किन्नर के घर डकैती के आरोपी गिरफ्तार, मुठभेड़ के दौरान दो के पैर में लगी गोली।

700 ग्राम सोना, 2 किलो चांदी के साथ लाखों का कैस बरामद।

प्रवाह ब्यूरो
बदायूं। सातवें दिन आखिरकर किन्नर के घर डकैती डालने वाले सभी नौ डकैतों को बदायूं पुलिस द्वारा मुठभेड के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड के दौरान पुलिस की गोली लगने से दो डकैत घायल भी हुए हैं। इलाज के लिए जिन्हें बदायूं में जिला अस्पताल भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने गिरफ्तार डकैतों के पास से 700 ग्राम सोना, 2 किलो 200 ग्राम चांदी, 8 लाख 35 हजार रूपये की नकदी के साथ-साथ तमंचे और कारतूस बरामद किये हैं।
बता दें कि विगत 21 अक्टूबर को बदायूं के फैजगंज थाना क्षेत्र के औरछी में किन्नर टीना के रसोई की खिड़की काटकर कुछ नकाबपोश बदमाश अंदर दाखिल हो गये थे। जहां डकैतों ने टीना के साथ-साथ उनके भाई विजय और उनकी की पत्नी को गन प्वाइंट पर लेकर घर में डकैती डाली थी। डकैतों ने पहले सभी परिजनों के जेवर आदि उतरवाये साथ ही विरोध करने पर तीनों लोगों के साथ मारपीट भी की थी। इसके बाद सभी को कमरे में बंद कर धमकी दी की बोले या अगर कहीं शिकायत आदि की तो सभी को जान से मार देंगें। इतना ही नहीं जाते समय शातिर डकैत घर में लगे सीसीटीवी का डीबीआर भी अपने साथ ले गये।
सोमवार को थाना पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि गंगोही तिराहे से जाने वाले कच्चे रास्ते के पास कुए की कुंडी पर कुछ संदिग्ध लोग बैठे हैं। सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस को देखते ही डकैतों ने पुलिस पर जानलेवा फायरिंग शुरू कर दी। जहां क्रॉस फायरिंग में नाजिम और तय्यब के पैर में गोली लगने के चलते सभी नौं डकैतों को घेराबंदी कर दबोच लिया गया। जिनके पास से पुलिस को 700 ग्राम सोना, 2 किलो 200 ग्राम चांदी, 8 लाख 35 हजार रूपये की नकदी के साथ-साथ दो तमंचे और कारतूस व चाकू आदि बरामद हुए हैं।

◆ गिरफ्तार हुए सभी नौ अभियुक्तगणों का नाम व पता निम्नवत है :-

1. अरविन्द गौतम पुत्र राजेन्द्र निवासी अजन्ता टाकिंज के पास चन्दौसी जिला सम्भल
2. नाजिम पुत्र मौ0 रफी निवासी ग्राम खेडा अपरोला थाना नौगवा सादात जिला अमरोहा
3. मौईन पुत्र हसरुद्दीन निवासी ग्राम शाहपुर थाना गजरोला जिला अमरोहा
4. तैय्यब पुत्र खान मौहम्मद निवासी ग्राम करमल्लीपुर थाना गजरोला जिला अमरोहा
5. असफाक उर्फ कान्ति पुत्र बख्तायब निवासी बहजोई की मढैया थाना बहजोई जिला सम्भल
6. नदीम पुत्र भूरे निवासी टंकी मौहल्ला थाना बहजोई जिला सम्भल
7. शिब्बू उर्फ सोएब पुत्र मन्नू निवासी टंकी मौहल्ला थाना बहजोई जिला सम्भल
8. फुरकान उर्फ फकरुद्दीन पुत्र मौमीन निवासी मौहल्ला ईदगाह कालेनी थाना बहजोई जिला सम्भल
9. सोहेल पुत्र आबिद अली निवासी शिव कालोनी थाना बहजोई जिला सम्भल।

बदायूं से हिमालय शर्मा की रिपोर्ट…

ऑनलाइन सट्टेबाजी में गवांये 44 हजार रुपए, मांगे तो धमकाया।

धमकी मिलने के बाद पीड़ित ने की पुलिस से शिकायत, बाहर रह मेहनत-मजदूरी करता है शिकायतकर्ता रवि।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल के थाना धनारी क्षेत्र में एक गांव निवासी व्यक्ति को सट्टे में ₹44000 जीतने के बाद, जीती रकम के बदले जान से मारने की धमकी मिली है। जिसके बाद पीडित ने पुलिस की शरण ले शिकायत दर्ज कराते हुए अपने रुपए वापस कराने एवं आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। जबकि उपरोक्त प्रकरण में स्थानीय पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है।
बता दें कि पूरा मामला थाना धनारी क्षेत्र के गांव पीपलवाडा व खलीलपुर से संबंधित है। जहां पीपलवाडा निवासी रवि पुत्र प्रेमपाल ने पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए बताया की खलीलपुर निवासी नितिन पुत्र वेदपाल ने उसे सट्टा खेलने के लिए प्रेरित किया था। प्रार्थी बाहर रहकर मेहनत-मजदूरी का कार्य करता है जिसके चलते लालचवश उपरोक्त के झांसे में आ गया और 15 अगस्त 2025 को 2330 रुपए का सट्टा लगा दिया। जिसकी पूरी प्रक्रिया व्हाट्सएप ग्रुप व व्यक्तिगत नंबर के माध्यम से हुई। इतना ही नहीं रवि के अनुसार सट्टे में लगने वाली 2330 रुपए की रकम भी उसने अपने साल के खाते से नितिन के खाते में ट्रांसफर कराई थी।
रवि के अनुसार चयन किए गए गेम में भाग्यवश वह अपने लगाए हुए रूपयों से 44000 रूपये भी जीत गया। किंतु जीतने के बाद भी रवि को अपनी जीती हुई रकम नहीं मिली बल्कि नितिन ने रुपए मांगने पर उसे निरंतर टालमटोल करना शुरू कर दिया। पीड़ित के अनुसार विगत 15 अक्टूबर को जब वह नितिन से अपने रुपए लेने की जिद पर अड गया तो पैसे की एवज में उल्टे नितिन द्वारा पीड़ित को जान से मारने की धमकी दी गई।
पीडित ने पुलिस को बताया कि वह रेलवे साइट पर पिलर आदि में मसाला भरने का काम करता है। दीपावली पर घर आने के दौरान उसने नितिन से पुनः अपने रुपए मांगे थे।
उपरोक्त प्रकरण में थानाध्यक्ष धनारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है अगर ऐसा हुआ है तो आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

संभल में करंट की चपेट में आई महिला की मौत, युवक ने लगाई फांसी।

कैला देवी थाना क्षेत्र का मामला, दिवाली के दिन दोनों घरों में छाया मातम।

प्रवाह ब्यूरो,
संभल। संभल के कैला देवी थाना क्षेत्र में दिवाली के दिन महिला की घर में लिपाई करते समय करंट की चपेट में आने से मौत हो गई तो वहीं थाना क्षेत्र के ही एक गांव में युवक ने फांसी का फंदा डालकर आत्महत्या कर ली। दीपावली के दिन मृत्यु होने पर दोनों घरों में हाहाकार मच गया। दीपावली त्यौहार की खुशियां मातम में बदल गईं। बिना कार्यवा के दोनों के शवों का परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार कर दिया गया।
कैलादेवी थाना क्षेत्र के गौंहत गांव निवासी महिला सर्वेश (46 वर्ष) पत्नी डंबर सिंह दीपावली के दिन सोमवार को घर की साफ-सफाई करके घर में लिपाई कर रही थी। वहीं घर में फ्रीज रखा हुआ था। महिला अचानक फ्रीज में उतरे करंट की चपेट में आ गई और वहीं गिर गई। कुछ देर बाद महिला का बेटा संजीव घर आया तो उसने अपनी मां को बेहोशी की हालत में देखा तो उसकी चीख निकल गई। महिला को गंभीर हालत में परिजन संभल अस्पताल ले गए। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही संभल के नजदीक महिला ने दम तोड़ दिया। महिला की मृत्यु के बाद परिवार में कोहराम मच गया।
वहीं दूसरी तरफ थाना क्षेत्र के ही नारंगपुर गांव निवासी युवक राजेंद्र (18 वर्ष) थाना क्षेत्र के ही सिंहावली गांव में अपनी बहन सर्वेश के यहां बीते कई दिनों से रह रहा था। दिवाली के अवसर पर सोमवार को वह अपने गांव पहुंचा। सूत्रों की मानें तो वह शराब का सेवन किए हुए था। रात्रि में ही खेत में एक पेड़ में अपनी ही शर्ट का फांसी का फंदा डाल कर आत्महत्या कर ली। मंगलवार सुबह खेत पर जा रहे किसी व्यक्ति ने देखा तो घर सूचना दी। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने देखा तो उनकी चीख निकल गई। जहां परिजनों ने बिना किसी कार्यवाई के ही अंतिम संस्कार कर दिया।
दिवाली के ही दिन दोनों की मृत्यु से परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं।

संभल पुलिस की दादी वाली दिवाली…गरीब, असहाय बुजुर्ग महिलाओं को वितरित कीं दैनिक उपयोग की वस्तुएं व मिठाई।

एएसपी अनुकृति शर्मा गुन्नौर के बबराला पहुंचीं, जाहिर की खुशी।

अकेली रह रहीं असहाय महिलाओं के बीच फैलाया खुशी का प्रकाश।

मिशन शक्ति के तहत असहाय महिलाओं को किया गया था चिन्हित।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल में दीपावली के त्यौहार पर गरीब तथा असहाय बुजुर्ग महिलाओं के साथ संभल पुलिस द्वारा ‘दादी वाली दिवाली’ मनाई गई। जहां एसपी अनुकृति शर्मा ने गुन्नौर के बबराला पहुंचकर बुजुर्ग महिलाओं के साथ दादी वाली दिवाली के नाम से खुशी जाहिर की व उन्हें दैनिक उपयोग की वस्तुओं के साथ-साथ मिठाई वितरित करते हुए दीपावली की शुभकामनाएं दीं तो वहीं बुजुर्ग महिलाओं ने भी शुभ आशीर्वाद दिया।

गुन्नौर के बबराला में मिशन शक्ति अभियान के तहत संबंधित पुलिस द्वारा ऐसी तीन गरीब तथा असहाय महिलाओं को चिन्हित किया गया था जिनका कोई सहारा नहीं है। तदुपरांत दिवाली के सुअवसर में संभल एएसपी दक्षिणी अनुकृति शर्मा गुन्नौर के बबराला पहुंची और उन गरीब तथा असहाय बुजुर्ग महिलाओं के साथ दिवाली मनाई।

असहाय परिवार के साथ दिवाली मना कर खुशी का प्रकाश फैलाया। जिसे एएसपी अनुकृति शर्मा ने “दादी वाली दिवाली” नाम दिया।

बबराला पहुंचकर एएसपी अनुकृति शर्मा थानाध्यक्ष बबराला नरेंद्र कुमार और पुलिस टीम के साथ कस्बा बबराला में ही रह रहीं असहाय बुजुर्ग महिला किरन पत्नी संतलाल, राजवती पत्नी खचेड़ू व माया देवी के बीच पहुंचकर दीपावली की शुभकामनाएं दीं तथा भोजन, मिठाई और कुछ बर्तन आदि वितरित करते हुए उन्हें दीपावली की खुशी का इजहार कराया।

जहां एएसपी अनुकृति शर्मा ने दादी वाली दिवाली के नाम से खुशी जाहिर करते हुए उनके साथ खुशी के पल बिताए और शुभकामनाएं दीं तथा बुजुर्ग महिलाओं ने भी अनुकृति शर्मा को आशीर्वाद देते हुए उनके सिर पर हाथ फिराते हुए गले लगाया।

जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है जहां लोगों द्वारा भी पुलिस की इस सराहनीय पहल की जमकर प्रशंसा की जा रही है।

उपरोक्त संदर्भ में एसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि इन तीनों अत्यधिक गरीब एवं असहाय महिलाओं को कांस्टेबल वीरेंद्र द्वारा मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत चिन्हित किया गया था। तदुपरांत स्वयं मेरे व थानाध्यक्ष बबराला नरेंद्र कुमार के द्वारा यह तय किया गया कि इनके घर में दिवाली की खुशियां जरूर लाई जाएगीं। उसी के क्रम में हम सभी लोग आज दिवाली के उपलक्ष्य में इनके घरों पर गये व रोजमर्रा की चीजों के साथ-साथ मिठाइयां आदि वितरित की गईं।
बता दें कि संभल में एएसपी अनुकृति शर्मा अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए सदैव चर्चाओं में रहती हैं और आए दिन कुछ न कुछ नया कार्य करते हुए सभी का ध्यान खींच लेती हैं।

दैनिक प्रवाह के लिए ‘संभल से’ गौरव उन्मुक्त की रिपोर्ट…

मैथिली ठाकुर चुनाव जीतेंगी या नहीं…क्या कहते हैं समीकरण?

मैथिली का नाम आने के बाद से ही स्थानीय बीजेपी नेताओं में दिखी असंतुष्टि।

भाजपा ने बिहार में दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से मैथिली को बनाया है अपना प्रत्याशी।

प्रवाह ब्यूरो
दरभंगा। भाजपा ने बिहार में दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट स लोक गायिका मैथिली ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया है।
अब मशहूर फोक सिंगर मैथिली ठाकुर का पॉलिटिकल डेब्यू बिहार के चुनावी रण में नया रंग भर सकता है। मैथिली को टिकट मिलने के बाद से ही बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। जिसके चलते ही अलीनगर विधानसभा में महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव की संभावनाओं के बीच बीजेपी ने मैथिली को टिकट देकर एक बड़ा दांव खेला है। पार्टी में एक दिन पहले बतौर सदस्य ज्वाइन करने वाली मैंथिली पर बीजेपी ने बड़ा भरोसा जताया है। हालांकि, इस सीट के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो राह इतनी आसान नहीं समझ आती। दरअसल, दरभंगा जिले के अंतर्गत आने वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में ब्राह्मण, यादव और मुस्लिम समुदाय से जुड़े मतदाता प्रमुख तौर पर चुनावी खेल को बदलते हैं।
वहीं अलीनगर से मैथिली की जीत-हार को लेकर भी सियासी गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं। अब जो भी हो मैथिली तो बीजेपी जॉइन कर चुकी है और पार्टी ने उन्हें मौजूदा विधायक मिश्री लाल यादव का टिकट काटकर दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है।
जिसके चलते ही मैथिली का नाम आने के बाद से ही स्थानीय बीजेपी नेताओं में असंतुष्टि दिख रही है।
किन्तु सियासी गलियारों में चर्चा है कि आखिर बीजेपी ने मैथिली पर दांव क्यों खेला और क्या वे चुनाव जीत पाएंगी या नहीं?
सियासी समीकरण देखें तो अलीनगर पूर्व से ही आरजेडी का गढ़ माना जाता रहा है जिसके चलते ही साल 2010 और 2015 में यहां से आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी चुनाव जीतकर विधायक बने थे, वहीं 2020 में वीआईपी की टिकट से मिश्री लाल यादव ने चुनाव जीता था, लेकिन एक मामले में दो साल सजा होने के बाद उनकी विधायकी छिन गई थी। जिस वजह से यहां बीजेपी की छवि थोड़ी धूमिल हुई थी यही कारण है कि इस बार बीजेपी को इस सीट को बरकरार रखने के लिए एक मजबूत व साफ छवि वाला कैंडिडेट चाहिए था। क्योंकि मैथिली बिहार में काफी मशहूर हैं और नया यंग फेमस फेस भी हैं, इसलिए बीजेपी ने उन पर दांव खेला है।
दूसरी ओर, कहा जा रहा है कि अलीनगर में 15-20% ब्राह्मण, 20-25% यादव और 25-30% मुस्लिम वोटर्स हैं। वहीं ब्राह्मणों और मुस्लिमों का गठजोड़ होने के साथ-साथ यादव वोटों का ध्रुवीकरण भी चुनावी जीत में अहम भूमिका निभाता है, ऐसे में अगर मैथिली ब्राह्मण और मुस्लिम वोट हासिल कर लेती है तो चुनाव में जीत संभव है, अन्यथा आरजेडी की मजबूत पकड़ कड़ी टक्कर देगी और मैथिली को हार का सामना करना पड़ सकता है, जो एनडीए के लिए बडा झटका होगा। बता दें कि 2020 के चुनाव में ब्राह्मण वोट बैंक आरजेडी के साथ चला गया था और मिश्री लाल यादव विधायक बन गए थे। हालांकि वे बाद में भाजपा में आ गए थे, लेकिन उनकी जीत में यादवों के साथ-साथ ब्राह्मणों ने भी निर्णायक भूमिका निभाई थी। इसलिए बीजेपी इस बार अलीनगर से ब्राह्मण उम्मीदवार पर दांव खेलना चाहती थी। क्योंकि मैथिली ब्राह्मण हैं और लोकगायिका होने के नाते हर वर्ग में मशहूर हैं तो वे सभी जातियों की महिलाओं का दिल जीत सकती हैं। मैथिली को पहली चुनौती आरजेडी उम्मीदवार से मिल सकती है, क्योंकि आरजेडी साल 2010 और साल 2015 में लगातार दो बार इस सीट से चुनाव जीत चुकी है। वहीं अलीनगर का मुस्लिम-यादव गठजोड़ भी आरजेडी के पक्ष में ही जाता है और यह समीकरण आरजेडी के लिए काफी मजबूत है। दूसरी चुनौती, आंतरिक विरोध होगा, क्योंकि अलीनगर के बीजेपी नेताओं ने मैथिली को बाहरी बताते हुए विरोध किया और स्थानीय नेता संजय सिंह उर्फ पप्पू भइया का समर्थन किया। तो वहीं मैथिली को नया चेहरा और राजनीतिक अनुभव की कमी भी तीसरी बडी चुनौती हो सकती है।
परिसीमन प्रक्रिया के बाद साल 2008 में बनी अलीनगर विधानसभा सीट में अलीनगर, तरडीह, घनश्यामपुर और मोतीपुर पंचायत जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जो दरभंगा मुख्यालय से लगभग 38 किलोमीटर पूर्व में स्थित हैं। उचित सड़क संपर्क होने के बावजूद, यह क्षेत्र अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक परिवहन से जूझ रहा है, जिससे इसकी अविकसित छवि बनी हुई है। इस सीट पर अन्य जातियों और समुदाय गेम चेंजर साबित हो रहे हैं। यहां महिला मतदाताओं की एक बड़ी संख्या है। कुल 2.84 लाख मतदाताओं में लगभग 1.35 लाख महिला वोटर हैं, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। जिसकी चलते ही मैंथिली का लोकगायिका होने के साथ-साथ महिला प्रत्याशी होना अलीपुर में पक्षधर साबित हो सकता है।

संभल हिंसा करवाने वाले मुल्ला अफरोज पर एनएसए की कार्रवाई।

संभल बवाल में जामा मस्जिद की सर्वे के दौरान हुईं हत्या का आरोपी है मुल्ला अफरोज।

अब तक 96 उपद्रवी भेजे जा चुके हैं जेल, गुलाम और वारिश पर भी रासुका लगाने की तैयारी।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। बुधवार को संभल बवाल में चार लोगों की हत्या के आरोपी मुल्ला अफरोज पर रासुका की कार्रवाई की गई है। आरोपी मुल्ला अफरोज संभल के दीपा सराय का निवासी है। मुल्ला अफरोज की गिरफ्तारी के बाद संभल बवाल में वारिश और गुलाम की भूमिका भी सामने आई थी। इसके बाद दीपा सराय निवासी गुलाम वह खग्गू सराय निवासी बारिश पर भी रासुका की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि अफरोज पर आरोप है कि उसने साठा के इशारे पर हिंसा करवाई, जिसमें कई लोग घायल हुए और कुछ की जान भी गईं। इतना ही नहीं अफरोज साठा के लिए चोरी की गाड़ियां और हथियार की भी सप्लाई करता था।
एनएसए की इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर हिंसा की याद ताजा हो गई है। जिससे यह भी साबित होे गया कि पुलिस उपद्रवी के विरुद्ध आज भी निरंतर कार्रवाई का चाबुक चला रही है।
अवगत रहे कि जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में संभल में 24 नवंबर 2024 को हिंसा भड़की थी। जिसमें चार लोगों की मृत्यु भी गई थी, जबकि 30 से अधिक अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस मामले में 37 लोगों को नामजद करते हुए 3750 अज्ञात के खिलाफ सात मुकदमे दर्ज किए थे। तदोपरांत 20 जनवरी को मुल्ला अफरोज सहित दस उपद्रवी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
अफरोज प्रापर्टी डीलर के साथ साठा के लिए काम करता था। उसके इशारे पर दिल्ली, एनसीआर से लग्जरी गाड़ियां चोरी कर बंगाल, असम के साथ नेपाल तक भेजता था। पूछताछ में अफरोज ने बताया था कि हिंसा के पीछे वर्षों से पुलिस के लिए चुनौती बना कुख्यात शारिक साठा है। उसने अपने गुर्गों को हथियार मुहैया कराकर हिंसा कराई थी। उसका साफ कहना था कि दस-बीस को मार दोगे तो सरकार और प्रशासन बैकफुट पर आ जाएंगे और फिर हम सुरक्षित होकर काम करेंगे। हिंसा में मारे गए बिलाल और अयान को भी उसने ही गोली मारी थी। 
उससे पास से 32 बोर की पिस्टल, तीन कारतूस और 15 खोखे भी मिले थे। उसकी मंशा थी कि हिंसा में दस-बीस पुलिस व पब्लिक के लोग मरते, तो पुलिस वाले सस्पेंड होते। फिर वह आगे सक्रिय नहीं रह पाते और शाकिर साठा का दबदबा हो जाता। प्राप्त जानकारी के अनुसार मुल्ला अफरोज साठा से मोबाइल एप के जरिए बात करता था। जिसके चलते ही अब जेल में बंद मुल्ला अफराेज के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) की कार्रवाई की गई है।
उपरोक्त प्रकरण में एसपी संभल के.के. बिश्नोई ने बताया कि हत्या के आरोपी मुल्ला अफरोज पर एनएससी के तहत कार्रवाई की गई है जल्द ही उसके दो साथी आरोपियों के विरुद्ध भी रासुका की कार्रवाई की जाएगी।

विकसित प्रदेश बनाने में युवाओं की दिखी सक्रिय भागीदारी।

संभल के युवाओं ने दिए सर्वाधिक सुझाव, प्रदेश में संभल को मिला प्रथम स्थान ।

सुझाव देने में युवाओं की सक्रिय भागीदार के चलते प्रथम स्थान पर आया संभल जनपद।

विकसित उत्तर प्रदेश समर्थ उत्तर प्रदेश 2047 पोर्टल पर दिए जा रहें हैं सुझाव।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य को 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश बनाने के उद्देश्य से चलाए गए विकसित उत्तर प्रदेश समर्थ उत्तर प्रदेश पोर्टल पर समस्त प्रदेशवासियों द्वारा मांगे गए सुझावों को देने में संभल जनपद प्रथम स्थान पर आया है। संभल वासियों ने सुझाव देने में पूरे प्रदेश में सक्रिय भूमिका निभाते हुए अपनी जगह प्रथम स्थान पर बना ली है। संभल को प्रथम स्थान पर लाने में युवाओं की सक्रिय भागीदारी रही है तथा अभी भी सुझाव लगातार युवाओं से लेकर 60 वर्ष से ऊपर तक के नागरिकों द्वारा भी दिए जा रहे हैं।
सुझाव देने के मामले में जनपद संभल उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य को विकसित उत्तर प्रदेश समर्थ उत्तर प्रदेश बनाने के उद्देश्य से 2047 पोर्टल पर राज्य के नागरिकों से सुझाव मांगे गए थे। जिसमें अलग-अलग विभागों तथा विषयो से संबंधित सुझाव राज्य के सभी जनपद वासियों द्वारा दिए गए हैं।
लगातार सुझाव दिए भी जा रहे हैं। सुझावों का आकलन किया गया तो उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक सुझाव देने वाले जनपदों में संभल जिले का नाम सबसे पहले आया है जिसने प्रदेश में प्रथम स्थान पा लिया है। युवाओं की सक्रिय भागीदारी के चलते पूरे प्रदेश में संभल जिले ने प्रथम स्थान पाया है। संभल जनपद में सर्वाधिक सक्रिय भागीदारी युवाओं की रही है। 31 वर्ष तक की आयु के युवाओं ने सर्वाधिक सुझाव दिए हैं। उत्तर प्रदेश को विकसित उत्तर प्रदेश बनाने के उद्देश्य से लगातार युवा अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं तथा विभिन्न विषयों के लिए दिए गए सुझावों को साझा कर रहे हैं और क्षेत्रीय समस्याओं तथा अपने अनुसार जनपद तथा राज्य में दिखाई दे रही समस्याओं से सरकार को अवगत कराने का काम कर रहे हैं।
जहां संभल जिला पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर आया है तो वहीं जनपद मुरादाबाद 61 वें स्थान पर पहुंच गया है।
संभल जिला प्रशासन द्वारा लगातार सुझाव देने के लिए किए गए प्रचार प्रसार के तहत युवाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई और लगातार सुझाव देने के चलते ही उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान बना लिया है।
जबकि मुरादाबाद मंडल के अन्य जनपदों ने दसवें स्थान तक भी कोई जनपद नहीं पहुँच पाया है। इससे स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश में संभल जनपद के युवा सुझाव देने में जहां अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं तो वहीं उत्तर प्रदेश को एक विकसित प्रदेश के रूप में देखना चाहते हैं।
संभल के ग्रामीण क्षेत्र से भी युवाओं ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई है। जिसके चलते ही आज संभल जनपद से अब तक लगभग 1.80 लाख सुझाव दिए जा चुके हैं। जिनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वाधिक सुझाव दिए गए हैं जबकि शहरी क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा कम सुझाव दिए गए हैं।

■ संभल से वीरेश कुमार की रिपोर्ट…

स्कूली छात्राओं को दी मिशन शक्ति की जानकारी, निकाली रैली।⁹

कैला देवी थाना प्रभारी व मिशन शक्ति टीम प्रभारी ने दी जानकारी।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल के कैला देवी थाना पुलिस द्वारा स्कूली छात्राओं को मिशन शक्ति अभियान के पांचवें चरण के दौरान साइबर अपराध तथा हेल्पलाइन नंबर और सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। कैला देवी के बाबा रतन गिरि आदर्श इंटर कॉलेज व मां कैला देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के साथ जागरुक करते हुए रैली का आयोजन किया गया।
थाना प्रभारी सौरभ त्यागी तथा मिशन शक्ति प्रभारी उप निरीक्षक आंचल सिद्धू के नेतृत्व में छात्राओं ने महिला उत्पीड़न घरेलू हिंसा साइबर अपराध से बचने तथा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने हेतु रैली का आयोजन किया।
रैली के माध्यम से महिलाओं तथा बालिकाओं और जनमानस को जागरुक करते हुए स्वास्थ्य के बारे में भी जागरूक किया तथा मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई लैंगिक समानता के बारे में जानकारी दी गई।

रैली के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम के तहत शिक्षकों व छात्र-छात्राओं के साथ महिलाओं के अधिकारों, समाज में उनकी भूमिका को सशक्त बनाने हेतु शिक्षा का अधिकार, बाल विवाह निषेध तथा बाल श्रम अपराध और लैंगिक समानता के बारे में लोगों को जागरूक किया।
इसके साथ ही साइबर अपराध से बचने के उपाय बताए तथा हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी गई। जिसमें महिला हेल्पलाइन नंबर 181, वूमेन पावर लाइन 1090, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076, आपातकालीन 112, स्वास्थ्य सेवा नंबर 102, एंबुलेंस नंबर 108 चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 तथा साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के संबंध में पंपलेट होर्डिंग बैनर के माध्यम से जानकारी दी गई।
इस दौरान थाना प्रभारी सौरभ त्यागी, मिशन शक्ति प्रभारी उप निरीक्षक आंचल सिद्धू, उप निरीक्षक मनोज कुमार, जतिन कुमार, हिरदेश बाबू, कांस्टेबल सोमेश, कपिल देव, नीरज आदि मौजूद रहे।

सरकार का लक्ष्य हर नागरिक तक विकास व सुविधाएं पहुंचाना – ए.के. शर्मा

संभल कल्कि महोत्सव में पहुंचे ऊर्जा मंत्री, 25 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का किया लोकार्पण।

सफाई मित्रों को किया सम्मानित, लाभार्थियों को पीएम आवास की चाबी सौंपी।

ऊर्जा मंत्री ने संभल के सर्वांगीण विकास को लेकर की चर्चा।

प्रवाह ब्यूरो
संभल। संभल के बहजोई बड़े मैदान में 6 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक चलाए जा रहे कल्कि महोत्सव/विकासोत्सव में पांचवें दिन नगरों का विकास, बदलते नगर, बढ़ता उत्तर प्रदेश एवं सफाई मित्र सम्मेलन के आयोजन में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने प्रतिभाग किया।
जिसका शुभारंभ जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया व मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट तथा भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी हरेंद्र सिंह रिंकू द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी द्वारा ऊर्जा मंत्री का पुस्तक एवं पुष्प भेंट कर सम्मान किया गया।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है, बल्कि विकास स्वच्छता और जन भागीदारी के नए युग की शुरुआत का संदेश देता है।

जनपद के पीएम श्री विद्यालयों की सराहना की तथा जिला प्रशासन के नेतृत्व में संगठित विद्युत चोरी को रोकने के लिए भी ऊर्जा मंत्री द्वारा जिला प्रशासन की प्रशंसा की गई। जहां 25 करोड रुपए की लागत से नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया।

जिसके अंतर्गत निर्बाध विद्युत आपूर्ति, नाली निर्माण, पेयजल, पाइपलाइन, स्ट्रीट लाइट एवं स्वच्छता से जुड़ी योजनाएं सम्मिलित हैं। ऊर्जा मंत्री ने जीरो वेस्ट पर आधारित संभल कल्कि महोत्सव एवं विकासोत्सव के लोगो का भी अनावरण किया।
जीरो बेस्ड महोत्सव का उद्देश्य कार्यक्रम से निकलने वाला कोई भी अपशिष्ट पुनर्चक्रण या पुनः उपयोग से बाहर नहीं जाए। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 20 सफाई मित्रों को वोकल फोर लोकल थीम पर आधारित स्थानीय उत्पादन भेंट कर ऊर्जा मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि सफाई मित्र ही हमारे समाज के सच्चे नायक हैं।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को उनके नए मकान की चाबी सौंपी गई। जिला प्रशासन की सराहना करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि लगभग 86 हेक्टेयर भूमि को अनाधिकृत कब्जे से मुक्त कराया गया है। जिलाधिकारी ने इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभागीय एवं स्वयं सहायता समूह के द्वारा लगाई गई स्टालों के विषय में भी चर्चा करते हुए कराए जाने वाले विकास कार्यों के बारे में बताया।
मिशन शक्ति अभियान के पांचवें चरण के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों के विषय में भी अवगत कराया गया।
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विद्युत विभाग के 10 अधिकारियों तथा पांच उपभोक्ताओं को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
जहां पूर्व गुन्नौर विधायक अजीत कुमार राजू यादव, पूर्व एमएलसी परमेश्वर लाल सैनी, मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट, अपर जिलाधिकारी प्रदीप वर्मा, संबंधित अधिकारी तथा नगर पालिका एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष नगर पालिका संभल के अधिशासी अधिकारी डाॅ. मणि भूषण तिवारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

करवा चौथ व्रत आज, जानें- क्या रहेगा पूजन और चांद को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त।

सौभाग्य के महापर्व पर सुहागिनों का ‘सरगी’ के साथ निर्जला उपवास शुरू।

पति की लंबी आयु, सुखी दांपत्य जीवन और सुख समृद्धि के लिए किया जाता है करवा चौथ व्रत।

प्रवाह ब्यूरो
लखनऊ। करवा चौथ आज सिद्धि योग में मनाया जा रहा है। जहां सुहागन महिलाएं सरगी करके सूर्योदय के समय से ही निर्जला व्रत हैं। आज प्रदोष काल में करवा चौथ पूजा होगी, जिसमें करवा की कथा सुनी जाएगी। यह व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक यानी चंद्रमा को अर्घ देने तक बिना अन्न और जल के रखना होता है। करवा चौथ का व्रत पति की लंबी आयु, सुखी दांपत्य जीवन और सुख समृद्धि के लिए रखा जाता है। आज करवा चौथ शुक्रवार के दिन है ज्योतिष के अनुसार शुक्र को भौतिक सुख सुविधा, प्रेम, सुखी वैवाहिक जीवन आदि का कारक माना जाता है। सिद्ध योग में शुरू हुआ करवा चौथ व्रती महिलाओं के मनोकामनाओं की पूर्ति में भी सहायक है।
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पूजा-अर्चना करती हैं। शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ पर व्रत पूर्ण होने से पूर्व यौन संबंध बनाना उचित नहीं माना जाता है, क्योंकि इससे व्रत की पूर्णता प्रभावित होती है। हिंदू धर्म में करवा चौथ का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता रहा है। सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत सबसे जरूरी माना जाता है और इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पूजा-अर्चना करती हैं। यह त्यौहार पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्र दर्शन तक निर्जला व्रत रखती हैं। पश्चिमी यूपी में आज चांद निकलने का समय 8.24 PM है। पंचांग के अनुसार भी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर को रात 10:54 बजे आरंभ होगी और 10 अक्टूबर को रात 7:38 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार भी 10 अक्टूबर को ही करवा चौथ व्रत रखना उचित है। साथ ही इस वर्ष करवा चौथ व्रत का शुभ मुहूर्त भी 10 अक्टूबर 2025 की शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक रहेगा। इस समय में पूजा, कथा और व्रत संबंधी अनुष्ठान सबसे अधिक प्रभावी और शुभ माने जाते हैं। साथ ही पंचांग के अनुसार भी आज चंद्रोदय समय रात 8:14 बजे है।
करवा चौथ का त्यौहार भारतीय विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। यही कारण हैं कि करवा चौथ को लेकर कई तरह की मान्यताएं और रीति-रिवाज प्रचलित हैं।
इस दिन पत्नी अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे जीवन की कामना करते हुए व्रत रखती है। यह व्रत सूर्योदय से चंद्रमा निकलने तक चलता है। जब रात में चांद निकलता है, तो पत्नी चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति का चेहरा देखकर ही व्रत तोड़ती है।
व्रत की शुरुआत सुबह-सुबह ‘सरगी’ से होती है, जो कि सास या परिवार की बड़ी महिलाएं व्रती महिला को देती हैं। सरगी में फल, सूखे मेवे, मिठाइयां, हल्का भोजन और कभी-कभी परंपरागत पकवान भी शामिल होते हैं। यह सरगी न केवल शरीर को ऊर्जा देती है, बल्कि यह सास-बहू के रिश्ते में भी आत्मीयता और आशीर्वाद का भाव जोड़ती है। सरगी न सिर्फ एक साधारण भोजन है, बल्कि इसमें गहरी धार्मिक भावना और पारिवारिक संबंधों की मिठास भी छिपी होती है। सरगी का मुख्य उद्देश्य शारीरिक ऊर्जा प्रदान करना है।  सरगी सास द्वारा बहू को दी जाती है, जो आशीर्वाद और स्नेह का प्रतीक मानी जाती है। इसे ब्रह्ममुहूर्त या सूर्योदय से पहले खाया जाता है, जिससे व्रती महिला दिनभर बिना जल और अन्न के उपवास रख सके। धार्मिक दृष्टि से सरगी सिर्फ ऊर्जा देने वाला भोजन नहीं, बल्कि यह पति की लंबी उम्र, घर में सुख-शांति और सास-बहू के रिश्ते में प्रेम और विश्वास की डोर को मजबूत करने वाली परंपरा भी है।

◆ आखिर कैसे शुरू हुई थी ‘सरगी’ की परंपरा ?

सरगी की शुरुआत को लेकर दो प्रमुख कथाएं प्रचलित हैं, जो इसके धार्मिक व पौराणिक महत्व को दर्शाती हैं।

पहली कथा माता पार्वती से जुड़ी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब माता पार्वती ने भगवान शिव की दीर्घायु और कल्याण के लिए पहली बार करवा चौथ का व्रत रखा था, तब उनकी सास जीवित नहीं थीं। ऐसे में उनकी मां मैना देवी ने उन्हें व्रत से पहले सरगी दी थी एक विशेष थाली जिसमें पौष्टिक और शुभ खाद्य पदार्थ थे। तभी से यह परंपरा बनी कि यदि सास जीवित न हों, तो मायके से मां भी सरगी भेज सकती हैं।

दूसरी कथा महाभारत काल से जुड़ी है। कहा जाता है कि जब द्रौपदी ने पांडवों की रक्षा और दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था, तब उनकी सास कुंती ने उन्हें सरगी दी थी। इस प्रसंग से यह मान्यता और भी प्रबल हो गई कि सरगी ससुराल पक्ष की ओर से दी जानी चाहिए। खासकर सास की ओर से, जो इसे आशीर्वाद और प्रेम के रूप में अपनी बहू को देती है।
ये दोनों कथाओं से स्पष्ट करतीं है कि सरगी की परंपरा सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि यह आस्था, मातृत्व, और पारिवारिक रिश्तों की मिठास का प्रतीक है, जो पौराणिक काल से ही चली आ रही है।