बिहार: RJD-कांग्रेस की बैठक संपन्न, महागठबंधन के CM उम्मीदवार पर तेजस्वी यादव ने दिया अहम बयान

बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के मिलकर चनाव लड़ने के संकेत मिले हैं, लेकिन कांग्रेस का लहजा बता रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व के मन में कुछ और चल रहा है. जिस तरीके से राहुल गांधी आरजेडी के वोट बैंक पर धावा बोल रहे हैं, लगता नहीं कि तेजस्वी यादव को ये सब मंजूर होगा.

कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि बिहार विधानसभा का चुनाव वो महागठबंधन में आरजेडी के साथ ही लड़ेगी, लेकिन राहुल गांधी के ताबड़तोड़ दौरे, और बिहार कांग्रेस के नेताओं के बयान से संदेह पैदा होने लगा है. 

और, सबसे ज्यादा संदेह तेजस्वी यादव के महागठबंधन का नेता होने और मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कांग्रेस नेताओं का मीडिया के सवाल टाल जाना शक पर मुहर ही लगा रहा है – और यही वजह है कि दिल्ली में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मीटिंग महत्वपूर्ण हो जाती है. 

राहुल गांधी और बिहार कांग्रेस के नेताओं की बात और गतिविधियों पर ध्यान दें तो लगता है, किसी और रणनीति पर भी काम चल रहा है, जो बयानों से मेल नहीं खाता. 

दिल्ली के बाद बिहार में राहुल गांधी की दिलचस्पी और उसी लाइन पर गुजरात चुनाव की तैयारी, यही बताती है कि गठबंधन फाइनल न होने की सूरत में कांग्रेस बिहार चुनाव अकेले लड़ने के लिए, एक प्लान-बी पर भी काम कर रही है. 

दिल्ली से लेकर बिहार तक चुनावी बैठकों की तैयारी

राहुल गांधी के तीन बार के बिहार दौरे के बाद कांग्रेस और आरजेडी के बीच बैठकों का सिलसिला शुरू हो चुका है. 15 अप्रैल को दिल्ली में हुई मीटिंग के बाद, 17 और 20 अप्रैल को बिहार में ऐसी ही बैठकें होनी हैं. 

दिल्ली वाली मीटिंग कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई है, जिसमें राहुल गांधी के साथ साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी शामिल हुए.  

बिहार चुनाव 2020 में भी शुरुआत ऐसे ही हुई थी. लेकिन बात नहीं बनी, और बाद में लालू यादव और प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप से चीजें फाइनल हो पाईं. तब कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, और 17 सीटें ही जीत पाई. कांग्रेस के स्ट्राइक रेट से तेजस्वी यादव काफी गुस्से में थे, और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी आरजेडी नेताओं के निशाने पर आ गये थे.

सावधान! यूपी बोर्ड परीक्षा में अंक बढ़ाने के लिए आ सकती है फर्जी काॅल।

आपके पास कॉल कर आपका अनुक्रमांक व जन्मतिथि बता सकते हैं साइबर ठग।

बहकावे में न आएं विद्यार्थी, कॉल आने पर अपने शिक्षकों को दें जानकारी।

प्रवाह ब्यूरो
लखनऊ। यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 का परीक्षा परिणाम घोषित होने से पहले साइबर अपराधियों द्वारा विद्यार्थियों के पास उनके अंक बढ़ाने के लिए फर्जी कॉल की जा सकती हैं। जिसमें साइबर अपराधियों द्वारा विद्यार्थी की जन्म तिथि से लेकर उनका अनुक्रमांक तक बताया जा सकता है। ऐसे में कोई भी विद्यार्थी साइबर अपराधियों के झांसे में न आएं। जिसमें विद्यार्थियों से साइबर ठगों द्वारा फोन के माध्यम से पैसों की डिमांड की जा सकती है, साथ ही ओटीपी के माध्यम से भी आपके साथ साइबर ठगी हो सकती है।
बोर्ड परीक्षा खत्म होने के बाद जहां यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपी में जांची जा चुकी हैं और यूपी बोर्ड जल्द से जल्द परीक्षा परिणाम घोषित करने की तैयारी में है। वहीं इसी को देखते हुए साइबर ठगों ने भी अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है। पिछली वर्ष की भांति वह विद्यार्थियों के पास फर्जी कॉल कर पैसों की डिमांड कर सकते हैं।
साइबर ठगों द्वारा ठगी के नए-नए तरीके आजमाए जाते हैं। कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा में नंबर बढ़ाने के लिए फर्जी कॉल की जा सकती है। साइबर ठगों द्वारा परीक्षा परिणाम से जुड़ी फर्जी कॉल छात्र और उनके अभिभावकों के पास उनके मोबाइल नंबर पर की जा सकती है। कॉल के माध्यम से उनके द्वारा फर्जी तरीके से आपके अंक भी बताए जा सकते हैं और कुछ अंक बढ़ाने के लिए पैसों की डिमांड की जा सकती है। यदि आपके पास इस प्रकार की कोई भी कॉल आती है तो उसकी सूचना अपने विद्यालय में शिक्षकों को दें, साथ ही अन्य विद्यार्थियों को भी जागरूक करें और फर्जी कॉलों से बचें।

विद्यार्थी इन बातों का रखें ध्यान…..

परीक्षा परिणाम से संबंधित अंक बढ़ाने के लिए कोई भी अज्ञात कॉल आपके पास आती है तो उसके झांसे में न आएं।
अपनी बैंकिंग जानकारी ओटीपी या अन्य कोई डिटेल न दें।
स्वयं विद्यार्थी या आपका बच्चा बोर्ड परीक्षा में शामिल हुआ है तो जागरुक होने की आवश्यकता है।
फर्जी कॉल आने पर इसकी सूचना तुरंत अपने विद्यालय के शिक्षकों को या विभागीय अधिकारियों को दें।

केरल में वकीलों और छात्रों का आमना-सामना, हिंसक झड़प में 20 से अधिक घायल, पुलिस ने संभाला मोर्चा।

केरल में वकीलों और SFI कार्यकर्ताओं के बीच टकराव का नतीजा: एर्नाकुलम कोर्ट परिसर में बार एसोसिएशन के समारोह के दौरान हुई झड़प में दो दर्जन से अधिक घायल, जिनमें 16 छात्र और 8 वकील शामिल। पुलिस सूत्रों ने SFI पर गड़बड़ी शुरू करने का आरोप लगाया है।

संघर्ष के दौरान 16 एसएफआई कार्यकर्ताओं एवं 8 अधिवक्ताओं को चोटें पहुंचीं। (फाइल फोटो)

कोच्चि (पीटीआई): एर्नाकुलम जिला न्यायालय परिसर में बार एसोसिएशन का वार्षिक समारोह हंगामे की भेंट चढ़ा, जब छात्र संगठन SFI के कार्यकर्ताओं और वकीलों के बीच हुई झड़प में 20 से अधिक लोग घायल हो गए।

झड़प में 16 SFI कार्यकर्ताओं और 8 वकीलों के घायल होने की पुलिस ने पुष्टि की है; घटना का कारण SFI कार्यकर्ताओं द्वारा बार एसोसिएशन समारोह में कथित तौर पर जबरन घुसकर हंगामा करना बताया जा रहा है।

समारोह में जबरन प्रवेश कर उत्पात मचाया

घटना का संदर्भ: एर्नाकुलम कोर्ट परिसर में बार एसोसिएशन का कार्यक्रम। वकीलों का आरोप है कि महाराजा कॉलेज के छात्रों ने घुसकर हंगामा किया, जबकि SFI का दावा है कि वकीलों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

मामले में राजनीति शुरू

1- विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने CPI(M) नेतृत्व से छात्र संगठन SFI पर लगाम कसने और उसे राजनीतिक संरक्षण देना बंद करने की सीधी मांग की है।

2-आगे की रणनीति तय करने के लिए एर्नाकुलम जिला बार एसोसिएशन आज बैठक करेगा; हालांकि पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है, केवल प्रारंभिक जांच चल रही है।

नागपुर में पीएम मोदी ने संघ के योगदान को सराहा, कहा – RSS पेड़ से बन गया वटवृक्ष, स्वयंसेवकों की प्रशंसा की

नागपुर दौरे पर पीएम मोदी ने आरएसएस संस्थापक डॉ. हेडगेवार को अर्पित की श्रद्धांजलि, दीक्षाभूमि जाकर डॉ. भीमराव अंबेडकर को भी किया नमन; संघ मुख्यालय में कार्यक्रम के दौरान बोले – 100 साल पहले लगाया गया पेड़ अब वटवृक्ष बन चुका है

आरएसएस मुख्यालय पहुंचे पीएम मोदी

RSS के 100 साल पूरा होने पर दिया बयान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागपुर दौरे पर हैं और इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्यालय का भी दौरा किया। पीएम मोदी और आरएसएस का साथ वर्षों पुराना है और संघ के 100 साल पूरा होने पर पीएम मोदी आरएसएस के नागपुर मुख्यालय पर पहुंचे और स्वयंसेवकों की जमकर तारीफ की।

आरएसएस के बारे में क्या कहा?

पीएम मोदी ने आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार और गुरुजी गोलवलकर को पुष्पांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संघ का 100 साल पहले बोया गया पेड़ अब वटवृक्ष बन गया है। उन्होंने कहा कि इसी साल आरएसएस की गौरवशाली यात्रा का 100 साल पूरे हो रहे हैं और इस अवसर पर मुझे स्मृति मंदिर जाकर पूज्य डॉ. साहब और पूज्य गुरुजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने का सौभाग्य मिला है।

पीएम मोदी ने डॉ. हेडगेवार और एमएस गोलवलकर के प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा, “मेरे जैसे अनगिनत लोग परम पूज्य डॉक्टर साहब और पूज्य गुरुजी के विचारों से प्रेरणा और शक्ति प्राप्त करते हैं। इन दो महान लोगों को श्रद्धांजलि देना सम्मान की बात है, जिन्होंने एक मजबूत, समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से गौरवशाली भारत की कल्पना की थी।”

अपने नागपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर की आधारशिला भी रखी। पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत अन्य नेता भी मौजूद थे।