प्रेमिका के घर फंदे से लटका मिला प्रेमी का शव, हड़कंप।

मौत से 4 घंटे पूर्व प्रेमिका के साथ लगाया था स्टेटस, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप।

2 साल से था अफेयर एक साथ आलू मिल में काम करते थे दोनों प्रेमी-प्रेमिका।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। गुरुवार को संभल जिले के हयात नगर थाना क्षेत्र की अंबेडकर बस्ती में रूह कंपा देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक प्रेमी अपनी प्रेमिका के घर में ही फंदे से लटका मिला है। जबकि मृतक प्रेमिका अपने परिवार सहित घटनास्थल से फरार है।
जानकारी के अनुसार समाज की बंदिशों की वजह से प्यार को मंजिल नहीं मिली जिसके चलते आखिरकर दोनों के दो साल पुराने प्यार का अंत हो गया। युवक के पिता ने युवती के पिता और दो भाइयों पर हत्या का आरोप लगाकर पुलिस को तहरीर दी है। परिजनों का दावा है कि लड़का रात 3 बजे का गया हुआ था। जो अब लड़की के घर में कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची जहां शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार प्रेमी ने मौत से 4 घंटे पहले प्रेमिका के साथ एक स्टेटस भी लगाया लगाया जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

युवक का का नाम सौरभ पुत्र इंद्रजीत है, जबकि उसकी प्रेमिका का नाम मोहिनी पुत्री विजयपाल है दोनों हम उम्र (20 वर्ष) होने के साथ-साथ पड़ोस एक आलू मिल में काम करते हैं जहां उनका 2 साल से प्रेम-प्रंग चल रहा था। ये बात युवक व युवती के घर परिवार वालों को भी पता चल गई थी। दोनों को कई बार समझाया गया लेकिन वे शादी करके एक साथ रहने की जिद पर अड़े थे। दो दिन पहले युवक व युवती घर से फरार होने की फिराक में थे। युवक के बैग में युवती के कपड़े मिले तो पंचायत बैठी। जहां पंचायत में दोनों से कहा गया था कि उनका रिश्ता परिजनों को मंजूर नहीं है इसलिए वे अलग होकर एक दूसरे को भूल जायें। तदोपरांत ही गुरुवार को प्रेमी युवक सौरभ का शव फंदे से लटका मिला। 
जहां मृतक के पिता इंद्रजीत ने आरोप लगाया कि युवती के दो भाइयों व पिता ने उनके बेटे की हत्या कर शव लटकाया है। पिता ने तीनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस को तहरीर भी दी है। घटना की सूचना मिलने के बाद थानाध्यक्ष संजीव कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जहां फोटोग्राफी के साथ-साथ घटना स्थल से फॉरेंसिक साक्ष्य भी एकत्र किए हैं।
युवती के घर प्रेमी का शव फंदे पर लटके होने की गुत्थी सुलझाने में पुलिस गहनता से जुटी है। दो दिन पहले युवक के बैग में युवती के कपड़े और दस हजार रुपये मिले थे जिससे उससे माना जा रहा है कि दोनों घर छोड़कर जाने का प्लान कंफर्म कर चुके थे। पंचायत ने भले ही उन्हें अलग हो जाने के लिए कहा हो लेकिन रात को 3 बजे सौरभ के प्रेमिका के घर जाने लोग यही मतलब समझ रहे हैं कि वह प्रेमिका के साथ फरार होना चाहता था।
सीओ संभल आईपीएस आलोक भाटी ने बताया कि एक युवक द्वारा सुसाइड करने का मामला सामने आया है। जिसमें परिजनों की ओर से थाने पर तहरीर भी दी गई है। मौत का सही कारण जानने के लिए शव को पोस्टमार्टम लिए भेजा गया है पूरे मामले की पुलिस टीम जांच कर रहीं है जिसके बाद अग्रिम कर्रवाई की जायेगी।

फेसबुक व इंस्टाग्राम की दीवानी गालीबाज परियां सलाखों के पीछे।

फॉलोवर्स बढ़ाने व पैसे कमाने के चक्कर में सोशल मीडिया पर करती थीं अश्लील भाषा का प्रयोग।

मुकदमा दर्ज कर महक, परी सहित 4 को किया गिरफ्तार।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। सोशल मीडिया पर अश्लील भाषा का प्रयोग करने वाली गालीबाज परियों सहित पुलिस ने 4 को गिरफ्तार किया है। सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स बढ़ाने व पैसे कमाने के चक्कर में अश्लील भाषा का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज करतीं थीं। जिन्हें असमोली थाना पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।
संभल के असमोली थाना क्षेत्र के शाहबाजपुर कला गांव में बीते 13 जुलाई को भीड़ लगी हुई थी। संबंधित मंसूरपुर माफी चौकी प्रभारी मोहित चौधरी टीम के साथ गस्त पर थे तो उन्होंने जानकारी की। जहां ग्रामीणों द्वारा गांव के दो युवतियों के बारे में जानकारी दी गई। जो फेसबुक तथा इंस्टाग्राम पर अश्लील भाषा का प्रयोग करते हुए गाली गलौज कर वीडियो अपलोड करती थीं। लोक लाज को त्याग कर वह गालीबाज परियों के नाम से प्रसिद्ध होना चाहती थीं। सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स बढ़ाने व पैसे कमाने के चक्कर में अश्लीलता फैला रही थीं।
ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के बच्चों व महिलाओं पर बुरा असर पड़ रहा था। जहां तहरीर के आधार पर दो लड़कियों महक तथा परी के नाम मुकदमा दर्ज कराया गया था। जांच के दौरान दो नाम और सामने आए।

जहां मंगलवार को पुलिस ने असमोली के शहबाजपुर कला निवासी मेहरुल निशा उर्फ परी पुत्री सरफराज, महक पुत्री सरफराज तथा अमरोहा के डिडौली थाना अंतर्गत मोहल्ला इकबाल नगर जोया निवासी हिना पुत्री कल्लू, अमरोहा के डिडौली थाना क्षेत्र के ही भवालपुर माफी निवासी जर्रार आलम पुत्र हामिद को गिरफ्तार कर लिया।
जिन्होंने पूछताछ में बताया कि सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम पर अश्लील भाषा का प्रयोग करते हुए तथा गाली गलौज कर वीडियो अपलोड करती थीं । साथ ही फॉलोवर्स बढ़ाना चाहती थीं।
जिन्हें पुलिस ने मेहरूल निशा उर्फ परी के घर से गिरफ्तार कर लिया।
जिनके पास से पुलिस ने एक मोबाइल फोन एप्पल कंपनी का परी के पास से, एक मोबाइल हिना के पास से, एक मोबाइल जर्रार आलम के पास से बरामद किया है।
उक्त संबंध में पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि असमोली थाना क्षेत्र में पिछले कई दिनों से कुछ लड़कियों द्वारा सोशल मीडिया पर गाली गलौज करके वीडियो अपलोड कर अश्लीलता फैलाई जा रही थी। शिकायत व तहरीर पर असमोली थाना पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच की गई तो महक, परी, हिना व जर्रार आलम द्वारा आईडी चलाई जा रही थी। जिस पर अश्लील वीडियो अपलोड किए जाते थे। जिन्हें आज गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

लगभग सात सौ वर्ष पुराना है मां कैला देवी धाम का इतिहास।

● एक पिंडी रूप में हुआ था मां कैला देवी का आगमन, नवरात्रों में दर्शन के लिए आता था शेर।

● दक्षिण दिशा में बहती थी लगभग 600 मीटर चौड़ी गंगा नदी।

● योग माया की अवतार मानी जाती हैं मां कैला देवी।

● आखिर कैसे पड़ा मां कैला देवी का नाम, कैसे हुईं प्रकट, क्या है मान्यता, जानें दैनिक प्रवाह के साथ।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में स्थित मां कैला देवी धाम का बहुत ही प्राचीन इतिहास है।
जहां जनपद ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों और उत्तर प्रदेश के कोने-कोने से लोग पूजा अर्चना करने आते रहते हैं। जहां पिंडी के रूप में प्रकट हुई थीं मां कैला देवी, एक महान संत ने कराई थी मठ की स्थापना। मां कैला देवी झाड़ी मंदिर भूड़ इलाके का एक प्रसिद्ध दैवीय तीर्थ स्थल है। जहां सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन मां कैला देवी के दर्शन को आते हैं तथा नवरात्रों के दिनों में हजारों की संख्या में दिनभर श्रद्धालु चलते रहते हैं।

बताया जाता है कि 14वीं शताब्दी के प्रारंभ में मां कैला देवी धाम के निकट ही दक्षिण दिशा में लगभग 600 मीटर चौड़ी नदी में गंगा की धारा बहती थी। इसी नदी में एक संत नित्य प्रतिदिन स्नान करने आते थे। एक दिन स्नान करते समय संत को नदी के किनारे स्थित उत्तर दिशा में ऊंचे टीले से एक शिशु के चीखने की आवाज सुनाई दी थी। संत ने कुछ क्षणों तक शिशु के चीखने की आवाज सुनी और अर्द्ध स्नान किए ही साहस के साथ सुनसान और भयंकर कंटीली झाड़ियों से गुजर कर ऊंचे टीले पर पहुंच गए, जहां से आवाज सुनाई दे रही थी। जैसे ही उन्होंने झांक कर देखा तो एक भव्य पिंडी दिखाई दी। संत ने उस भव्य पिंडी को स्पर्श करके नमन किया और उसे उठाने लगे। लेकिन पिंडी को वह हिला भी नहीं सके। जिसे देख संत को बड़ा आश्चर्य हुआ और ऊंचे टीले से उतरकर नदी में स्नान करने के लिए आ गए। जहां उन्होंने स्नान करने के बाद अपने कमंडल में जल भरकर पुनः पिंडी के पास पहुंच गए। उन्होंने कमंडल से जल लेकर पिंडी को स्नान कराया और नमन करते हुए अपने गंतव्य पर जा पहुंचे। जिसके पश्चात उन्हीं संत ने पिंडी के ऊपर एक छोटा सा कच्ची मिट्टी का मठ बनवाया। जहां सुबह-शाम घी का दीपक जलाते थे। धीरे-धीरे वहां मान्यता बढ़ती चली गई।

योग माया की अवतार और यादवों की कुलदेवी मानी जाती हैं, मां कैला देवी।

मां कैला देवी योग माया की अवतार मानी जाती हैं। कहा जाता है कि द्वापर युग में मथुरा में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से उत्पन्न कन्या को वहां के अत्याचारी राजा कंस ने अपना काल समझकर अपने हाथ से पृथ्वी पर पटक कर मारने की कोशिश की थी। लेकिन वह कन्या कंस के हाथ से छूटकर आकाश मार्ग में अंतर्ध्यान हो गई थी। वही कन्या कलयुग में योग माया से पिंडी के रूप में भूड़ क्षेत्र में प्रकट हुई। दूसरी तरफ कहा जाता है कि वह भगवान श्री कृष्ण की बहन भी थी। यादव कुल में जन्म लेने के कारण वह यादवों की कुलदेवी भी कही जाती है।

काला ढाक के नाम से प्रसिद्ध था जंगल, चोर डाकुओं का था अड्डा, इस प्रकार पड़ा मां कैला देवी का नाम…..

लगभग चार शतक पूर्व मां कैला देवी से एक किमी दूर दक्षिण दिशा में घना जंगल था। जिसका काफी दूर तक विस्तार था, और वह घना जंगल काला ढाक के नाम से भी प्रसिद्ध था। इस घने जंगल में चोर डाकू दिन दहाड़े राहगीरों से सामान लूटकर राहगीरों की हत्या करके पास में बह रही झील में फेंक दिया करते थे। मां कैला देवी ने योग शक्ति के द्वारा और चोर डाकुओं का संघार किया। काला ढाक क्षेत्र के समीप स्थित होने के कारण ही उस पिंडी का नाम मां कैला देवी पड़ा।

कई किलोमीटर की दूरी के बीच मां कैला देवी पर ही जलता था दीपक।

कहा जाता है कि 14 वीं शताब्दी में गंगा के दक्षिणी पश्चिमी तट पर 12 कोस दूर मां अवंतिका देवी का मठ था। दोनों देवियों के मध्य गंगा की धारा बह रही थी और घना जंगल था। दोनों के बीच कोई आबादी क्षेत्र नहीं था। शाम के समय रात्रि में गंगा के दक्षिणी पश्चिमी तट पर मां अवंतिका देवी तथा उत्तरी पूर्वी तट पर मां कैलादेवी पर ही दीपक जलता था।

झाड़ी में पिंडी के पास दहाड़ता हुआ आता था एक शेर।

लगभग चार दशक पूर्व तक मां कैला देवी की विशालकाय घनी झाड़ी में चैत्र और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवरात्रि के दिनों में शाम के समय प्रतिदिन दहाड़ता हुआ एक शेर आता था। और सुबह के समय बिना किसी को हानि पहुंचाए चुपचाप चला जाता था। नवरात्रों के बाद में वह शेर किसी को दिखाई नहीं देता था और न ही उसकी दहाड़ सुनाई देती थी। सिंह की दहाड़ सुनकर लोगों में एक आस्था और उत्पन्न हुई की मां कैला देवी साक्षात् देवी के रूप में नवरात्रि के दिनों में शेर पर सवार होकर आतीं हैं।

वर्तमान में कैला देवी मंदिर का महत्व…

मां कैला देवी धाम पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में भक्त अपनी इच्छाओं को लेकर पहुंचते हैं और उनकी इच्छाएं पूर्ण भी होती हैं। जहां प्रत्येक महीने के प्रत्येक सोमवार को दिनभर महिलाओं तथा कन्याओं की भीड़ हजारों की संख्या में सुबह से शाम तक लगी रहती है। मंदिर में दूध, दही, ध्वजा नारियल तथा प्रसाद आदि चढ़ाते हैं। मान्यता है कि दुधारू पशु दूध नहीं दे रहा हो तो पशु का दूध या दही मंदिर में चढ़ा देने से वह पर्याप्त मात्रा में दूध देने लगता है। मंदिर पर नित्य सुबह शाम को घंटा तथा नगाड़ा बजाकर सामूहिक स्वर में आरती की जाती है। नित्य प्रातः 4 बजे आरती होती है तथा क्षेत्रवासी घंटे की आवाज सुनकर सुबह अपनी शैया छोड़ देते हैं और अपने दैनिक कार्यों में लग जाते हैं।
मां कैला देवी धाम पर घंटे की ध्वनि लगभग 7 किलोमीटर की परिधि में आसानी से सुनी जा सकती है।

मां कैला देवी धाम पर मेले व रामलीला का भी होता है आयोजन।

मां कैला देवी धाम पर कई शतकों से चैत्र और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के नवरात्रि के दिनों में जहां उत्तर प्रदेश के हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन अपनी इच्छा लेकर आते हैं, वहीं अन्य राज्यों से भी लोग मन्नतें मांगने आते हैं। उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली प्रांत से भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं। जहां चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की रामनवमी तथा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष दो बार एक दिवसीय मेले का आयोजन भी किया जाता है। जहां आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में 12 दिवसीय रात्रि में रामलीला का भी आयोजन होता है। दीपावली के पर्व पर दीपोत्सव तथा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। आषाढी, गुरु पूर्णिमा पर विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। समय-समय पर अन्य भक्त मंदिर पर आकर भंडारा करते रहते हैं तथा जागरण भी होते रहते हैं।

मां कैला देवी धाम के अन्य तथ्य…..

प्राचीन समय में मां कैला देवी के निकट दक्षिण दिशा में एक नदी बहती थी, जो लगभग तीन दशक पहले तक एक दलदली झील के नाम से जानी जाती थी। इस झील में भारी जीव जंतु और मनुष्य आदि भी जमीन में नीचे की ओर धंस जाते थे।
लगभग डेढ़ दशक पूर्व तक इस झील में सांप, बिच्छू, केकड़ा जौंक, सीपी, चौंधा, दादुर तथा कछुआ आदि के विभिन्न प्रजातियां भी पाई जाती थीं। इस झील में कमल, कुमुदिनी, फटेरा तथा टांटर आदि वनस्पतियां प्रमुखता से पाई जाती थीं। कहा जाता है कि जमींदार लोग हाथी पर सवार होकर फटेरा घास लेने के लिए इस झील में आया करते थे। क्योंकि इस घास को हाथी बड़े चाव से खाता है। जहां कई जमींदार लोग और हाथी भी इस दलदली झील में काल के गाल में समा गए।

राजस्थान के मां कैला देवी धाम से नहीं है कोई संबंध।

कैला देवी धाम के महंत ऋषि राज गिरी जी महाराज बताते हैं कि राजस्थान में स्थित मां कैला देवी का संभल के भूड़ क्षेत्र की स्थित मां कैला देवी से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं हैं। मंदिर के निकट लगभग शतक पूर्व प्रसिद्ध संत शीतल दास महाराज की समाधि भी है। जहां संत शीतल दास महाराज जी ने मां कैला देवी के चमत्कारों की प्रसिद्ध सुनकर नित्य दर्शन करने प्रारंभ कर दिए थे और वह मां कैला देवी के टीले से पूर्व दिशा में एक कुटी बनाकर वहीं रहने लगे थे। वर्षा ऋतु में घनघोर वर्षा होने के चलते चारों ओर पानी ही पानी दिखाई देता था। बताया जाता है कि एक बार घनघोर वर्षा हो रही थी। स्नान करने के लिए शीतल दास महाराज ने मां कैला देवी से एक प्रार्थना की थी कि यदि तुममें शक्ति है तो मुझे किसी सवारी का प्रबंध करो, जिससे कि मैं नित्य नियम अनुसार गंगा में स्नान कर सकूं। इस समय मां ने आकाशवाणी हुई कि शीतला तू अपनी कुटिया की झोपड़ी पर बैठ, यहीं से तुझे गंगा में स्नान कराके लाएगी। उसी समय शीतल दास जी कुटिया के छप्पर पर बैठे और कुटिया सहित गंगा में पहुंचकर स्नान करने के बाद सबसे पहले वापस आ गए थे। उसी समय से मां कैला देवी की शक्ति की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैलती चली गई। जहां अंत में इस कुटिया में अपनी समाधि लगाकर पृथ्वी में शीतल दास महाराज जी विलीन हो गए और उनका समाधि मंदिर आज भी उनके नाम से प्रसिद्ध है।

मां कैला देवी धाम के प्रसिद्ध संत बाबा रतन गिरी का इतिहास।

भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात मां कैला देवी की प्रसिद्धि को सुनकर यहां महंत रतन गिरी जी आए। उन्होंने मां कैला देवी की पिंडी को खुदवाकर देखा तो वह देवी की जड़ को नहीं ढूंढ पाए और थक कर यही कहा कि यह देवी पातालीं है। शक्ति स्वरुपा हैं। उसी दिन से महंत रतन गिरी जी ने देवी के टीले की कंटीली झाड़ियां को काटकर उस स्थान पर मंदिर बनवाया। देवी के दक्षिण दिशा में शिवजी तथा उत्तर दिशा में हनुमान जी के मंदिर की भी स्थापना कराई। संत रतन गिरी जी ने मंदिर की दक्षिण दिशा में एक कुटिया बनाई जिसमें देवी के भक्तों के बैठने की व्यवस्था की गई। झील के उत्तर दिशा में कुएं का निर्माण कराया। जहां आज वह कुआं जलरहित हो चुका है। धीरे-धीरे मां कैला देवी धाम की प्रसिद्धि बढ़ती चली गई और अन्य राज्यों से भी लोग दर्शन के लिए आने लगे। यहां कई दशकों पूर्व से सोमवार के दिन साप्ताहिक बाजार का भी आयोजन होता है, जिसमें लगभग कई दर्जनों गांवों के लोग बाजार का लाभ उठाते हैं और अपनी आवश्यकताओं की वस्तुएं और सब्जियां खरीदते हैं।
आज संभल के भूड़ इलाके में स्थित मां कैला देवी का स्थान उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी एक श्रद्धा का केंद्र बन चुका है।

संभल से वीरेश कुमार की रिपोर्ट…

कावड़ यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, डीआईजी ने भी किया कांवड़ मार्ग का निरीक्षण।

● लाइव लोकेशन से रहेगी कांवड़ियों पर नजर, कंट्रोल रूम में स्क्रीन पर देखे जा सकेंगे सभी दृश्य।

● अति संवेदनशील शहर की श्रेणी में शामिल संभल की सुरक्षा पर रहेगी पैनी नजर।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल पुलिस ने कावड़ियों की निगरानी के लिए इस बार अनूठी पहल शुरू की। पहली बार कांवड़ियों को जियो टेक टेक्नोलॉजी से जोड़ा गया है। जिसके चलते ही पुलिस कंट्रोल रूम से ही कांवड़ियों की प्रत्येक गतिविधि पर स्पष्ट नजर रख सकेगी।
अति संवेदनशील शहर होने के चलते यूपी के संभल में ऐसा पहली बार हो रहा है। इसका यह लाभ रहेगा कि अगर कोई जत्था कहीं भी रुकता है तो पुलिस इसकी जानकारी तत्काल कर सकेगी। बावजूद इसके यदि कोई असुविधा जत्थे को लगती है तो पुलिस प्रशासन तत्काल मौके पर पहुंच सकेगा।

एएसपी (उत्तरी) राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में 200 से अधिक कैमरे लगाये गयें हैं। जिनका एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है ऐसी में जत्था कहां पर है जिओ ट्रैकिंग तकनीक के जरिए मौके की तस्वीरों को आसानी से कंट्रोल रूम में बैठकर देखा जा सकता है। एएसपी का दावा है कि यह तकनीक यूपी में पहली बार संभल में इस्तेमाल हो रही है जो शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भविष्य में अन्य त्योहारों पर भी लागू की जाया करेगी।
कावड़ियों के जत्थे रवाना हो गए हैं जो रविवार की देर रात तक संभल की ओर लौटेंगे जिनका माह के प्रथम सोमवार को जलाभिषेक होगा। जनपद में चाक-चौबंद व्यवस्था के चलते कावड़ियों की हर गतिविधि कैमरे पर रहेगी। जहां उनकी गतिविधि को संबंधित पुलिस टीम के माध्यम से अपडेट कराया जा सकेगा। जिसे निर्देशित करते हुए सकुशल आगे बढ़ाएंगे। इन सभी गतिविधियों के लिए संभल की सत्यव्रत पुलिस चौकी पर कंट्रोल रूप स्थापित किया गया है। एसपी के अनुसार कि इस बार जिले में 12000 कैमरे के साथ कुल 11 कंट्रोल रूम बने हैं जिन पर 24 घंटे पुलिसकर्मियों की ड्यूटी रहेगी।

बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर शनिवार को डीआईजी मुनिराज ने भी जिले में कावड़ियों के प्रवेश स्थल मनौटा पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने महिला हेल्प डेस्क व हवालात का भी स्थलीय मुआयना किया। जहां शनिवार को कावड़ यात्रा के दृष्टिगत विभिन्न स्थानों से अतिक्रमण आदि को हटाया गया। इस बार जनपदीय प्रशासन द्वारा कावड़ियों को बहुत ही सुरक्षित वातावरण में कावड़ यात्रा संपन्न करने का प्लान निर्धारित किया है। जिसके लिए डिजिटल सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ अतिरिक्त फोर्स बल की भी तैनाती की गई है।

स्कूल मर्जर विवाद पर बीएसए बोलीं- त्रुटिबस जारी हुआ पहला आदेश, 50 से कम छात्र वाले 70 स्कूलों को मर्ज करने का है प्रस्ताव।

● आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद खड़ा हो गया था विवाद।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल की बीएसए अलका शर्मा द्वारा जारी स्कूल मर्जर का एक आदेश विवाद का कारण बन गया। क्योंकि पहले जारी आदेश में कहा गया था कि 70 से कम बच्चों वाले सभी गवर्नमेंट प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए जाएंगे। इन स्कूलों के छात्रों को पास के अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाना था।
आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हाल के बाद विवाद खड़ा हो गया। तदोपरांत बीएसए ने अपना स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि पहला आदेश त्रुटिवश जारी हो गया था। उन्होंने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वास्तव में 50 से कम छात्रों वाले 70 स्कूलों को मर्ज करने का प्रस्ताव है।
अलका शर्मा बताया कि 70 से कम बच्चों वाले स्कूलों को बंद करने का जो आदेश था वह त्रुटिवश जारी हो गया था। जनपद में 181 स्कूलों को मर्ज करने के आदेश हुए थे इस मामले में जनपद में तीसरे चरण में 50 से कम बच्चों वाले 70 स्कूल हैं जिन्हें मर्ज करने के आदेश दिए गए लेकिन त्रुटिवश 70 स्कूलों की जगह 70 से कम बच्चों वाले स्कूलों को बंद करने आदेश हो गए जो सब भूल वश जारी हुआ। जिसमें तत्काल सुधार करते हुए स्पष्ट स्थिति को निर्धारण कर दूसरा संशोधित लेटर जारी कर दिया गया है। जिसमें सिर्फ 50 से कम छात्रों वाले 70 स्कूलों को मर्ज करने का प्रस्ताव है।

मृतक के दस्तावेजों से फर्जी पॉलिसी बनाकर क्लेम हड़पने वाला एक आरोपी और गिरफ्तार।

कुख्यात अंतर्राज्यीय गिरोह का सक्रीय सदस्य है गिरफ्तार आरोपी सत्य प्रकाश।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। शनिवार को संभल के धनारी थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक अंतर्राज्यीय गिरोह के सदस्य सत्य प्रकाश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
उपरोक्त प्रकरण धनारी स्टेशन की रहने वाली उर्मिला की शिकायत पर संज्ञान में आया। जहां उर्मिला की पति प्रेमपाल की 3 साल पूर्व टीवी बीमारी होने के चलते मृत्यु हो गई थी। तभी धनारी थाना क्षेत्र के बायभूड गांव के अनेक पाल व उसके साथी सरकारी योजना का लाभ दिलाने पीड़ित उर्मिला के घर आकर उसके मृतक पति के आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मृत्यु प्रमाण पत्र व उर्मिला का आधार कार्ड व फोटो भी साथ ले गये। कुछ दिन पश्चात उन्होने उर्मिला से कई कागजों पर हस्ताक्षर आदि भी करवा लिए।
पकड़े गए आरोपी सत्य प्रकाश ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह अनेकपाल, प्रेमपाल व संजू उर्फ रूप किशोर के साथ मिलकर धोखाधड़ी के कृत्य करता था। हमारा गिरोह गांव में गंभीर बीमारी से पीडित रोगियों की तलाश करता था फिर उनका प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में खाता खुलवाया जाता था। गिरोह के अन्य सदस्य मिलकर खुद बीमा की किस्तें जमा करते थे साथ ही पीड़ित के दस्तावेज भी अपने पास रख ही लेते थे। तदोपरांत बीमित व्यक्ति की मृत्यु के बाद क्लेम की धनराशि आपस में बांट लेते थे। जिसकी नॉमिनी के पास भी कोई जानकारी शेयर नहीं करते थे दस्तावेज अपने पास होने के चलती स्वयं जालसाजी से पैसा आदि भी निकाल लेते थे। उपरोक्त प्रकरण में ही प्रेमपाल और संजू पहले से ही जेल में हैं। उक्त प्रकरण में थाना अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि विधवा महिला के पति के दस्तावेज आदि लेकर फर्जी तरीके से पॉलिसी आदि करने के मामले में एक आरोपी सत्य प्रकाश को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है जिसमें अग्रिम कार्रवाई जारी है।

संभल में धार्मिक स्थलों का कायाकल्प करेगी योगी सरकार।

● पर्यटन विभाग ने विकास के लिए मंजूर की 7 करोड़ की धनराशि।

● कल्कि मंदिर के लिए 3 करोड़ मंजूर, जल्द बनेगा परिक्रमा पथ।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल में कल्कि धाम और शंख माधव तीर्थ सहित कई धार्मिक स्थलों का कायाकल्प करने हेतु यूपी की योगी सरकार ने खजाना खोल दिया है।
जनपद को धार्मिक पर्यटन केंद्र के तौर पर तैयार करने के लिए कल्कि मंदिर सहित विभिन्न प्राचीन धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण एवं विकास के लिए 7 करोड रुपए की धनराशि भी मंजूर कर दी गई है।
जहां अधिकारियों ने बताया कि कुल मंजूर राशि में से विशेष रूप से 3 करोड़ रुपये प्राचीन कल्कि मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए आवंटित हुए हैं। साथ ही बताया कि कल्कि धाम और शंख माधव तीर्थ सहित कई धार्मिक स्थलों का कायाकल्प करने की योजना भी जल्द तैयार की जा रही है।
शुक्रवार को संभल के उपजिलाधारी विकास चंद्र ने संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों में से शंख माधव तीर्थ, ऋषिकेश महाकूप, मृत्यु कूप के अलावा कल्कि मंदिर का निरीक्षण कर योजनाओं का खाका तैयार कराया। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ धार्मिक विकास नहीं बल्कि शहर की गरिमा को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक ठोस पहल है।
विकास चंद्र ने बताया कि भगवान कल्कि मंदिर में भव्य परिक्रमा पथ, धार्मिक पेंटिंग, सुंदर बागीचा, श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था और भगवान कल्कि का भव्य घोड़ा स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत कल्कि मंदिर के लिए तीन करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
संभल में पिछले वर्ष 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद हुईं हिंसा के बाद अचानक ये जिला देश भर में सुर्खियों में आ गया था। इसके बाद यहां जिला प्रशासन ने कई तरह के अभियान चलाए। इसी अभियान के बाद गत वर्ष 14 दिसंबर को 46 वर्ष से बंद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट भी खुलवाये गये थे।
इसके साथ ही संभल के विलुप्त हो चुके तमाम तीर्थ स्थल और कूपों को खोज निकालने की कार्रवाई की गई थी। संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों के अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित 8 स्मारकों को भी विकसित करने की दिशा में प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है।

कल्कि पीठाधीश्वर का अखिलेश यादव पर पलटवार।

● कहा- विदेशी कल्चर से प्रभावित हैं पूर्व सीएम, कावडियों की करें सेवा।

बुलंदशहर। गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर एक कार्यक्रम के दौरान बुलंदशहर में कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग अपना नाम छिपाकर काम करते हैं, वे समाज और संविधान को धोखा दे रहे हैं।
अखिलेश को सुझाव देते हुए आचार्य ने कहा कि वे दूसरों को सलाह देने की बजाय आत्मचिंतन करें और कांवड़ियों की स्वयं सेवा करें। अखिलेश यादव पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि उनका सनातन को बांटने का षड्यंत्र कभी सफल नहीं होगा। सनातन को मिटाने की बात करने वालों को ये देश कभी स्वीकार नहीं करेगा।
साथ ही आचार्य ने कहा कांवड़ियों की तपस्या में बाधा डालने वालों का वे समर्थन नहीं करते। इतना ही नहीं उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी धर्म में झूठ बोलने की इजाजत नहीं है।
बोले- अखिलेश विदेशी संस्कृति से प्रभावित हैं। अब अखिलेश को कभी दोबारा मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं मिलेगा।
आचार्य ने याद दिलाया कि अखिलेश की सरकार में कल्कि धाम के निर्माण पर पाबंदी लगाई गई थी। उन्होंने अखिलेश को सुझाव दिया कि वे दूसरों को सलाह देने की बजाय आत्मचिंतन करें और कांवड़ियों की सेवा करें। उन्होंने चेतावनी दी कि सनातन को मिटाने की बात करने वालों को देश स्वीकार नहीं करेगा। इस अवसर उन्होनें देश वासियों को सावन माह की शुभकामनाएं भी दीं।

संभल में कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम।

● सेक्टर मजिस्ट्रेटों की लगाई गई ड्यूटी, कांवड़ मार्गों पर बंद रहेंगी मांस-मदिरा की दुकानें।

● कांवड़ यात्रा के दौरान रेस्टोरेंटों संचालकों बनाना होगा बिना लहसुन-प्याज का खाना।

● ड्रोन तथा सीसीटीवी कैमरों से की जायेगी कांवड़ियों की निगरानी ।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। जहां शुक्रवार से सावन मास आरंभ हो गया तो वहीं संभल में पुलिस प्रशासन के साथ जनपदीय प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। कावडियों की सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से ड्रोन तथा सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी।
शुक्रवार को भी पुलिस में कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को लेकर आरआरएफ व पीएसी के साथ एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में पैदल मार्च किया गया।
साथ ही डीजे को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें डीजे की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सावन मास शुरू होते ही पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। संभल एसपी कृष्ण कुमार के निर्देश पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने भी कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं, साथ ही सेक्टर मजिस्ट्रेटों को भी तैनात किया गया है।
संवेदनशील मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। किसी प्रकार की समस्या या व्यवधान उत्पन्न करने वालों पर सख्त कार्यवाई के निर्देश दिए गए हैं।
शिव मंदिरों के पास कावड़ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में जिले के 11 प्रमुख मंदिरों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाया जाएगा।
इसके अलावा कांवड़ मार्गों पर शराब की दुकानें तथा मांस की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
साथ ही अवैध तथा बिना पंजीकृत चल रहे होटलों पर भी कार्यवाई के निर्देश दिते हुए उन्हें बंद रखने को कहा गया है।
व संचालित रेस्टोरेंटों पर कांवड़ यात्रा के दौरान सिर्फ बिना लहसुन-प्याज का खाना मिलने के निर्देश दिए गए हैं।
शुक्रवार को अलग अलग थाने की पुलिस और आरआरएफ व पीएसी बल के साथ एएसपी उत्तरी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को लेकर पैदल मार्च किया एवं ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की गई।
प्रशासन ने कावड़ यात्रा के दौरान डीजे की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही उन पर भगवान शिव और कांवड़ से संबंधित भजन ही बजाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

संभल से वीरेश कुमार रिपोर्ट…

बाइक सवार बदमाशों ने मारी गोली, भाई की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज।

● बहजोई थाना क्षेत्र के रफीपुर में गुरुवार देर रात हुई घटना।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल के बहजोई थाना क्षेत्र के रफीपुर गांव में गुरुवार देर रात बाइक सवार दो बदमाशों ने एक युवक को गोली मार दी। गोली बाईं जांघ में लगने से युवक घायल हो गया, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं दोनों बाइक सवार बदमाश गाली-गलौज करते हुए मौके से फरार हो गए। भाई की तहरीर पर दो अज्ञात बाइक सवार बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
बहजोई थाना क्षेत्र के रफीपुर गांव निवासी धीरेंद्र सिंह एक निजी डॉक्टर है। गुरुवार देर रात्रि धीरेंद्र अपनी डॉक्टर की दुकान पर अपने भाई देवपाल पुत्र प्रेमपाल, गांव के राजू पुत्र नेकसे और ईशुक पुत्र ईदे खां सहित कुर्सियों पर बैठकर बातें कर रहे थे। इस समय एक बाइक पर दो लोग अचानक आए और बराबर में बाइक रोककर तमंचा निकाल इतनी देर में वहां सभी खड़े हो गए। कुछ समझते उससे पहले ही बाइक पर पीछे बैठे बदमाश ने धीरेंद्र पर गोली चला दी। गोली धीरेंद्र के बाईं जांघ में लगी। जिससे वह घायल हो गया। उसके भाई देवपाल व अन्य लोगों ने पीछा किया तो वह बाइक तेज करके गाली-गलौज करते हुए फरार हो गए। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं भाई देवपाल की तहरीर पर दो अज्ञात बाइक सवार बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
थाना प्रभारी बहजोई हरीश कुमार ने बताया कि अज्ञात बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जांच कर कार्यवाई की जाएगी।