संभल में अवैध अस्पतालों से 5 लाख तक की वसूली जाती थी रंगदारी।

अवैध वसूली करने वाले चार दलाल गिरफ्तार, सात के खिलाफ दर्ज हुआ है मुकदमा।

स्वास्थ्य कर्मी भी सम्मिलित हैं दलालों में, घटना घटित होने पर मांगते थे अतिरिक्त रुपए।

31 अस्पताल किए गए थे चैक, 19 पर हुआ मुकदमा पंजीकृत।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल जनपद में अवैध अस्पतालों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम और पुलिस ने संयुक्त रूप से 31 अस्पतालों पर चेकिंग अभियान चलाकर 19 अस्पतालों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। अवैध अस्पतालों पर अवैध वसूली करने वाले सात दलालों के नाम सामने आए हैं। जिनमें स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं तथा चार को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिलाधिकारी तथा एसपी ने गिरफ्तार हुए दलालों का खुलासा करते हुए प्रेस वार्ता कर जानकारी दी है।
संभल जिलाधिकारी डाॅ. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई द्वारा जनपद में गैर पंजीकृत अस्पतालों तथा झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध चलाए जा रहे  अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग में राजस्व विभाग तथा पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर 31 अस्पतालों को चेक किया था। जिनमें से 19 अवैध अस्पतालों में अनियमितता पाई गई। सभी 19 के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।
जिनमें से चंदौसी में तीन बहजोई में दो, जुनावई में एक, रायसत्ती में एक, गुन्नौर में 6 तथा रजपुरा में 4 व धनारी में दो अस्पतालों पर कार्यवाई की गई है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा के निर्देशन में गठित हुई टीमों द्वारा अस्पतालों के विरुद्ध पहले भी कार्रवाई की गई थी। लेकिन उल्लंघन करते हुए पुनः अवैध अस्पतालों को संचालित कर लिया गया था। विवेचना के दौरान सामने आया कि अवैध अस्पतालों से दलालों द्वारा एक लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक अवैध वसूली की जाती है तथा किसी भी प्रकार की घटना घटित होने पर अतिरिक्त रुपए दिए जाते हैं। ऐसे सात दलालों के नाम सामने आए।
जिनमें बहजोई के सादातवाड़ी निवासी जगतपाल पुत्र जवाहरलाल, जुनावई थाना क्षेत्र के अहरोला नवाजी गांव निवासी प्रेम सिंह पुत्र गंगा सिंह, रजपुरा के बहटकरण गांव निवासी बबलू गिरी पुत्र आनंद गिरि, बुलंदशहर के नरौरा निवासी संगम पुत्र नंदकिशोर, चंदौसी के ग्रीन चंदौसी निवासी नितिन उर्फ जितेंद्र नाथ गुप्ता, संभल के सराय तरीन निवासी राजीव कौशिक तथा चंदौसी के ही गौरव बंसल का नाम दलालों में सामने आया।

अवैध अस्पतालों पर 5 लाख तक की मांगते थे रंगदारी, घटना घटित होने पर लेटे थे अतिरिक्त।

अभियान के तहत अवैध अस्पतालों पर रंगदारी मांगने वाले साथ दलालों के नाम जहां सामने आए तो वहीं उनमें से चार को गिरफ्तार कर दिया गया।
जिनमें से बबलू गिरी, प्रेम सिंह तथा संगम द्वारा गुन्नौर तहसील क्षेत्र के अवैध अस्पतालों पर मुकदमा दर्ज करने की धमकी देते हुए अवैध वसूली की जाती थी। जब पैसा नहीं दिया जाता था तो जान से मारने की धमकी देते थे तथा मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी जाती थी।
जगतपाल नितिन तथा गौरव बंसल द्वारा संभल व चंदौसी तहसील क्षेत्र के अवैध अस्पतालों को देखा जाता था।
संभल तथा चंदौसी तहसील क्षेत्र में 5 से 10 लाख तक की अवैध वसूली होती थी।
इतना ही नहीं फर्जी रजिस्ट्रेशन करने के नाम पर गुन्नौर के कृष्णा नर्सिंग होम से पंजीकरण के लिए 1.50 लाख रुपए लिए गए थे। जहां जांच में रजिस्ट्रेशन फर्जी पाया गया।
अभियान के तहत सात दलालों के नाम सामने आए। जिनमें से अभी तीन दलाल फरार चल रहे हैं।
दलालों में स्वास्थ्य विभाग से वार्ड बॉय तथा फिजियोथैरेपिस्ट भी सम्मिलित है।

कोर्ट के आदेश पर हटवाया अवैध कब्जा, पुलिस बल के साथ पहुंचे नायब तहसीलदार।

कैला देवी थाना क्षेत्र के मढ़ावली गांव का मामला, परिजनों ने जताया विरोध।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल के कैला देवी थाना क्षेत्र के मढ़ावली गांव में अवैध निर्माण व जमीन से अवैध कब्जा हटाने को नायब तहसीलदार पुलिस बल के साथ पहुंचे। जहां उन्होंने भारी पुलिस बल के बीच जेसीबी से अवैध निर्माण को ध्वस्त कराया। अवैध कब्जा हटाते समय ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई।
गुन्नौर तहसील क्षेत्र व कैला देवी थाना क्षेत्र के मढ़ावली गांव निवासी दलपत सिंह की पत्नी चंद्रवती के नाम भूमि थी। जिसे 10 साल पहले गांव के ही धर्मपाल को बेचा गया था। जिस पर धर्मपाल ने अपना मकान भी बना लिया था, लेकिन उस समय बैनामा नहीं कराया गया था।
मामला न्यायालय में विचाराधीन था। महिला के बेटे कोमल सिंह ने फर्जी बैनामा करा कर जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण करने की शिकायत भी की थी ।
परिजनों की मानें तो कुछ दिन पहले बैनामा करा लिया गया था। कोर्ट के आदेश पर बीते दिन एसडीएम गुन्नौर तहसीलदार तथा राजस्व टीम जेसीबी के साथ मौके पर पहुंची थी।
लेकिन धर्मपाल सिंह से जानकारी की गई थी तो उसने कागजात दिखाए थे और टीम वापस लौट आई थी।
बुधवार को नायब तहसीलदार गुन्नौर राजस्व टीम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और जेसीबी के जरिए अवैध निर्माण को हटवा दिया।
बुधवार को धर्मपाल और उसकी पत्नी इसी मामले में गुन्नौर एसडीएम कोर्ट गए हुए थे। इधर दूसरी तरफ  जेसीबी के साथ राजस्व टीम मौके पर पहुंची और अवैध निर्माण को ध्वस्त करा दिया।
जैसे ही धर्मपाल की पत्नी आई तो वह जेसीबी के आगे खड़ी होकर विरोध करने लगी।  जहां परिजनों ने भी विरोध जताया। उनका कहना था कि हमारे पास बैनामा के कागजात हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी ने कागजात नहीं देखे।

संभल से अनुज चौधरी सहित यूपी में 44 पुलिस अफसरों का ट्रांसफर।

◆ संभल में हाल ही में सीओ से एएसपी बने थे अनुज कुमार चौधरी।

अनुज चौधरी को फिरोजाबाद में एडिशनल एसपी ग्रामीण बनाया गया।

प्रवाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने 44 पुलिस अफसरों को इधर से उधर किया है। जिसमें संभल के चर्चित अनुज चौधरी भी सम्मिलित हैं जिन्हें फिरोजाबाद में एएसपी ग्रामीण का पद दिया गया है। अनुज चौधरी हाल ही में सीओ से एएसपी बने थे। अनुज कुमार चौधरी खेल कोटा से एएसपी के पद तक पहुंचने वाले यूपी के पहले पुलिस अफसर बन गए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को 44 पुलिस अफसर का ट्रांसफर कर दिया है। जिसमें सीओ से एएसपी बनने वाले 17 पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। इसके साथ ही 13 डिप्टी एसपी भी ट्रांसफर किए गए हैं। संभल के चर्चित व सीओ से एएसपी बने अनुज कुमार चौधरी संभल में अत्यंत चर्चा में रहे। जामा मस्जिद की सर्वे के दौरान हिंसा को काबू करते समय स्वयं गोली लगने से घायल भी हो गए थे। जिनके पैर में गोली लगी थी।
इसके अलावा वह अपने अन्य बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं। इतना ही एसपी अनुज चौधरी धार्मिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

हाल में ही इन्हें योगी सरकार ने सीओ से एएसपी बनाया था। जिसके चलते ही खेल कोटा से एएसपी के पद तक पहुंचने वाले ये यूपी के पहले पुलिस अफसर बने थे। अब पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा जनहित में किये गये तबादलों के अनुक्रम उन्हें संभल से फिरोजाबाद में एएसपी ग्रामीण का पद दिया गया है।

शिक्षकों के लिए खुशखबरी! योगी सरकार का टीईटी की अनिवार्यता को लेकर बड़ा फैसला।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद सेवा में बने रहने या प्रमोशन पाने के लिए शिक्षकों को पास करना अनिवार्य कर दिया गया था टीईटी।

प्रवाह ब्यूरो
लखनऊ। यूपी के लाखों शिक्षकों को राहत देने वाली खबर सामने आई है। प्रदेश के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया है। सीएम योगी का कहना है कि हमारे प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और समय-समय पर सरकार की तरफ से उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाता रहा है। ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज करना उचित नहीं है।
जहां सीएम कार्यालय की ओर से सोशल साइट X एक पर पोस्ट किया गया है जिसमें प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश देकर सेवारत शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य बनाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने की बात कही है। जिससे प्रदेश के शिक्षकों में राहत की एक किरण जगी है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सेवा में बने रहने के लिए या फिर प्रमोशन पाने के लिए कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों को टीईटी परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। शीर्ष अदालत के फैसले से लाखों शिक्षकों के माथे पर बल पड़ गया था।
हालांकि जिन टीचर्स के रिटायरमेंट में केवल 5 साल का समय बचा है, उन्हें इसमें छूट दी गई है। वे बिना टीईटी पास किए भी अपनी सेवा पूरी कर सकेंगे।
बता दें कि टीईटी परीक्षा, जिसका पूरा नाम Teacher Eligibility Test (शिक्षक पात्रता परीक्षा) है। भारत में शिक्षकों की भर्ती के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अनिवार्य हो गया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में इसको लेकर जगह-जगह शिक्षक प्रदर्शन भी कर रहे हैं। सीएम के निर्देशन के बाद राज्य सरकार अब इस निर्देश को चुनौती देगी। जिसमें मौजूदा शिक्षकों के अनुभव और प्रशिक्षण को समीक्षा का आधार बताया गया है।
शिक्षक संगठन लगातार राहत की मांग कर रहे हैं। इस विषय को लेकर कुछ प्रतिनिधियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी मुलाकात की थी। जिसके चलते सरकार शिक्षकों को राहत दिलाने पर विचार कर रही थी। अब सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया है। जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का रिवीजन दाखिल किया जाएगा।

जिलेभर में अवैध अस्पतालों पर छापेमारी से झोलाछापों में हड़कंप।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुलिस के सहयोग से चलाया जा रहा छापेमारी का अभियान।

फर्जी चिकित्सीय डिग्री लगा, धड़ल्ले से संचालित हो रहे अस्पताल व नर्सिंग होम।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल जनपद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अवैध अस्पतालों पर छापेमारी अभियान से जिले भर के झोलाछापों में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद में पुलिस के सहयोग से लगातार अवैध अस्पतालों पर छापेमारी की जा रही है। लगभग 30 अवैध अस्पतालों पर छापेमारी कर कार्यवाई की तैयारी हो चुकी है। जहां संभल में एसडीएम तथा नोडल अधिकारी मनोज चौधरी, चंदौसी में तहसीलदार सहित स्वास्थ्य विभाग तथा बहजोई में एएसपी अनुकृति शर्मा के साथ तथा गुन्नौर क्षेत्र में एसडीएम तथा स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लगातार छापेमारी की गई।
जिलेभर में संचालित अवैध अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुलिस के सहयोग से लगातार की जा रही छापेमारी से झोलाछापों में हड़कंप है।

झोलाछापों द्वारा बिना किसी चिकित्सीय डिग्री के फर्जी तरीके से किसी एमबीबीएस के डिग्री लगा दी जाती है और फर्जी रजिस्ट्रेशन के साथ अस्पताल या नर्सिंग होम तथा लैब संचालित कर ली जाती हैं।
मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करते हुए मोटी रकम भी वसूली जाती है। ग्रामीण क्षेत्र में फर्जी चिकित्सा डिग्री तथा कोई भी चिकित्सा डिग्री नहीं होने पर भी धड़ल्ले से झोलाछाप अपनी दुकानें संचालित कर रहे हैं।
जिनके पास न तो कोई रजिस्ट्रेशन होता है और न ही इन्हें स्वास्थ्य विभाग या वरिष्ठ अधिकारियों का खौंफ। जिलेभर में 30 से अधिक अस्पतालों पर छापेमारी की जा चुकी है तथा अभियान के तहत लगातार स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुलिस के सहयोग से छापेमारी जारी रहेगी। इसी क्रम में संभल, चंदौसी, गुन्नौर तहसील क्षेत्र में मंगलवार सुबह से ही अभियान चलाया गया।

फर्जी लैब से फर्जी जांच कर शुरू कर देते हैं इलाज।

जनपद घर में पहले सुरक्षा बिना किसी चिकित्सा डिग्री के जहां मरीजों का इलाज करते हैं और मोटी रकम वसूलते हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी झोलाछाप फर्जी लैब में ही फर्जी तरीके से जांच कर उसी के आधार पर इलाज शुरू कर देते हैं। जिससे मरीजों की तबीयत और अधिक बिगड़ती चली जाती है और ये मोटी रकम वसूलते रहते हैं। इतना ही नहीं अगर इन पर दबाव बस कार्रवाई हो भी जाती है तो कुछ दिनों पश्चात ये अपनी लैब आदि को पुनः खोल लेते हैं क्योंकि उन्हें न मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करने का डर होता है, न ही किसी स्वास्थ्य विभाग या अन्य उच्च अधिकारियों से सख्त कार्रवाई का।

सौंधन में बुलेट व ऑटो रिक्शा में टक्कर, 3 शिक्षिकाओं सहित 5 घायल।

सौंधन के रामनिवास स्मारक उदयवीर सिंह इंटर कॉलेज में जा रहीं थीं ऑटो सवार शिक्षकाएं।

कैला देवी थाना क्षेत्र के सौंधन अमावती के बीच हुआ हादसा।

बुलेट बाइक सवार द्वारा की जा रही थी स्टंट बाजी, तेज रफ्तार में ऑटो से टकराई बाइक।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल के कैला देवी थाना क्षेत्र के संभल आदमपुर मार्ग पर सौंधन अमावती के बीच बुलेट तथा ऑटो रिक्शा में टक्कर हो गई। जहां ऑटो रिक्शा में सवार 3 शिक्षिकाएं व ऑटो चालक तथा बाइक चालक गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर डायल 112 पुलिस मौके पर पहुंच गई। जिसकी मदद से घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां एक शिक्षिका की हालत गंभीर होने के चलते मुरादाबाद रेफर किया गया है।
संभल से ऑटो रिक्शा में सवार होकर प्रतिदिन कुछ शिक्षिकाएं सौंधन के रामनिवास स्मारक उदयवीर सिंह इंटर कॉलेज में पढ़ाने आती हैं। रोजाना की तरह मंगलवार को ऑटो रिक्शा में सवार होकर आंचल ,खुशी तथा शिवाक्षी तथा दो अन्य शिक्षिकाएं कॉलेज आ रही थीं। ऑटो रिक्शा चालक छोटेलाल चला रहा था। जैसे ही वह संभल आदमपुर मार्ग पर सौंधन अमावती के बीच ऑटो रिक्शा पहुंचा तो सामने से स्टंट बाजी करते हुए आ रहे बुलेट बाइक सवार ने टक्कर मार दी। जोरदार टक्कर के चलते ई-रिक्शा अगला हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। बाइक सवार भी टक्कर लगने के बाद नीचे गिर गया। अमरोहा जनपद के रहरा थाना अंतर्गत गांव निवासी बाइक सवार सत्यवीर व शिक्षिका आंचल, खुशी तथा शिवाक्षी और ऑटो रिक्शा चालक छोटेलाल गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर राहगीर भी मौके पर एकत्रित हो गए तथा डायल 112 भी पहुंच गई। पीआरवी की मदद से घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
ऑटो रिक्शा में पांच शिक्षिकाएं सवार थीं, जिनमें से दो के चोट नहीं आई है तथा तीन गंभीर रूप से घायल हो गईं। ऑटो रिक्शा में सवार शिक्षिकाओं ने बताया कि ऑटो रिक्शा चालक धीमी रफ्तार से ही ले जा रहा था लेकिन सामने से स्टंट बाजी करते हुए बुलेट बाइक सवार जो की तेज रफ्तार से आ रहा था, उसने जोरदार टक्कर मार दी।
गंभीर हालत को देखते हुए शिक्षिका आंचल को मुरादाबाद रेफर किया गया है।
स्कूल प्रबंधक ओमकार सिंह व प्रधानाचार्य तथा विद्यालय के अन्य शिक्षक दुर्घटना की सूचना पर जिला अस्पताल पहुंच गए।

किसान से रिश्वत लेते लेखपाल कृष्णेंद्र रंगे हाथों गिरफ्तार।

गुन्नौर तहसील के बहीपुर गांव में गिरफ्तार हुआ लेखपाल धनारी थाने लेकर पहुंची टीम।

एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई से क्षेत्र में मची खलबली।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। मंगलवार को गुन्नौर तहसील के धनारी थाना क्षेत्र में बहीपुर गांव में रिश्वतखोरी का एक बडा मामला सामने आया। जहां गांव में दो किसानों के बीच जमीन विवाद को लेकर पैमाइश करने पहुंचे लेखपाल कृष्णेंद्र कुमार सक्सेना को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। अक्समात हुई कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
बता दे कि धनारी थाना क्षेत्र के एक किसान ने खेत की पैमाइश कराने के लिए लेखपाल से संपर्क किया था।
किसान का आरोप है कि लेखपाल लगातार पैमाइश को लेकर उसे टालमटोल कर परेशान कर रहा था। कई बार समझाने के बावजूद वह काम करने के लिए तैयार नहीं हुआ, बल्कि उसने 12,000 रुपये की रिश्वत की मांग कर डाली। किसान ने पहले तो रिश्वत देने से मना कर दिया, लेकिन बाद में उसने सूझबूझ दिखाते हुए एंटी करप्शन टीम से संपर्क साधा और पूरी जानकारी साझा की। शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन टीम सक्रिय हुई और शुक्रवार को जाल बिछाकर कार्रवाई की योजना बनाई। मंगलवार की सुबह जैसे ही किसान ने तयशुदा रकम लेखपाल को सौंपी, टीम ने मौके पर दबिश देकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। जहां गिरफ्तार लेखपाल को एंटी करप्शन टीम धनारी थाने लेकर पहुंची।

सपा सांसद आदित्य यादव अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा कर जनता से हुए रूबरू।

सरकार पर निशाना साधते हुए बोले- देश में बढ़ रही बेरोजगारी और महंगाई से आमजनमानस त्रस्त।

सपा सांसद 5 दिवसीय दौरे के दौरान क्षेत्र में विकास कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ 12 से 16 सितंबर तक कार्यकर्ताओं और जनता से कर रहे हैं मुलाकात।

प्रवाह ब्यूरो
बदायूं। समाजवादी पार्टी के सांसद आदित्य यादव ने शुक्रवार से अपने संसदीय क्षेत्र का पाँच दिवसीय दौरा शुरू किया। इस दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में विभिन्न जगह जनता से मुलाक़ात की और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में बढ़ती बेरोज़गारी और महंगाई से आमजनमानस परेशान है।
बता दें कि सांसद आदित्य यादव 12 से 16 सितंबर तक अपनी संसदीय क्षेत्र बदायूं में रहेंगे। इस दौरान वे पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे और चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा भी करेंगे।
इसी क्रम में सपा सांसद आदित्य यादव रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र बदायूं पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में विभिन्न जगह भ्रमण कर ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नेपाल में फंसे बदायूं संसदीय क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए उन्होंने सरकार को पत्र लिखा था, जिसके बाद सभी लोग सकुशल घर लौट आए। सांसद ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, टीईटी पर शिक्षकों का विरोध और बाढ़ की गंभीर स्थिति जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा।

उन्होंने कहा कि विकास कार्य तो हुए ही नहीं, बल्कि सरकार में शामिल लोग खुद स्वीकार कर रहे हैं कि किस तरह घूस और भ्रष्टाचार के नाम पर पैसा लिया जाता है। 
उपराष्ट्रपति चुनाव पर आदित्य यादव ने कहा कि इंडिया गठबंधन एकजुट रहा। भले ही चुनाव हारे हों, लेकिन यह संदेश पूरे देश में गया है कि गठबंधन भ्रष्ट और बेईमान सरकार के खिलाफ मजबूती से खड़ा है। जीएसटी दरों में कटौती होने पर सांसद ने कहा कि विपक्ष लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था। उन्होंने सवाल उठाया कि अब तक जनता से जो लूटा गया उसकी भरपाई कौन करेगा।

बोले कि साइकिल यात्रा इस बात का प्रतीक है कि भाजपा की वोट चोर नीति अब काम नहीं आएगी। साइकिल यात्रा में सहसवान से जनप्रिय विधायक बृजेश यादव ने भी भाजपा सरकार पर तीखी टिप्पणी कीं। उन्होंने कहा कि पीडीए भाजपा को सत्ता से हटाएगी। पीडीए ने सपा की सरकार बनाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर आदित्य यादव ने क्षेत्र में भ्रमण कर विकास कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ संसदीय क्षेत्र के विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। जहां सहसवान के विधायक बृजेश यादव के साथ-साथ गुन्नौर विधायक राम खिलाडी सिंह, सांसद नीरज मौर्य, एमएलए हिमांशु यादव आदि जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

सरकारी नंबर सीरीज घोटाला : एआरटीओ रामपुर सहित तीन अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज।

आरक्षित नंबर निजी वाहनों को देने के मामले में जांच में दोषी पाए जाने पर की गई कार्रवाई।

प्रवाह ब्यूरो
रामपुर। रामपुर जनपद में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। जिसके चलते मुरादाबाद के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) राजेश सिंह ने थाना सिविल लाइंस में एक अभियोग दर्ज कराया है। आरोप है कि सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित नंबर सीरीज को निजी वाहनों को आवंटित कर दिया गया, जिससे गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।
इस मामले में रामपुर के सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) राजेश श्रीवास्तव, डीबीए रामेश्वर नाथ द्विवेदी और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला 3 सितंबर 2025 को अखबार में छपी खबर व ईमेल से मिली शिकायत के पश्चात सामने आया।
जांच में पाया गया कि UP22BG सीरीज, जो सिर्फ सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित थी, जिसको 27 अप्रैल से 12 अगस्त 2025 के बीच निजी वाहनों को जारी कर दी गई। उप परिवहन आयुक्त बरेली की जांच में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। जहां आरोपियों ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 41(6) और सीएमवीआर नियम 50 का उल्लंघन किया। जिसके लिए आरोपित अधिकारियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और सरकारी नंबर सीरीज निजी वाहनों को दे दी। इस कार्य से न केवल सार्वजनिक सुरक्षा और लोक व्यवस्था प्रभावित हुई, बल्कि टोल राजस्व को भी नुकसान पहुंचा। लोक सेवक होने के बावजूद अपनी पदासीन स्थिति का दुरुपयोग करते हुए सरकारी पहचान दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई।
जिस पर शनिवार को परिवहन आयुक्त ने शासन को एआरटीओ रामपुर के निलंबन की संस्तुति करते हुए आरटीओ मुरादाबाद को एफआईआर कराने के आदेश दिए थे। जिसमें आरटीओ मुरादाबाद की तहरीर के आधार पर एआरटीओ रामपुर समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

संभल में तीनों तहसीलों में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन।

संभल के गुन्नौर में डीएम और एसपी ने सुनी समस्याएं, निस्तारण के दिए निर्देश।

जिलाधिकारी बोले- सभी अधिकारी शिकायतों को गंभीरता से लें।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल जनपद के तीनों तहसीलों में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग संबंधित अधिकारियों द्वारा फरियादियों की शिकायतों को सुनते हुए निस्तारण के निर्देश दिए गए तो वहीं जिलाधिकारी और एसपी ने गुन्नौर तहसील सभागार में फरियादियों की शिकायतों को सुना। जहां गुन्नौर तहसील में कुल 95 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 7 का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया।
जनपद में संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान गुन्नौर तहसील सभागार में समस्याओं को सुनते हुए जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से लें।
संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान पुलिस विभाग से संबंधित शिकायतों को एसपी ने सभी संबंधित थानाध्यक्षों को निस्तारण के निर्देश दिए। गुन्नौर तहसील में 95 शिकायतें सामने आईं। जिनमें से सात शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कराया गया।
सभी शेष शिकायतों के निस्तारण के लिए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को टीम सहित मौके पर पहुंचकर निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायत का निस्तारण निचले स्तर पर ही कर दिया जाना चाहिए।
समाधान दिवस के दौरान गुन्नौर तहसील सभागार में दिव्यांग जनों की समस्याओं के लिए विशेष कैंप भी लगाया गया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. तरुण पाठक, परियोजना निदेशक डीआरडीए ज्ञान सिंह, जिला विकास अधिकारी रामाशीष, उप जिलाधिकारी गुन्नौर अवधेश कुमार, गुन्नौर तहसीलदार सहित अन्य संबंधित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।