के मोबाइल को ट्रैस कर लोकेशन पर संभल जनपद के कैला देवी थाना क्षेत्र में आ गई। लोकेशन के जरिए रविवार रात्रि को कैला देवी थाने पहुंची। सोमवार सुबह सौंधन पुलिस चौकी के जंगल से एक गौशाला से दोनों किशोरियों को बरामद कर उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया।
जिन्हें कैला देवी थाने लाया गया। जहां से कैराना पुलिस दोनों किशोरियों और उसके प्रेमी को पकड़ कर अपने साथ ले गई।

सौंधन पुलिस क्षेत्र के जंगल में आ रही लोकेशन पर रात भर ढूंढती रही पुलिस।

कैराना पुलिस युवक के मोबाइल को ट्रेस कर लोकेशन के जरिए संभल के कैला देवी थाना क्षेत्र के सौंधन पुलिस चौकी क्षेत्र के नजदीक जंगल में रविवार रात्रि को रात भर ढूंढती रही। बराबर में गौशाला होने के चलते वह वहां तक नहीं पहुंच सकी। गौशाला के नजदीक मंदिर में भी पुलिस पहुंची लेकिन वहां भी सफलता नहीं मिली तो वहीं बराबर में एक परिषदीय विद्यालय में पहुंची। जहां भी खोजबीन की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
सोमवार सुबह अचानक परिषदीय स्कूलों के नजदीक बनी गौशाला में पहुंची तो दोनों किशोरियों और उसके प्रेमी को मौके से बरामद कर लिया।
कैला देवी थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि थाना क्षेत्र के गांव निवासी एक युवक कैराना से दो नाबालिग किशोरियों को अपने साथ ले आया था। जिन्हें कैराना पुलिस पकड़कर अपने साथ ले गई है। क्योंकि उपरोक्त प्रकरण में कैराना थाने में मुकदमा दर्ज है इसलिए कार्यवाई भी वहीं की जाएगी।

संभल से वीरेश कुमार की रिपोर्ट…

चंदौसी एसडीएम का ट्रांसफर रुकवाने की मांग तेज, सीएम को भेजे ज्ञापन।

● अखिल भारतीय युवा उद्योग व्यापार मंडल सहित अन्य संगठन भी आए आगे।

● चंदौसी को अतिक्रमण मुक्त करने में एसडीम विनय कुमार मिश्रा ने ही चलाया है अभियान।

● नगर वासी बोले- एसडीएम एक अधिकारी ही नहीं, बल्कि एक आंदोलन हैं, चंदौसी को बना रहे चांद सी नगरी।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल जनपद के चंदौसी एसडीम विनय कुमार मिश्रा के तबादला होने की जानकारी पर नगर वासियों के अलावा कई संगठन उनका ट्रांसफर रुकवाने को आगे आ गए हैं।
एसडीम विनय कुमार मिश्रा चंदौसी को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अभियान चलाकर कार्यवाही कर रहे हैं और वह लगातार चंदौसी की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने में लगे हुए हैं। जिससे लोगों को और राहगीरों को सहूलियत मिल रही है।
उनके स्थानांतरण की सूचना पर नगरवासी आगे आ गए हैं और लगातार जिलाधिकारी के अलावा मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेज कर उनका स्थानांतरण रुकवाने की मांग कर रहे हैं।

बता दें कि विनय कुमार मिश्रा संभल के एसडीएम भी रहे जहां उन्होंने संभल में अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अभियान चलाया था। जिसके बाद उनका तबादला चंदौसी एसडीएम के पद पर हो गया था। चंदौसी जाने के बाद नगर वासियों में एक बार फिर चंदौसी नगरी को अतिक्रमण मुक्त करने की आस जगी।
विनय कुमार मिश्रा ने चंदौसी में राजस्व विभाग की टीम के साथ अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाया। नगर की गलियों को अतिक्रमण मुक्त करना शुरू कर दिया।
वह चंदौसी में लगातार अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। जिससे आमजन के साथ-साथ नगर वासी और राहगीरों को काफी सहूलियत मिल रही है।
अचानक उनका ट्रांसफर चंदौसी से चंदौली हो गया है। स्थानांतरण की सूचना पर नगर वासी उनका ट्रांसफर रुकवाने की मांग कर रहे हैं।जिसमें राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष कौशल किशोर वंदे मातरम के नेतृत्व में दर्जनों पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने चंदौसी के उप जिलाधिकारी विनय कुमार मिश्रा का स्थानांतरण रुकवाने के संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
जहां उन्होंने कहा है कि चंदौसी नगर को चांद सी बनाने के प्रयास में रात दिन एक करने वाले उप जिला अधिकारी विनय कुमार मिश्रा का स्थानांतरण नहीं होना चाहिए।

वहीं इसके साथ ही अखिल भारतीय युवा उद्योग व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष अनुज वार्ष्णेय अन्नू के नेतृत्व में संगठन ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा है। जिसमें चंदौसी एसडीएम विनय कुमार मिश्रा का ट्रांसफर रुकवाने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि हमारे क्षेत्र के विकास का सौंदर्य करण और विकास के लिए आगे बढ़ाने में एसडीएम विनय कुमार मिश्रा का महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए उनका ट्रांसफर रोका जाए।
नगर पालिका परिषद के सभासद अमन कुमार कोरी के नेतृत्व में भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर एसडीएम स्थानांतरण रुकवाने की मांग की गई है।
इसके अलावा सभासद शिवकुमार सैनी ने भी मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा है। जिसमें विनय कुमार मिश्रा का स्थानांतरण रुकवाने की मांग की गई है।
एसडीम विनय कुमार मिश्रा का स्थानांतरण रुकवाने की मांग तेज हो गई है। नगर वासियों का कहना है कि विनय कुमार मिश्रा का स्थानांतरण जनहित में रोका जाना अति आवश्यक है, क्योंकि वह चंदौसी और नगर पालिका क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए तथा सरकारी योजनाओं के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।

सीएम से मिली बच्ची का उसकी मनपसंद स्कूल में हुआ एडमिशन।

● मुख्यमंत्री से कहा था- मेरा एडमिशन करा दो, मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुरादाबाद के सबसे महंगे स्कूल में हुआ एडमिशन।

● जनता दरबार में सीएम से मिलने का बच्ची का वीडियो हुआ वायरल।

प्रवाह ब्यूरो
मुरादाबाद। मुरादाबाद जनपद निवासी एक बच्ची अपने पिता के साथ मुख्यमंत्री के जनता दरबार में मिली और मुख्यमंत्री से मिलकर अपना एडमिशन कराने की बात कही तो मुख्यमंत्री ने बच्ची के एडमिशन के लिए निर्देश दे दिया और कुछ ही घंटों में बच्ची का एडमिशन मुरादाबाद के सबसे महंगे स्कूल में हो गया।
मुरादाबाद निवासी एक छोटी बच्ची मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में अपने पिता के साथ शिकायत लेकर पहुंची थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बच्ची से मिले, जिसे अपना नाम वाची बताया। बाद वाची से स्कूल का नाम पूछा गया। स्कूल का नाम आधा अधूरा बता पाई, जिसमें वह अपना प्रवेश लेना चाहती थी। उसके पिता की शिकायत थी कि स्कूल आरटीई के तहत उनकी बेटी को फ्री में एडमिशन नहीं दे रहा। मुख्यमंत्री और छोटी बच्ची का वीडियो वायरल हो गया। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने हंसते हुए यह भी पूछा था कि टेंथ में कारायें या इलेवंथ में। जहां बच्ची ने अपनी पढ़ाई की शुरुआती कक्षा का नाम बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फ्री में एडमिशन करने के निर्देश दिए तो मुरादाबाद जिलाधिकारी ने आरटीई के रिकॉर्ड के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की।
जिलाधिकारी के आदेश पर वाची का एडमिशन मुरादाबाद के सबसे महंगे सी एल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल में करा दिया गया।
मुख्यमंत्री से मिलने के बाद घंटे भर बाद बच्ची का एडमिशन हो गया।
स्कूल द्वारा भी बेसिक शिक्षा अधिकारी को एक पत्र भेजकर अवगत करा दिया गया की बच्ची का एडमिशन एलकेजी कक्षा में कर लिया गया है, शिकायत को खारिज कर दिया जाए।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता दरबार में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे, सरकारी आवास पर समस्या सुनते हुए अपने पिता के साथ पहुंची छोटी बच्ची से भी उसी दौरान बातचीत हुई थी।

डीएम की मेज पर रखा कर्तव्यनिष्ठ विचारों की पत्रावली का फोटो, बना चर्चा का विषय।

● जिलाधिकारी संभल की विचारधारा की हर जगह हो रही चर्चा।

● प्रदेशवासी बोले- सभी अधिकारी इसी विचारधारा के हों तो लालफीताशाही पर स्वयं लग जाएगा अंकुश।

प्रवाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया का पदस्थ जनपद में कार्य करना तथा अपनी अलग ही विचारधारा के साथ लोगों की समस्याओं का निस्तारण करना एक अलग पहचान बन गया है। वह हर छोटी-बड़ी समस्या को गंभीरता से लेते हुए उसका निस्तारण करने के बाद ही दम लेते हैं।
संभल में जिलाधिकारी की कुर्सी के नजदीक मेज पर रखी एक अच्छी विचारधारा तथा कर्तव्यनिष्ठ शब्दों के साथ तस्वीर प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गई है।
जहां जिलाधिकारी ने अपने नाम और पद के आगे कुछ शब्द ही अलग अंदाज में लिख रखे हैं तो वही इससे हटकर कुछ और अलग विचार प्रस्तुत किए हैं।
जहां उनकी मेज के आगे ‘आपकी समस्या का अंतिम पड़ाव’ लिखा हुआ है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यक्ति की समस्या आदि जनपद में कहीं किसी भी अधिकारी के पास नहीं सुनी जाती है तो यहां अंतिम आना होगा और समस्या अवश्य ही निस्तारण कराई जाएगी।
इसे छोड़िए इसके अलावा उन्होंने अपनी मेज पर कुछ शब्दों में लिखा है कि “मेरी मेज पर रखी हुई प्रत्येक पत्रावली के पीछे एक व्यक्ति खड़ा अपना कार्य होने की प्रतीक्षा कर रहा है। मेरा यह कर्तव्य है कि मैं सबसे पहले इस पत्रावली का निस्तारण कर उसे व्यक्ति को राहत प्रदान करूं।” इन शब्दों को अंकित कर एक फोटो के माध्यम से उन्होंने अपनी मेज पर लगा रखा है। जिन्हें देखने के बाद जनपद वासी जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया की कार्य करने की अलग ही विचारधारा देख रहे हैं।
जिलाधिकारी की इस उत्कृष्ट विचारधारा को देख लोग कह रहे हैं कि यदि सभी अधिकारी इसी विचारधारा के साथ कार्य करने लगे तो लालफीताशाही पर तत्काल अंकुश लगने के साथ स्वयं जनता का भला होने लगेगा। हालांकि जो भी हो लेकिन वर्तमान में जिलाधिकारी का कर्तव्यनिष्ठ विचारों वाला फोटो प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गया है जिसके चलते जिलाधिकारी के कार्य करने की विचारधारा की जगह-जगह प्रशंसा होती दिख रही है।

ऑपरेशन सिंदूर की स्मृति में संभल में लगाई गई सिंदूर वाटिका।

● जिलाधिकारी व एसपी ने क्षेमनाथ मंदिर के महंत बाल योगी दीनानाथ के साथ रोपे 108 सिंदूर के पौधे।

● बोले- ऑपरेशन सिंदूर की स्मृति सभी के मन में रहे, इसलिए लगाई गई सिंदूर वाटिका।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ऑपरेशन सिंदूर की स्मृति में संभल जनपद में जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने क्षेमनाथ मंदिर के महंत बाल योगी दीनानाथ के साथ सिंदूर वाटिका तैयार कर उसमें सिंदूर के108 पौधे रोपे गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर की स्मृति सभी के मन में रहे, इसलिए संभल जनपद में सिंदूर वाटिका का निर्माण कराया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर संभल नगर पालिका परिषद द्वारा अधिशासी अधिकारी डॉ. मणि भूषण तिवारी के नेतृत्व में जनपद में एक अनूठी पहल करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की स्मृति में बहजोई मार्ग पर लाडम सराय स्थित कचरा संवेदनशील स्थल पर उसे विलुप्त करते हुए उसका सौंदर्यीकरण कर सिंदूर वाटिका का निर्माण किया गया। सिंदूर वाटिका बनाते हुए उसमें जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने क्षेमनाथ मंदिर के महंत बाल योगी दीनानाथ के साथ सिंदूर के 108 पौधे रोपित किए।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह पहल बहुत ही सराहनीय है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रेरणा से ऑपरेशन सिंदूर की स्मृति सभी के मन में रहे, इसलिए यहां सिंदूर वाटिका बनाई गई है।
जहां उनके साथ सैकड़ों शहर वासी उपस्थित रहे तथा संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों ने भी सिंदूर वाटिका में पौधे रोपित करने में अपना सहयोग दिया।
इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार, सहायक मजिस्ट्रेट क्षेत्राधिकारी संभल आलोक भाटी, उप जिलाधिकारी संभल विकास चंद्र, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका संभल डॉक्टर मणिभूषण तिवारी, अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।

संभल में निरीक्षण करने निकले बीडीओ की कीचड़ में फंसी गाड़ी, गाड़ी से उतर पैदल निकले।

● गुन्नौर विकासखंड क्षेत्र के गांव का मामला, गांव की विकास व्यवस्था का निरीक्षण के लिए निकले थे।

● ड्राइवर ने निकालने की कई मिनट तक की कोशिश, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ घटना का वीडियो।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। गांव की बदहाल स्थिति या विकास की व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए खंड विकास अधिकारी जब गांव में पहुंचे तो उसी गांव में कीचड़ से लबालब जल भराव के गड्ढे में स्वयं खंड विकास अधिकारी की गाड़ी फंस गई। गाड़ी नहीं निकलने पर खंड विकास अधिकारी गाड़ी से उतरकर पैदल आगे बढ़ गए तथा ड्राइवर ने लगातार कोशिश की, उसके बाद गाड़ी बाहर निकल पाई। जिसका वहां मौजूद लोगों ने अपने मोबाइल से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया और पंचायत की बदहाल सड़क व्यवस्था के बारे में सवाल उठाया है।
मामला संभल जनपद के गुन्नौर विकासखंड के एक ग्राम पंचायत का है। जहां खंड विकास अधिकारी अखिलेश कुमार अपनी सरकारी गाड़ी से गांव में निरीक्षण के लिए निकले थे। बारिश के चलते सड़क पर गड्ढा होने के चलते जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जैसे ही वह गांव पहुंचे तो उनकी सरकारी गाड़ी गांव के बाहर एक लिंक मार्ग पर कीचड़ में फंस गई। चालक ने काफी कोशिश की। गाड़ी नहीं निकल पाई तो खंड विकास अधिकारी स्वयं गाड़ी से उतरकर पैदल आगे बढ़ गए। जहां लगातार कई मिनटों तक चालक गाड़ी को निकालने की कोशिश करता रहा, और उसके बाद गाड़ी निकल पाई। बारिश के दौरान सड़क पर गड्ढे होने के चलते जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। खंड विकास अधिकारी अखिलेश कुमार कीचड़ को देखते हुए गाड़ी से नीचे उतर गए और पैदल आगे बढ़ गए।
जिस गांव में खंड विकास अधिकारी निरीक्षण के लिए निकले थे, उसी गांव में सड़क की बदहाल स्थिति को लेकर सड़क व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार गांव के बाहर लिंक मार्ग पर गड्ढे होने के चलते जल भराव की समस्या बारिश के दिनों में बनी हुई है। जिसके चलते ही गाड़ी कीचड़ में फंसते ही लोगों ने अपने मोबाइल से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
हालांकि दैनिक प्रवाह वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

एसडीएम विनय मिश्रा ने भगवान गणेश के चरणों में अर्पित किया प्रथम निमंत्रण पत्र।

● इस बार 65वां गणेश जन्मोत्सव 25 अगस्त से 14 सितंबर 2025 तक होगा आयोजित, 27 अगस्त को महापूजन एवं रथ यात्रा के साथ संपन्न होगा आयोजन।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। बुधवार की शाम सुप्रसिद्ध गणेश चौथ मेला के उपलक्ष्य में चंदौसी उपजिलाधिकारी विनय मिश्रा व समस्त गणेश भक्त ढोल नगाड़ों के साथ गणेश मन्दिर पर पहुंचे। जहां फूल मालाओं से एसडीएम विनय मिश्रा का उपस्थित लोगों द्वारा स्वागत किया गया। उपजिलाधिकारी चंदौसी द्वारा प्रथम पूज्य भगवान गणेश को उनके श्री चरणों में प्रथम निमन्त्रण अर्पित कर प्रार्थना की गयी कि महाराज इस बार गणेश जन्मोत्सव अपने 65वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। 

हे निर्विघ्नं प्रथम पूज्य भगवान गणपति समस्त देवी-देवताओं के साथ सर्वप्रथम अपनी उपस्थिति दर्ज कर गत् वर्षों की भांति ही इस बार भी अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हुए आयोजन को सकुशल संपन्न करें।
अवगत रहे कि 64 वर्षों से निर्विघ्न सम्पन्न गणेश जन्मोत्सव मनाया रहा है। इसी क्रम में 65वां गणेश जन्मोत्सव 25 अगस्त 2025 से 14 सितम्बर 2025 तक मनाया जायेगा जो 27 अगस्त को महापूजन एवं रथ यात्रा के साथ संपन्न होगा।
इस अवसर पर ब्रह्माण्ड के समस्त देवी, देवताओं का आवाहन कर मेला संबंद्ध सभी कार्यक्रमों के निर्विघ्न सफलता पूर्वक सम्पन्न हेतु मन्दिर के पुजारी द्वारा मन्त्रोच्चार के साथ श्री गणेश जी से उपजिलाधिकारी व उपस्थित समस्त भक्तगणों द्वारा प्रार्थना की गई। तदोपरांत प्रसाद वितरण कर भगवान गणेश के जयकारों के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

बदायूं में अपने प्रेमी के साथ फरार हुई नवविवाहिता, पति बोला- हनीमून पर नैनीताल जाने की थी तैयारी।

● पति ने कहा –  न कोई प्राथमिकी, न कोई खर्च वापस मांगा, राजा रघुवंशी बनने से बच गया, यही काफी है।

● बीते 17 में को हुई थी शादी, कुल 13 दिन रही ससुराल में, फिर आ गई थी अपने मायके।

● पति ने कहा – गनीमत रही कि उससे पहले ही सच सामने आ गया।

प्रवाह ब्यूरो
बदायूं। बदायूं में नव विवाहिता अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। जहां अपनी पत्नी के प्रेमी के साथ फरार होने के बाद पति ने कहा कि मैं राजा रघुवंशी बनने से बच गया। पत्नी के मायके से लौट के बाद नैनीताल हनीमून पर जाने की तैयारी थी। गनीमत रही कि सच सामने आ गया।

बदायूं जनपद के बिसौली क्षेत्र निवासी युवक की शादी बीते 17 मई को हुई थी। शादी के बाद लगभग 13 दिन पत्नी ससुराल में रुकी और उसके बाद से मायके में रह रही थी।
जहां से वह अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। बीते 10 जून को प्रेमी के साथ फरार होने की सूचना मिली तो उसके पिता ने 11 जून को बिसौली में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 16 जून को पुलिस को नव विवाहिता अपने प्रेमी के साथ मिली। जहां पुलिस ने ससुराल पक्ष और मायके पक्ष के दोनों लोगों को बुलाया। दोनों के सामने पुलिस के समक्ष नव विवाहिता ने अपने प्रेमी के साथ रहना स्वीकार किया और पति के साथ रहने से इन्कार कर दिया। जहां प्रेमी ने भी कहा कि दोनों के बीच प्रेम संबंध हैं, और साथ रहना चाहते हैं। पति ने कहा की शादी के बाद घर पर काफी रिश्तेदार थे। नहीं तो उसी समय हनीमून पर जाने की तैयारी थी। पत्नी के मायके से लौट कर आने के बाद नैनीताल हनीमून पर जाने की तैयारी बनाई थी। गनीमत रही कि उससे पहले ही सच सामने आ गया अन्यथा मैं भी राजा रघुवंशी बन जाता। जहां पति ने किसी भी तरह की कार्यवाही करने से इन्कार कर दिया और न ही कोई तहरीर दी।
जहां पति ने कहा कि भगवान का शुक्र है कि मैं भी राजा रघुवंशी बनने से बच गया, मेरे लिए यही काफी है। जिससे सच पहले ही सामने आ गया।