◆ कांवड़ यात्रा के चलते ट्रैफिक जाम से निपटने को लेकर डीएम संभल द्वारा लिया गया है निर्णय।
◆ समस्त बोर्ड के हिन्दी/अंग्रेजी माध्यम के राजकीय, परिषदीय, शासकीय व वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर लागू रहेगा आदेश।
प्रवाह ब्यूरो संभल। श्रावण मास के पावन अवसर पर कांवड़ यात्रा के दौरान जनपद में संभावित भीड़ और यातायात व्यवधान को देखते हुए जिलाधिकारी संभल द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। श्रावण मास के सोमवार व शिवरात्रि पर निकलने वाली कांवड़ यात्राओं और शिव मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए जिलाधिकारी डा. राजेंद्र पैंसिया ने सावधानी बरतते हुए शहर के स्कूल-कॉलेजों में छात्रों के लिए छुट्टी घोषित कर दी है। आदेश के अनुसार, श्रावण मास के इस सोमवार और महाशिवरात्रि (आगामी बुधवार) के दिन जनपद के सभी नर्सरी से कक्षा 12 तक के स्कूल बंद रहेंगे। इस आदेश का उद्देश्य कांवड़ियों के निर्बाध आवागमन को सुनिश्चित करना और मार्गों पर लगने वाले यातायात जाम से बचाव करना है। बता दें कि श्रावण मास के सोमवार व सावन की शिवरात्रि के अवसर पर कांवड़ियों द्वारा विभिन्न मन्दिरों में बडे स्तर पर जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना की जानी है। जिसके कारण मुख्य मार्गों एवं नगरों में काफी संख्या में कांवड़ियों के आने-जाने से जगह-जगह जाम की स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे दुर्घटना व शान्ति भंग होने की संभावना रहती है। जिसकी चलते ही डीएम संभल द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
यह निर्णय जिले के सभी राजकीय, परिषदीय, शासकीय सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा, चाहे वे हिंदी या अंग्रेजी माध्यम के हों और किसी भी बोर्ड (सीबीएसई, आईसीएसई, यूपी बोर्ड आदि) से संबद्ध हों। जिलाधिकारी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान मुख्य मार्गों और नगर क्षेत्रों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, जिससे आवागमन प्रभावित होता है। ऐसे में छात्रों की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्कूल बंद करना आवश्यक हो गया है। प्रशासन ने सभी स्कूल प्रबंधनों से अपील की है कि वे छात्रों और अभिभावकों को समय रहते इस आदेश की जानकारी दें ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो।
◆ भतीजे के लापता होने पर बिना जल भरे ही हरिद्वार से वापस लौटे चाचा-चाची।
◆ पांच दिन पूर्व हरिद्वार से जल भरने गया था दीपक, लापता होने पर भाई ने दी तहरीर।
संभल। संभल के थाना जुनावई क्षेत्र से पांच दिन पूर्व हरिद्वार जल भरने गया युवक दीपक लापता हो गया। उक्त प्रकरण में शनिवार को लापता युवक दीपक के चचेरे भाई राजू ने थाना जुनावई में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जबकि युवक के परिवार वाले और दोस्त उसकी तलाश में जुटे हैं। फिलहाल, युवक के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। बता दें कि थाना जुनावई क्षेत्र के गांव रघुपुर पुख्ता से पांच दिन पूर्व हरिद्वार जल भरने गये युवक के लापता होने पर भाई ने थाने में तहरीर देकर तलाश की गुहार लगाई है। वहीं पांच दिन से लगातार तलाश करने के उपरांत चाचा-चाची दोनों हरिद्वार से बिना जल लिए ही वापस लौट आए। थाना क्षेत्र के रघुपुर पुख्ता गांव के रहने वाले दीपक कुमार (18 वर्ष) विगत 14 जुलाई को अपने चाचा लीलाधर एवं चाची अनीता देवी सहित गांव के 12 लोगों के साथ हरिद्वार से जल भरने गया था। परन्तु गंगा से जल भरने के उपरांत अपने चाचा के साथ नीलकंठ में जलाभिषेक करने हेतु मन्दिर के अन्दर प्रवेश करने के दौरान भीड़ में गुम हो गया। तभी चाचा-चाची गांव के लोगों के साथ शुक्रवार शाम तक तलाश कर शनिवार सुबह वापस गांव लौट आए। चाचा लीलाधर ने पुलिस को बताया कि भतीजे गुम होने के शोक में हम और हमारी पत्नी अनीता देवी हरिद्वार से बिना जल भरे ही वापस लौट आये हैं जबकि साथ गए अन्य लोग अपना जल भर कर आये हैं।
◆ कैला देवी पुलिस का सराहनीय कार्य: 14 साल से गायब लावारिस हालत में मिले इंजीनियर को, परिजनों से मिलाया।
◆ बिहार के भोजपुर जनपद निवासी है इंजीनियर, झारखंड के आईआईटी रैंक की माइंस कॉलेज से की है इंजीनियरिंग।
◆ 14 साल बाद परिजनों से हुई वीडियो कॉल पर बात, तो खुशी से निकले आंसू।
◆ कैला देवी पुलिस ने नहलाकर पहनाए स्वच्छ कपड़े, कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था इंजीनियर।
प्रवाह ब्यूरो संभल। संभल के कैलादेवी थाना पुलिस का एक सराहनीय कार्य सामने आया है। लावारिस हालत में मिले इंजीनियर जो 14 साल पहले अपने परिजनों से गायब हो गया था, कैलादेवी थाना क्षेत्र में मिलने के बाद पुलिस ने थाने लाकर उसे नहलाया और स्वच्छ कपड़े पहनाए। पूर्व में वह कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था। लगातार परिजनों को ढूंढने की कोशिश की गई। जब उसने बताने की कोशिश की तो पुलिस ने तुरंत परिजनों से संपर्क करना शुरू कर दिया। बिहार के भोजपुर जनपद का पता बताया तो पुलिस ने भोजपुर पुलिस से संपर्क साधा। लगातार कोशिश के बाद कैला देवी थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह 14 साल पहले परिजनों से बिछड़े इंजीनियर को उनके परिजनों से मिलवा दिया और शनिवार देर शाम कैला देवी थाने पहुंची उसकी पत्नी देखते ही लिपटकर रोने लगी तो उसके भाई की आंखों में भी आंसू आ गए जहां पुलिस भी भावुक हो गई। तदोपरांत पुलिस ने इंजीनियर को उसकी पत्नी और भाई के सुपुर्द कर दिया।
थाना क्षेत्र के साकिन शोभापुर खालसा गांव के जंगल में बीते 16 जुलाई की रात्रि को एक अधेड़ लावारिस अवस्था में ग्रामीणों को दिखाई दिया। जिसके शरीर पर भी कीड़े घूम रहे थे। जिसकी सूचना डायल 112 को दी गई। जिसे कैला देवी थाने लाया गया। जहां वह कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था। कैला देवी थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह द्वारा उसे नहलाकर साफ कपड़े पहनाए गए। तीन दिन बाद शनिवार को उसने अपना पता बताने की कोशिश की तो पुलिस ने तुरंत बिहार के भोजपुर जनपद की पुलिस से संपर्क किया। बताए गए अनुसार वह गांव नहीं निकला। दोबारा पुलिस ने पूछताछ की तो किसी तरह उसने अपना गांव बताया। जिसे अपना नाम सत्यदेव चौबे पुत्र ओमकारनाथ चौबे निवासी धमनिया थाना गरहनी जनपद भोजपुर बिहार बताया। भोजपुर के गरहनी थाना पुलिस द्वारा गांव पहुंचकर परिजनों से संपर्क किया गया और फोटो से पहचान कराई। जहां पहचान के बाद परिजनों ने पहचान लिया उसके बाद वीडियो कॉल की गई तो सत्यदेव चौबे ने भी अपने परिजनों को पहचान लिया। जहां परिजनों ने बताया कि 14 साल से वह गायब थे। वह झारखंड की आईआईटी रैंक की माइंस कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। कोयले की खदान में भी काम किया है तथा अन्य जगह भी सेवाएं दी हैं। किसी तरह आज से 14 साल पहले गायब हो गए थे। 14 साल बाद जब परिजनों की वीडियो कॉल पर बात हुई तो उनके खुशी से आंसू निकल आए। थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह की सराहनीय कार्य के चलते 14 साल बाद अधेड़ अपने परिजनों से मिला जहां पुलिस ने शनिवार देर शाम उन्हें परिजनों को सौंप दिया।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर कई जगह दी है सेवा, कोइल माइंस में भी कर चुके हैं काम।
परिवार में कुछ ही दिन बाद बेटी की है शादी, 14 साल बाद परिजनों से हुई भेंट तो छाई खुशी।
संभल। बिहार के भोजपुर जनपद के रहने वाले 14 साल पहले गायब हुए इंजीनियर संभल जनपद के कैला देवी थाना क्षेत्र में लावारिस हालत में मिले तो कैला देवी पुलिस ने सराहनीय कार्य करते हुए उसे नहलाया और साफ कपड़े पहनाए। लगातार कैला देवी पुलिस परिजनों के संपर्क करने की कोशिश की लेकिन इंजीनियर कुछ भी बताने की हालत में नहीं था। 3 दिन बाद घर का पता बताया तो पुलिस ने संबंधित पुलिस से संपर्क कर परिजनों की तलाश कर ली। जहां ऊन्हें शनिवार देर शाम परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने बताया कि वह झारखंड के आईआईटी रैंक की माइंस कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। इसके अलावा अन्य सेवा क्षेत्र में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कुछ दिन बाद उसकी बेटी की भी की शादी है। जिसमें सम्मिलित होने व अपने ही हाथों से कन्यादान करने का मौका मिलेगा। जहां परिजनों ने आस छोड़ दी थी। जैसे ही कैला देवी थाना पुलिस ने भोजपुर पुलिस से संपर्क कर वीडियो कॉल के माध्यम से बात कराई तो परिजनों की खुशी से आंखें भर आईं। इंजीनियर सत्यदेव चौबे के परिवार के अन्य लोग भी बड़े पद पर सेवाएं दे रहे हैं। वह किसी तरह 14 साल पहले अचानक गायब हो गए थे। जहां परिजनों ने हर जगह तलाश किया था, लेकिन कहीं पता नहीं चल सका तो परिजनों ने आस छोड़ दी थी। संभल के कैला देवी थाने पहुंचकर परिजनों ने कैला देवी पुलिस की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया। 14 साल बाद बिछड़े हुए इंजीनियर को उनके परिजनों से मिलाने के सराहनीय कार्य की पुलिस की बहुत ही प्रशंसा हो रही है।
14 साल बाद मिले पति को देख थाने में ही लिपटकर रोई पत्नी।
बिहार के भोजपुर जनपद के गांव निवासी सत्यदेव चौबे जहां रांची से अपनी दवाई लेते समय गायब हो गए थे। वहीं परिजन लगातार कई वर्षों तक ढूंढते रहे और जिंदा होने की आस छोड़ दी थी। उन्हें क्या पता था कि 14 साल बाद उनकी मुलाकात सत्यदेव से होगी। मानसिक स्थिति खराब और अर्धनग्न कपड़ों में थाना क्षेत्र के गांव में लावारिस हालत में मिले सत्यदेव को पुलिस ने सहारा दिया। उन्हें थाने में आवास में रखकर नहलाया स्वच्छ कपड़े पहनाए। अच्छा खाना खिलाया। थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह ने लगातार मानवीयता को अपनाते हुए परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की। गलत पता होने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और फिर भोजपुर एसपी से संपर्क कर गांव के बारे में जानकारी ली फिर संबंधित थाना प्रभारी से बात की और परिजनों को तलाश किया।
कैलादेवी पुलिस को इस अवस्था में मिले थे लापता इंजीनियर सत्यदेव चौबे
वीडियो कॉल से बात की तो परिजन फोन पर ही रोने लगे। शनिवार शाम तक परिजन कैला देवी थाने पहुंच गए, जिसमें सत्यदेव की पत्नी पुष्पा और उनके भाई मुखदेव चौबे आदि साथ थे। कैला देवी थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह लगातार परिजनों के संपर्क में रहे। थाने में पहुंचते ही उनकी पत्नी पुष्पा देखते ही लिपट गई और रोने लगी। उनके भाई की आंखों में भी आंसू आ गए। थाने में मौजूद हर आंख भावुक हो गई। जहां पुलिस भी भावुक हुई। उनकी पत्नी और भाई ने संभल पुलिस की प्रशंसा करते हुए धन्यवाद दिया तो वहीं थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह की प्रशंसा करते हुए हाथ जोड़कर आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद किया।
कांवड़ियों की दर्दनाक मौत के बाद विलाप करते परिजन।
◆ संभल से निजी बाइक से हरिद्वार जल लेने गए थे दोनों कांवडिया।
प्रवाह ब्यूरो संभल। हरिद्वार में शुक्रवार मध्यरात्रि संभल के दो कांवड़ियों की सड़क हादसे में मौत हो गई। संभल के कैलादेवी थाना क्षेत्र के चकरपुर मेमरी तथा दूसरा रजपुरा थाना क्षेत्र के शहाजहांनाबाद गांव निवासी था। जो दोनों आपस में रिश्तेदार थे। शुक्रवार को दोनों एक ही बाइक से निकले थे। कैला देवी थाना क्षेत्र के चकरपुर मेमरी गांव निवासी 28 वर्षीय अरविंद पुत्र सोमपाल शुक्रवार को अपने साले के रिश्तेदार रजपुरा थाना क्षेत्र के शहाजहांनाबाद गांव निवासी युवक के साथ उसी की बाइक पर बैठकर हरिद्वार गया था। शुक्रवार मध्य रात्रि के बाद हरिद्वार के नजदीक चंडी पुल के निकट जैसे ही दोनों पहुंचे तो उन्होंने वहां रह रहे अपने गांव निवासी एक युवक पर फोन कर दिया था जो वहां रहकर ठेला लगाता था। जिसके यहां उसे बाइक खड़ी करनी थी। अरविंद का दोस्त जब वापस अपना कार्य करके देर रात लौटा तो उसने फोन किया तो उसका फोन नहीं उठा। दोबारा फोन करने पर उसका फोन पुलिस ने उठाया। जहां पुलिस द्वारा पूरी जानकारी दी गई तो उसके दोस्त के द्वारा ही सड़क हादसे की सूचना अमरपाल के परिजनों को दे दी गई। जहां किसी अज्ञात वाहन द्वारा टक्कर मारने के चलते सड़क हादसा होने की बताई जा रही है। जिसमें दोनों के मौके पर ही मृत्यु हो गई। सूचना पर हरिद्वार में ही संबंधित थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। कांवड़ियों की मृत्यु के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। शनिवार देर शाम तक शव घर नहीं पहुंच पाया था।
◆ तीन गिरफ्तार, बैंक मिनी संचालकों से लूटे थे 2.40 लाख रुपए व दो लैपटॉप।
◆ कैला देवी थाना पुलिस व एसओजी टीम ने मुखबिर की सूचना पर गवां के नजदीक से किए गिरफ्तार।
प्रवाह ब्यूरो संभल। संभल के कैला देवी थाना क्षेत्र के सौंधन में बीते 15 जुलाई शाम को दिनदहाड़े बाइक सवार बदमाशों द्वारा तमंचे के बल पर मिनी बैंक संचालकों से 2.40 लाख रुपए व दो लैपटॉप लूटने वाले तीन बदमाशों को कैला देवी थाना पुलिस व एसओजी टीम ने गिरफ्तार कर लिया। बदमाशों ने लूट की योजना नोएडा में बैठकर बनाई थी। सौंधन आकर मिनी बैंक संचालकों के घर जाने पर रास्ते में तमंचे के बल पर बाइक रुकवा कर लूट की थी। जहां पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से 98 हजार 6 सौ रुपए बरामद किए हैं तथा तीन मोबाइल और दो लैपटॉप भी बरामद किए गए हैं।
बीते 15 जुलाई शाम को कैला देवी थाना क्षेत्र के करनपुर कायस्थ गांव निवासी विनोद पुत्र मुकुट सिंह तथा चचेरा भाई संजीव सौंधन से अपनी मिनी बैंक शाखा बंद कर अपने घर वापस लौट रहे थे। जैसे ही वह सौंधन करनपुर कायस्थ मार्ग पर पहुंचे तो तीन बाइक सवार बदमाशों ने तमंचे के बल पर रुपयों से भरा बैग छीन लिया था। जिसमें 2.40 लाख रुपए तथा दो लैपटॉप पर दुकान की चाबी रखी थीं। विरोध करने पर तमंचे से फायर करते हुए फरार हो गए थे। आवाज सुनकर अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे तो मिनी बैंक संचालकों द्वारा लुटेरों का पीछा किया गया। सूचना पर कैला देवी थाना पुलिस तथा सौंधन चौकी पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। जहां बदमाश अपनी बाइक और जूते चप्पल छोड़कर फरार हो गए थे। कैला देवी थाना पुलिस ने बाइक के नंबर के आधार पर कार्यवाई शुरू की। रात्रि में ही सीओ संभल तथा एएसपी भी मौके पर पहुंच गए थे। एसपी के निर्देश पर एसओजी टीम सहित कैला देवी थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में कई टीमें लगातार जांच में जुटी थीं और लुटेरों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही थी। 24 घंटे के अंदर ही पुलिस बदमाशों के करीब पहुंच चुकी थी। एक आरोपी के फरार होने के चलते लगातार कोशिश की जा रही थी। शुक्रवार को कैला देवी थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम और एसओजी टीम के द्वारा मुखबिर की सूचना पर रजपुरा थाना क्षेत्र के गवां के नजदीक एक्सीलेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के आसपास सड़क के किनारे खाली पड़े मकान से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में जिन्होंने अपना नाम गौतम बुध नगर के सूरजपुर थाना अंतर्गत देवला गांव निवासी नवल उर्फ सुक्खी पुत्र रनवीर नागर, गौतम बुद्ध नगर जनपद के ही सूरजपुर थाना अंतर्गत निवासी दीपक पुत्र कंधीलाल जो कि महोबा जनपद के चरखारी थाना अंतर्गत पाठा गांव का रहने वाला था। इसके अलावा पीलीभीत जनपद के बिसलपुर थाना अंतर्गत अमृता खास निवासी अर्जुन पुत्र लालता प्रसाद हाल निवासी गौतम बुद्ध नगर के सूरजपुर थाना अंतर्गत वीर सिंह देवलैंड कान्वेंट स्कूल के पास निवासी बताया।
ग्रेटर नोएडा के आसपास ही रहते थे तीनों बदमाश, वहीं से बनाई थी लूट की योजना।
गिरफ्तार किए गए तीनों बदमाश ग्रेटर नोएडा देवला के आसपास ही रहते थे। गौतम बुद्ध नगर के सूरजपुर थाना अंतर्गत देवला निवासी जयभगवान छोटे की अपने घर पर ही सैलून की दुकान है। जय भगवान से दीपक की दोस्ती हुई। जय भगवान ने लोन पर स्प्लेंडर प्लस मोटरसाइकिल ले रखी थी, जिसकी किस्त नहीं भरने के चलते उसने मोटरसाइकिल दीपक को दे दी थी। दीपक वहां एक कंपनी में डिलीवरी बॉय का काम करता था। बीते 13 जुलाई को तीनों बदमाशों ने एक पार्किंग में बैठकर लूट की योजना बनाई। लूट की घटना में उसी मोटरसाइकिल का उपयोग किया गया था। उपरोक्त तीन बदमाश मोटरसाइकिल लेकर सौंधन आ गए थे। जहां तीनों ने ओवरटेक कर तमंचा दिखाकर मिनी संचालकों के साथ लूटपाट की।
◆ मौत से 4 घंटे पूर्व प्रेमिका के साथ लगाया था स्टेटस, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप।
◆ 2 साल से था अफेयर एक साथ आलू मिल में काम करते थे दोनों प्रेमी-प्रेमिका।
प्रवाह ब्यूरो संभल। गुरुवार को संभल जिले के हयात नगर थाना क्षेत्र की अंबेडकर बस्ती में रूह कंपा देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक प्रेमी अपनी प्रेमिका के घर में ही फंदे से लटका मिला है। जबकि मृतक प्रेमिका अपने परिवार सहित घटनास्थल से फरार है। जानकारी के अनुसार समाज की बंदिशों की वजह से प्यार को मंजिल नहीं मिली जिसके चलते आखिरकर दोनों के दो साल पुराने प्यार का अंत हो गया। युवक के पिता ने युवती के पिता और दो भाइयों पर हत्या का आरोप लगाकर पुलिस को तहरीर दी है। परिजनों का दावा है कि लड़का रात 3 बजे का गया हुआ था। जो अब लड़की के घर में कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची जहां शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार प्रेमी ने मौत से 4 घंटे पहले प्रेमिका के साथ एक स्टेटस भी लगाया लगाया जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
युवक का का नाम सौरभ पुत्र इंद्रजीत है, जबकि उसकी प्रेमिका का नाम मोहिनी पुत्री विजयपाल है दोनों हम उम्र (20 वर्ष) होने के साथ-साथ पड़ोस एक आलू मिल में काम करते हैं जहां उनका 2 साल से प्रेम-प्रंग चल रहा था। ये बात युवक व युवती के घर परिवार वालों को भी पता चल गई थी। दोनों को कई बार समझाया गया लेकिन वे शादी करके एक साथ रहने की जिद पर अड़े थे। दो दिन पहले युवक व युवती घर से फरार होने की फिराक में थे। युवक के बैग में युवती के कपड़े मिले तो पंचायत बैठी। जहां पंचायत में दोनों से कहा गया था कि उनका रिश्ता परिजनों को मंजूर नहीं है इसलिए वे अलग होकर एक दूसरे को भूल जायें। तदोपरांत ही गुरुवार को प्रेमी युवक सौरभ का शव फंदे से लटका मिला। जहां मृतक के पिता इंद्रजीत ने आरोप लगाया कि युवती के दो भाइयों व पिता ने उनके बेटे की हत्या कर शव लटकाया है। पिता ने तीनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस को तहरीर भी दी है। घटना की सूचना मिलने के बाद थानाध्यक्ष संजीव कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जहां फोटोग्राफी के साथ-साथ घटना स्थल से फॉरेंसिक साक्ष्य भी एकत्र किए हैं। युवती के घर प्रेमी का शव फंदे पर लटके होने की गुत्थी सुलझाने में पुलिस गहनता से जुटी है। दो दिन पहले युवक के बैग में युवती के कपड़े और दस हजार रुपये मिले थे जिससे उससे माना जा रहा है कि दोनों घर छोड़कर जाने का प्लान कंफर्म कर चुके थे। पंचायत ने भले ही उन्हें अलग हो जाने के लिए कहा हो लेकिन रात को 3 बजे सौरभ के प्रेमिका के घर जाने लोग यही मतलब समझ रहे हैं कि वह प्रेमिका के साथ फरार होना चाहता था। सीओ संभल आईपीएस आलोक भाटी ने बताया कि एक युवक द्वारा सुसाइड करने का मामला सामने आया है। जिसमें परिजनों की ओर से थाने पर तहरीर भी दी गई है। मौत का सही कारण जानने के लिए शव को पोस्टमार्टम लिए भेजा गया है पूरे मामले की पुलिस टीम जांच कर रहीं है जिसके बाद अग्रिम कर्रवाई की जायेगी।
◆ फॉलोवर्स बढ़ाने व पैसे कमाने के चक्कर में सोशल मीडिया पर करती थीं अश्लील भाषा का प्रयोग।
◆ मुकदमा दर्ज कर महक, परी सहित 4 को किया गिरफ्तार।
प्रवाह ब्यूरो संभल। सोशल मीडिया पर अश्लील भाषा का प्रयोग करने वाली गालीबाज परियों सहित पुलिस ने 4 को गिरफ्तार किया है। सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स बढ़ाने व पैसे कमाने के चक्कर में अश्लील भाषा का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज करतीं थीं। जिन्हें असमोली थाना पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। संभल के असमोली थाना क्षेत्र के शाहबाजपुर कला गांव में बीते 13 जुलाई को भीड़ लगी हुई थी। संबंधित मंसूरपुर माफी चौकी प्रभारी मोहित चौधरी टीम के साथ गस्त पर थे तो उन्होंने जानकारी की। जहां ग्रामीणों द्वारा गांव के दो युवतियों के बारे में जानकारी दी गई। जो फेसबुक तथा इंस्टाग्राम पर अश्लील भाषा का प्रयोग करते हुए गाली गलौज कर वीडियो अपलोड करती थीं। लोक लाज को त्याग कर वह गालीबाज परियों के नाम से प्रसिद्ध होना चाहती थीं। सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स बढ़ाने व पैसे कमाने के चक्कर में अश्लीलता फैला रही थीं। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के बच्चों व महिलाओं पर बुरा असर पड़ रहा था। जहां तहरीर के आधार पर दो लड़कियों महक तथा परी के नाम मुकदमा दर्ज कराया गया था। जांच के दौरान दो नाम और सामने आए।
जहां मंगलवार को पुलिस ने असमोली के शहबाजपुर कला निवासी मेहरुल निशा उर्फ परी पुत्री सरफराज, महक पुत्री सरफराज तथा अमरोहा के डिडौली थाना अंतर्गत मोहल्ला इकबाल नगर जोया निवासी हिना पुत्री कल्लू, अमरोहा के डिडौली थाना क्षेत्र के ही भवालपुर माफी निवासी जर्रार आलम पुत्र हामिद को गिरफ्तार कर लिया। जिन्होंने पूछताछ में बताया कि सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम पर अश्लील भाषा का प्रयोग करते हुए तथा गाली गलौज कर वीडियो अपलोड करती थीं । साथ ही फॉलोवर्स बढ़ाना चाहती थीं। जिन्हें पुलिस ने मेहरूल निशा उर्फ परी के घर से गिरफ्तार कर लिया। जिनके पास से पुलिस ने एक मोबाइल फोन एप्पल कंपनी का परी के पास से, एक मोबाइल हिना के पास से, एक मोबाइल जर्रार आलम के पास से बरामद किया है। उक्त संबंध में पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि असमोली थाना क्षेत्र में पिछले कई दिनों से कुछ लड़कियों द्वारा सोशल मीडिया पर गाली गलौज करके वीडियो अपलोड कर अश्लीलता फैलाई जा रही थी। शिकायत व तहरीर पर असमोली थाना पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच की गई तो महक, परी, हिना व जर्रार आलम द्वारा आईडी चलाई जा रही थी। जिस पर अश्लील वीडियो अपलोड किए जाते थे। जिन्हें आज गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
● एक पिंडी रूप में हुआ था मां कैला देवी का आगमन, नवरात्रों में दर्शन के लिए आता था शेर।
● दक्षिण दिशा में बहती थी लगभग 600 मीटर चौड़ी गंगा नदी।
● योग माया की अवतार मानी जाती हैं मां कैला देवी।
● आखिर कैसे पड़ा मां कैला देवी का नाम, कैसे हुईं प्रकट, क्या है मान्यता, जानें दैनिक प्रवाह के साथ।
प्रवाह ब्यूरो संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में स्थित मां कैला देवी धाम का बहुत ही प्राचीन इतिहास है। जहां जनपद ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों और उत्तर प्रदेश के कोने-कोने से लोग पूजा अर्चना करने आते रहते हैं। जहां पिंडी के रूप में प्रकट हुई थीं मां कैला देवी, एक महान संत ने कराई थी मठ की स्थापना। मां कैला देवी झाड़ी मंदिर भूड़ इलाके का एक प्रसिद्ध दैवीय तीर्थ स्थल है। जहां सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन मां कैला देवी के दर्शन को आते हैं तथा नवरात्रों के दिनों में हजारों की संख्या में दिनभर श्रद्धालु चलते रहते हैं।
बताया जाता है कि 14वीं शताब्दी के प्रारंभ में मां कैला देवी धाम के निकट ही दक्षिण दिशा में लगभग 600 मीटर चौड़ी नदी में गंगा की धारा बहती थी। इसी नदी में एक संत नित्य प्रतिदिन स्नान करने आते थे। एक दिन स्नान करते समय संत को नदी के किनारे स्थित उत्तर दिशा में ऊंचे टीले से एक शिशु के चीखने की आवाज सुनाई दी थी। संत ने कुछ क्षणों तक शिशु के चीखने की आवाज सुनी और अर्द्ध स्नान किए ही साहस के साथ सुनसान और भयंकर कंटीली झाड़ियों से गुजर कर ऊंचे टीले पर पहुंच गए, जहां से आवाज सुनाई दे रही थी। जैसे ही उन्होंने झांक कर देखा तो एक भव्य पिंडी दिखाई दी। संत ने उस भव्य पिंडी को स्पर्श करके नमन किया और उसे उठाने लगे। लेकिन पिंडी को वह हिला भी नहीं सके। जिसे देख संत को बड़ा आश्चर्य हुआ और ऊंचे टीले से उतरकर नदी में स्नान करने के लिए आ गए। जहां उन्होंने स्नान करने के बाद अपने कमंडल में जल भरकर पुनः पिंडी के पास पहुंच गए। उन्होंने कमंडल से जल लेकर पिंडी को स्नान कराया और नमन करते हुए अपने गंतव्य पर जा पहुंचे। जिसके पश्चात उन्हीं संत ने पिंडी के ऊपर एक छोटा सा कच्ची मिट्टी का मठ बनवाया। जहां सुबह-शाम घी का दीपक जलाते थे। धीरे-धीरे वहां मान्यता बढ़ती चली गई।
योग माया की अवतार और यादवों की कुलदेवी मानी जाती हैं, मां कैला देवी।
मां कैला देवी योग माया की अवतार मानी जाती हैं। कहा जाता है कि द्वापर युग में मथुरा में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से उत्पन्न कन्या को वहां के अत्याचारी राजा कंस ने अपना काल समझकर अपने हाथ से पृथ्वी पर पटक कर मारने की कोशिश की थी। लेकिन वह कन्या कंस के हाथ से छूटकर आकाश मार्ग में अंतर्ध्यान हो गई थी। वही कन्या कलयुग में योग माया से पिंडी के रूप में भूड़ क्षेत्र में प्रकट हुई। दूसरी तरफ कहा जाता है कि वह भगवान श्री कृष्ण की बहन भी थी। यादव कुल में जन्म लेने के कारण वह यादवों की कुलदेवी भी कही जाती है।
काला ढाक के नाम से प्रसिद्ध था जंगल, चोर डाकुओं का था अड्डा, इस प्रकार पड़ा मां कैला देवी का नाम…..
लगभग चार शतक पूर्व मां कैला देवी से एक किमी दूर दक्षिण दिशा में घना जंगल था। जिसका काफी दूर तक विस्तार था, और वह घना जंगल काला ढाक के नाम से भी प्रसिद्ध था। इस घने जंगल में चोर डाकू दिन दहाड़े राहगीरों से सामान लूटकर राहगीरों की हत्या करके पास में बह रही झील में फेंक दिया करते थे। मां कैला देवी ने योग शक्ति के द्वारा और चोर डाकुओं का संघार किया। काला ढाक क्षेत्र के समीप स्थित होने के कारण ही उस पिंडी का नाम मां कैला देवी पड़ा।
कई किलोमीटर की दूरी के बीच मां कैला देवी पर ही जलता था दीपक।
कहा जाता है कि 14 वीं शताब्दी में गंगा के दक्षिणी पश्चिमी तट पर 12 कोस दूर मां अवंतिका देवी का मठ था। दोनों देवियों के मध्य गंगा की धारा बह रही थी और घना जंगल था। दोनों के बीच कोई आबादी क्षेत्र नहीं था। शाम के समय रात्रि में गंगा के दक्षिणी पश्चिमी तट पर मां अवंतिका देवी तथा उत्तरी पूर्वी तट पर मां कैलादेवी पर ही दीपक जलता था।
झाड़ी में पिंडी के पास दहाड़ता हुआआताथा एक शेर।
लगभग चार दशक पूर्व तक मां कैला देवी की विशालकाय घनी झाड़ी में चैत्र और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवरात्रि के दिनों में शाम के समय प्रतिदिन दहाड़ता हुआ एक शेर आता था। और सुबह के समय बिना किसी को हानि पहुंचाए चुपचाप चला जाता था। नवरात्रों के बाद में वह शेर किसी को दिखाई नहीं देता था और न ही उसकी दहाड़ सुनाई देती थी। सिंह की दहाड़ सुनकर लोगों में एक आस्था और उत्पन्न हुई की मां कैला देवी साक्षात् देवी के रूप में नवरात्रि के दिनों में शेर पर सवार होकर आतीं हैं।
वर्तमान में कैला देवी मंदिर का महत्व…
मां कैला देवी धाम पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में भक्त अपनी इच्छाओं को लेकर पहुंचते हैं और उनकी इच्छाएं पूर्ण भी होती हैं। जहां प्रत्येक महीने के प्रत्येक सोमवार को दिनभर महिलाओं तथा कन्याओं की भीड़ हजारों की संख्या में सुबह से शाम तक लगी रहती है। मंदिर में दूध, दही, ध्वजा नारियल तथा प्रसाद आदि चढ़ाते हैं। मान्यता है कि दुधारू पशु दूध नहीं दे रहा हो तो पशु का दूध या दही मंदिर में चढ़ा देने से वह पर्याप्त मात्रा में दूध देने लगता है। मंदिर पर नित्य सुबह शाम को घंटा तथा नगाड़ा बजाकर सामूहिक स्वर में आरती की जाती है। नित्य प्रातः 4 बजे आरती होती है तथा क्षेत्रवासी घंटे की आवाज सुनकर सुबह अपनी शैया छोड़ देते हैं और अपने दैनिक कार्यों में लग जाते हैं। मां कैला देवी धाम पर घंटे की ध्वनि लगभग 7 किलोमीटर की परिधि में आसानी से सुनी जा सकती है।
मां कैला देवी धाम पर मेले व रामलीला का भी होता है आयोजन।
मां कैला देवी धाम पर कई शतकों से चैत्र और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के नवरात्रि के दिनों में जहां उत्तर प्रदेश के हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन अपनी इच्छा लेकर आते हैं, वहीं अन्य राज्यों से भी लोग मन्नतें मांगने आते हैं। उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली प्रांत से भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं। जहां चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की रामनवमी तथा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष दो बार एक दिवसीय मेले का आयोजन भी किया जाता है। जहां आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में 12 दिवसीय रात्रि में रामलीला का भी आयोजन होता है। दीपावली के पर्व पर दीपोत्सव तथा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। आषाढी, गुरु पूर्णिमा पर विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। समय-समय पर अन्य भक्त मंदिर पर आकर भंडारा करते रहते हैं तथा जागरण भी होते रहते हैं।
मां कैला देवी धाम के अन्य तथ्य…..
प्राचीन समय में मां कैला देवी के निकट दक्षिण दिशा में एक नदी बहती थी, जो लगभग तीन दशक पहले तक एक दलदली झील के नाम से जानी जाती थी। इस झील में भारी जीव जंतु और मनुष्य आदि भी जमीन में नीचे की ओर धंस जाते थे। लगभग डेढ़ दशक पूर्व तक इस झील में सांप, बिच्छू, केकड़ा जौंक, सीपी, चौंधा, दादुर तथा कछुआ आदि के विभिन्न प्रजातियां भी पाई जाती थीं। इस झील में कमल, कुमुदिनी, फटेरा तथा टांटर आदि वनस्पतियां प्रमुखता से पाई जाती थीं। कहा जाता है कि जमींदार लोग हाथी पर सवार होकर फटेरा घास लेने के लिए इस झील में आया करते थे। क्योंकि इस घास को हाथी बड़े चाव से खाता है। जहां कई जमींदार लोग और हाथी भी इस दलदली झील में काल के गाल में समा गए।
राजस्थान के मां कैला देवी धाम से नहीं है कोई संबंध।
कैला देवी धाम के महंत ऋषि राज गिरी जी महाराज बताते हैं कि राजस्थान में स्थित मां कैला देवी का संभल के भूड़ क्षेत्र की स्थित मां कैला देवी से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं हैं। मंदिर के निकट लगभग शतक पूर्व प्रसिद्ध संत शीतल दास महाराज की समाधि भी है। जहां संत शीतल दास महाराज जी ने मां कैला देवी के चमत्कारों की प्रसिद्ध सुनकर नित्य दर्शन करने प्रारंभ कर दिए थे और वह मां कैला देवी के टीले से पूर्व दिशा में एक कुटी बनाकर वहीं रहने लगे थे। वर्षा ऋतु में घनघोर वर्षा होने के चलते चारों ओर पानी ही पानी दिखाई देता था। बताया जाता है कि एक बार घनघोर वर्षा हो रही थी। स्नान करने के लिए शीतल दास महाराज ने मां कैला देवी से एक प्रार्थना की थी कि यदि तुममें शक्ति है तो मुझे किसी सवारी का प्रबंध करो, जिससे कि मैं नित्य नियम अनुसार गंगा में स्नान कर सकूं। इस समय मां ने आकाशवाणी हुई कि शीतला तू अपनी कुटिया की झोपड़ी पर बैठ, यहीं से तुझे गंगा में स्नान कराके लाएगी। उसी समय शीतल दास जी कुटिया के छप्पर पर बैठे और कुटिया सहित गंगा में पहुंचकर स्नान करने के बाद सबसे पहले वापस आ गए थे। उसी समय से मां कैला देवी की शक्ति की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैलती चली गई। जहां अंत में इस कुटिया में अपनी समाधि लगाकर पृथ्वी में शीतल दास महाराज जी विलीन हो गए और उनका समाधि मंदिर आज भी उनके नाम से प्रसिद्ध है।
मां कैला देवी धाम के प्रसिद्ध संत बाबा रतन गिरी का इतिहास।
भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात मां कैला देवी की प्रसिद्धि को सुनकर यहां महंत रतन गिरी जी आए। उन्होंने मां कैला देवी की पिंडी को खुदवाकर देखा तो वह देवी की जड़ को नहीं ढूंढ पाए और थक कर यही कहा कि यह देवी पातालीं है। शक्ति स्वरुपा हैं। उसी दिन से महंत रतन गिरी जी ने देवी के टीले की कंटीली झाड़ियां को काटकर उस स्थान पर मंदिर बनवाया। देवी के दक्षिण दिशा में शिवजी तथा उत्तर दिशा में हनुमान जी के मंदिर की भी स्थापना कराई। संत रतन गिरी जी ने मंदिर की दक्षिण दिशा में एक कुटिया बनाई जिसमें देवी के भक्तों के बैठने की व्यवस्था की गई। झील के उत्तर दिशा में कुएं का निर्माण कराया। जहां आज वह कुआं जलरहित हो चुका है। धीरे-धीरे मां कैला देवी धाम की प्रसिद्धि बढ़ती चली गई और अन्य राज्यों से भी लोग दर्शन के लिए आने लगे। यहां कई दशकों पूर्व से सोमवार के दिन साप्ताहिक बाजार का भी आयोजन होता है, जिसमें लगभग कई दर्जनों गांवों के लोग बाजार का लाभ उठाते हैं और अपनी आवश्यकताओं की वस्तुएं और सब्जियां खरीदते हैं। आज संभल के भूड़ इलाके में स्थित मां कैला देवी का स्थान उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी एक श्रद्धा का केंद्र बन चुका है।
● लाइव लोकेशन से रहेगी कांवड़ियों पर नजर, कंट्रोल रूम में स्क्रीन पर देखे जा सकेंगे सभी दृश्य।
● अति संवेदनशील शहर की श्रेणी में शामिल संभल की सुरक्षा पर रहेगी पैनी नजर।
प्रवाह ब्यूरो संभल। संभल पुलिस ने कावड़ियों की निगरानी के लिए इस बार अनूठी पहल शुरू की। पहली बार कांवड़ियों को जियो टेक टेक्नोलॉजी से जोड़ा गया है। जिसके चलते ही पुलिस कंट्रोल रूम से ही कांवड़ियों की प्रत्येक गतिविधि पर स्पष्ट नजर रख सकेगी। अति संवेदनशील शहर होने के चलते यूपी के संभल में ऐसा पहली बार हो रहा है। इसका यह लाभ रहेगा कि अगर कोई जत्था कहीं भी रुकता है तो पुलिस इसकी जानकारी तत्काल कर सकेगी। बावजूद इसके यदि कोई असुविधा जत्थे को लगती है तो पुलिस प्रशासन तत्काल मौके पर पहुंच सकेगा।
एएसपी (उत्तरी) राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में 200 से अधिक कैमरे लगाये गयें हैं। जिनका एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है ऐसी में जत्था कहां पर है जिओ ट्रैकिंग तकनीक के जरिए मौके की तस्वीरों को आसानी से कंट्रोल रूम में बैठकर देखा जा सकता है। एएसपी का दावा है कि यह तकनीक यूपी में पहली बार संभल में इस्तेमाल हो रही है जो शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भविष्य में अन्य त्योहारों पर भी लागू की जाया करेगी। कावड़ियों के जत्थे रवाना हो गए हैं जो रविवार की देर रात तक संभल की ओर लौटेंगे जिनका माह के प्रथम सोमवार को जलाभिषेक होगा। जनपद में चाक-चौबंद व्यवस्था के चलते कावड़ियों की हर गतिविधि कैमरे पर रहेगी। जहां उनकी गतिविधि को संबंधित पुलिस टीम के माध्यम से अपडेट कराया जा सकेगा। जिसे निर्देशित करते हुए सकुशल आगे बढ़ाएंगे। इन सभी गतिविधियों के लिए संभल की सत्यव्रत पुलिस चौकी पर कंट्रोल रूप स्थापित किया गया है। एसपी के अनुसार कि इस बार जिले में 12000 कैमरे के साथ कुल 11 कंट्रोल रूम बने हैं जिन पर 24 घंटे पुलिसकर्मियों की ड्यूटी रहेगी।
बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर शनिवार को डीआईजी मुनिराज ने भी जिले में कावड़ियों के प्रवेश स्थल मनौटा पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने महिला हेल्प डेस्क व हवालात का भी स्थलीय मुआयना किया। जहां शनिवार को कावड़ यात्रा के दृष्टिगत विभिन्न स्थानों से अतिक्रमण आदि को हटाया गया। इस बार जनपदीय प्रशासन द्वारा कावड़ियों को बहुत ही सुरक्षित वातावरण में कावड़ यात्रा संपन्न करने का प्लान निर्धारित किया है। जिसके लिए डिजिटल सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ अतिरिक्त फोर्स बल की भी तैनाती की गई है।
● आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद खड़ा हो गया था विवाद।
प्रवाह ब्यूरो संभल। संभल की बीएसए अलका शर्मा द्वारा जारी स्कूल मर्जर का एक आदेश विवाद का कारण बन गया। क्योंकि पहले जारी आदेश में कहा गया था कि 70 से कम बच्चों वाले सभी गवर्नमेंट प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए जाएंगे। इन स्कूलों के छात्रों को पास के अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाना था। आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हाल के बाद विवाद खड़ा हो गया। तदोपरांत बीएसए ने अपना स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि पहला आदेश त्रुटिवश जारी हो गया था। उन्होंने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वास्तव में 50 से कम छात्रों वाले 70 स्कूलों को मर्ज करने का प्रस्ताव है। अलका शर्मा बताया कि 70 से कम बच्चों वाले स्कूलों को बंद करने का जो आदेश था वह त्रुटिवश जारी हो गया था। जनपद में 181 स्कूलों को मर्ज करने के आदेश हुए थे इस मामले में जनपद में तीसरे चरण में 50 से कम बच्चों वाले 70 स्कूल हैं जिन्हें मर्ज करने के आदेश दिए गए लेकिन त्रुटिवश 70 स्कूलों की जगह 70 से कम बच्चों वाले स्कूलों को बंद करने आदेश हो गए जो सब भूल वश जारी हुआ। जिसमें तत्काल सुधार करते हुए स्पष्ट स्थिति को निर्धारण कर दूसरा संशोधित लेटर जारी कर दिया गया है। जिसमें सिर्फ 50 से कम छात्रों वाले 70 स्कूलों को मर्ज करने का प्रस्ताव है।